बोर्डरूम में रणनीतिक सफलता, रेंज पर अचूक निशाना—कुणाल सेठ लगातार रच रहे कीर्तिमान

Strategic success in the boardroom, unerring aim at the range—Kunal Seth continues to break records
 
Strategic success in the boardroom, unerring aim at the range—Kunal Seth continues to break records
लखनऊ
नवाबों के शहर लखनऊ के लिए यह सप्ताह गर्व से भरा रहा, जब शालीमार ग्रुप के डायरेक्टर कुणाल सेठ ने 68वीं राष्ट्रीय शॉटगन शूटिंग चैंपियनशिप 2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए “रिनाउंड शूटर ऑफ़ इंडिया” की प्रतिष्ठित मान्यता हासिल की। नई दिल्ली स्थित डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश के शीर्ष निशानेबाज़ों ने शिरकत की, लेकिन कुणाल सेठ का प्रदर्शन सबसे अलग और प्रभावशाली रहा।

इस उपलब्धि को विशेष बनाने वाली बात सिर्फ़ खिताब नहीं, बल्कि वह आत्मविश्वास और मानसिक दृढ़ता रही, जिसके साथ उन्होंने यह मुकाम हासिल किया। जहां क्वालिफिकेशन का बेंचमार्क 90/125 निर्धारित था, वहीं कुणाल सेठ ने 21, 20, 16, 20 और 20 के राउंड स्कोर के साथ कुल 97 अंक अर्जित किए। शूटिंग जैसे दबावपूर्ण खेल में, जहां एक क्षणिक चूक परिणाम बदल सकती है, वहां हर राउंड में संयम और लय बनाए रखना उनकी परिपक्वता और अभ्यास का प्रमाण रहा।

एक ओर बड़े बिज़नेस ग्रुप की जिम्मेदारियां, तो दूसरी ओर अत्यंत प्रतिस्पर्धी खेल—इन दोनों क्षेत्रों में समान उत्कृष्टता हासिल करना विरले ही संभव हो पाता है। कुणाल सेठ ने यह सिद्ध कर दिखाया कि अनुशासन, फोकस और संतुलन के साथ कोई भी व्यक्ति बहुआयामी सफलता प्राप्त कर सकता है। प्रतियोगिता स्थल पर मौजूद युवा निशानेबाज़ों के लिए वह सिर्फ़ एक प्रतिभागी नहीं, बल्कि प्रेरणास्रोत बनकर उभरे।
रेंज पर 90 से ऊपर का उनका स्कोर शूटिंग जगत में चर्चा का विषय बना रहा। कई वरिष्ठ खिलाड़ियों और विशेषज्ञों ने उनके प्रदर्शन की सराहना की, वहीं युवा खिलाड़ी उनके हर राउंड को ध्यान से देखते नज़र आए। चर्चा केवल स्कोर तक सीमित नहीं रही, बल्कि इस बात पर भी केंद्रित रही कि वे बिज़नेस और खेल—दोनों में उच्च मानक कैसे स्थापित कर पा रहे हैं।
अपनी इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुणाल सेठ ने कहा,
“मैं सभी शुभचिंतकों का आभार व्यक्त करता हूं। बिज़नेस की व्यस्तताओं के बावजूद रिनाउंड शूटर ऑफ़ इंडिया के रूप में पहचान मिलना मेरे लिए गर्व और सम्मान की बात है। अब मेरा लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करना है, जिसके लिए मैं पूरी मेहनत और लगन से तैयारी जारी रखूंगा।”
उनके शब्दों में न केवल संतोष, बल्कि अगले शिखर को छूने का स्पष्ट संकल्प झलकता है—जो लखनऊ ही नहीं, पूरे देश के लिए प्रेरणा है।

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