तामसिक आदतों से दूर रह कर करें शारदीय नवरात्रि की पूजा आचार्य देव

Acharya Dev: Stay away from evil habits and worship during Sharadiya Navratri
Acharya Dev: Stay away from evil habits and worship during Sharadiya Navratri
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय): शारदीय नवरात्रि सनातन संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार है, जो हर वर्ष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का प्रतीक है। नौ दिनों तक देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों को पूजा जाता है। नवरात्रि का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। 

डा. ज्योतिषाचार्य आचार्य देव ने बताया शारदीय नवरात्रि 2024 का शुभारंभ 3 अक्टूबर 2024 से होगा। नवरात्रि का ये पावन त्यौहार 11 अक्टूबर 2024 तक चलेगा। 3 अक्तूबर अश्विन प्रतिप्रदा गुरूवार को नवरात्रि कलश स्थापना होगी। कलश स्थापना का मुहुर्त सुबह 06:15 बजे से 07:22 बजे तक रहेगा।


आचार्य देव ने कहा नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। प्रत्येक दिन एक विशिष्ट देवी को समर्पित होता है। आइए, शारदीय नवरात्रि 2024 शुरू होने से पहले जानते हैं इन नौ रूपों के बारे में:

शैलपुत्री: पर्वतराज हिमालय की पुत्री, देवी शैलपुत्री नवरात्रि के पहले दिन पूजी जाती हैं। इनको सफ़ेद रंग बहुत प्रिय है और माँ शैलपुत्री शांति और पवित्रता का प्रतीक हैं। 

ब्रह्मचारिणी: देवी ब्रह्मचारिणी तपस्या और साधना की देवी हैं। इस दिन पीले रंग का महत्व है, देवी ब्रह्मचारिणी सुख और समृद्धि देने वाली हैं।

चंद्रघंटा: देवी चंद्रघंटा शांति और साहस की देवी मानी जाती हैं। तीसरे दिन के लिए हरे रंग को शुभ माना जाता है।

कूष्माण्डा: देवी कूष्माण्डा को ब्रह्मांड की रचना करने वाली देवी कहा जाता है। इस दिन का रंग नारंगी है, जो ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक होता है।

स्कंदमाता: देवी स्कंदमाता, भगवान कार्तिकेय की माता, शांति और भक्ति की देवी मानी जाती हैं। यह दिन सफेद रंग को समर्पित है।

कात्यायनी: देवी कात्यायनी शक्ति और साहस की प्रतीक हैं। छठे दिन के लिए लाल रंग शुभ माना जाता है।

कालरात्रि: देवी कालरात्रि बुराई का नाश करने वाली देवी मानी जाती हैं। इस दिन का रंग नीला है, जो शत्रुओं का नाश करने का प्रतीक है।

महागौरी: देवी महागौरी पवित्रता और शांति की देवी हैं। इस दिन का रंग गुलाबी है, जो प्रेम और भक्ति का प्रतीक है।

सिद्धिदात्री: देवी सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। नवमी के दिन बैंगनी रंग को शुभ माना जाता है।

नवरात्रि के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का पालन किया जाता है। देवी दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर की स्थापना की जाती है और नौ दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि की पूजा में कलश स्थापना, देवी के नौ रूपों का आवाहन, मंत्र जप, हवन, कन्या पूजन आदि प्रमुख अनुष्ठान होते हैं। 

वामा एप के संस्थापक आचार्य देव ने अपनी बात को अंतिम रूप देते हुए नवरात्रि पूजा विधि के बारे में बताया

नवरात्रि की शुरुआत में घर या मंदिर में कलश स्थापना करें। 
माँ दुर्गा का आवाहन करें और उनको धूप, दीप,अक्षत,पुष्प और प्रसाद अर्पित करें।
नारियल, श्रृंगार और चुनरी माँ को अत्यंत प्रिय है, उन्हें अर्पित करें। 
दुर्गा सप्तशती, देवी महात्म्य, और गायत्री चालीसा का पाठ करें। 
अगर आपने मन्त्र जाप का कोई संकल्प लिया है तो रोजाना संकल्पित मन्त्रजाप करें। 
दुर्गा-आरती करें और अंत में फलाहार प्रसाद वितरित करें। 
आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार नवरात्रि में उपवास रख सकते हैं। 
अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ इस नवरात्रि अनुष्ठान को पूरा करें। 
तो इस प्रकार से आप शारदीय नवरात्रि 2024 में पूजा कर सकते हैं। नवरात्रि काल अत्यंत पवित्र अवधि है इसलिए इसमें की गयी पूजा हमेशा फलित होती है। इस काल में तामसिक आदतों से दूर रहकर आप आध्यात्मिक उन्नति के प्रयास कर सकते हैं। ऐसी ही ज्योतिषीय जानकारी, राशिफल इत्यादि के लिए आप हमारे ब्लॉग पढ़ते रहें।

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