गांधी जी के साबरमती आश्रम में  ऐतिहासिक गांधी आश्रम शिक्षा परिसर का आज  छात्र छात्राओं की उपस्थिति में भूमि पूजन संपन्न       

The ground breaking ceremony of the historic Gandhi Ashram education campus was held today in the presence of students at Gandhiji's Sabarmati Ashram.
The ground breaking ceremony of the historic Gandhi Ashram education campus was held today in the presence of students at Gandhiji's Sabarmati Ashram.
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पाण्डेय)। आजादी का संपूर्ण आंदोलन जिस स्थान से संचालित हुआ वह पहले कोचरब आश्रम से और बाद में साबरमती नदी के तट पर होने के कारण साबरमती आश्रम के  नाम से दुनिया भर में प्रख्यात हुआ। इस      ।आश्रम में गांधी जी सर्वाधिक रहे।यहीं उनसे मिलने देश विदेश के मेहमान आते थे। यहीं पर 1916 में युवा विनायक भी काशी से चलकर मिलने आया जो बापू के आशीर्वाद से  विनोबा के नाम से प्रख्यात  हुए।                    

उसी आश्रम को पूर्व की भांति पुनर्जीवन करने की प्रक्रिया गत कई वर्षों  से  चल रही है जिसमें गांधी जी का ह्रदय कुंज जो आश्रम का प्राणतत्व ह्रदय की भांति बिलकुल यथावत रखा गया है। शेष गतिविधियों को जीवंतता प्रदान करने हेतु एक एक परिसर को पृथक  नाम देकर विकसित करने का पुनीत कार्य शुरू किया गया है। बाबा विनोबा से एक बार किसी  ने जानना चाहा कि बाबा अंकों में शुभ अंक कौन सा होता है ।तो बाबा ने 11 को शुभ अंक बताते हुए कहा कि यह अंक समता का संदेश देता है जैसे 11 ,22,33,44,55 आदि आदि।                     अगर कोई कार्य 11 तारीख को 11 बजे पूजन से  प्रारंभ हुआ हो तो आप कल्पना करिए कि वह कार्य कितना शुभ होगा।   

गांधी आश्रम शिक्षा परिसर  का भूमिपूजन गांधी विनोबा विचार से जुड़े अनेक अग्रजों के सौजन्य से 11 जुलाई को 11 बजे संपन्न हुआ।   यह अनूठा प्रयास आश्रम में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को स्थाई स्थल पर शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु  यह अदभुत सेवा यज्ञ नवनिर्माण के इतिहास में सुदृढ़  मील का पत्थर साबित होगा। भूमि पूजन के अवसर पर सभी बच्चों ने सर्वधर्म प्रार्थना, विनय मंदिर की छात्राओं ने शुभ मंगल हो, शुभ मंगल हो गाया।जो  ब्रह्म विद्या मंदिर पवनार में किसी शुभ कार्य के प्रारंभ में गाया जाता है। आज की शुरुआत एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि परिसर में पढ़ने वाले परीक्षित शाला के बच्चे, विनय मंदिर जो बालिकाओ की एक बहुत पुरानी जीवंत शिक्षा संस्था  है

जहां हरिजन सेवक संघ गुजरात के सचिव श्री अजीत भाई जैसे लोग भी पढ़ाई किए हैं। सोमनाथ छात्रालय तो नाम से एक आध्यात्मिक स्थान लगता है उसमें रहने वाली 200 छात्राएं जो ग्रामीण क्षेत्र से आकर यहां रहकर बहुत सुंदर पढ़ाई करके प्राथमिक  शिक्षक बनकर ग्रामसेवा के लिए तैयार की जाती हैं। शिक्षक की पढ़ाई कराने हेतु पी टी सी कालेज भी परिसर में ही है। यह पांच संस्थाएं अलग अलग पांच स्थानों पर हुआ करती थीं। अब ये जो आज भूमि पूजन हुआ है।इसके अठारह महीने बाद गांधी आश्रम शिक्षा परिसर (संकुल) के रूप में दिखेंगी। इस परिसर में  वंचित गरीब परिवार की बच्ची कक्षा एक में प्रवेश लेकर इंटर और उसके बाद आगे प्राथमिक शिक्षक बनकर ही निकलेगी। जिस व्यक्ति की यह दूरदृष्टि  विशेष रूप से जगत भलाई की  सोच है। उसे सैल्यूट करते हुए विनोबा विचार प्रवाह परिवार ने आज अपार प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस परिसर की शुरुआत सर्वधर्म प्रार्थना, नाम माला  से होना बहुत बड़ी बात है। यहां के बच्चों की जो सुबह शाम की प्रार्थना होती है

वह गांधी विनोबा विचार  युक्त साक्षात सर्वोदय का दर्शन कराती है। बच्चों के जीवन में खादी पहनना तो है ही उसे कातना और बुनना भी उनके शिक्षण में शामिल होता है। श्रमदान करना इनके जीवन का अंग होगा। तभी गांधी जी के आश्रम में गांधी की जीवंतता हेड, हैंड, ह्यर्ट, सभी का प्रयोग  इस परिसर में दिखाई देगा। संपूर्ण परिसर का रूपरेखा ऐसी ही बनी है। क्योंकि इस दृष्टि के सूत्रधार ने इस परिसर को बनाने के लिए देश दुनिया का कौन सा संस्थान उन्होंने नहीं भ्रमण किया। शांतिनिकेतन से यह यात्रा शुरू करके दुनिया के तमाम देशों में जाकर गांधी को जीवन देने के लिए इसका चित्र अदभुत  बनाया। इस परिश्रम की खुशबू आना आज से ही शुरू हो जाएगी ।

आज के अवसर पर बा बापू बाबा परीक्षित भाई ,ईश्वर भाई, अमृत भाई  का याद आना स्वाभाविक ही था। उन सभी की तपस्या यहां पर हुई है। उसके दर्शन यहां पढ़ने वाले हर छात्र छात्रा को होवे।ऐसा सपना यहां के लोगों ने देखा है। इस अवसर पर गांधी आश्रम ट्रस्ट के जयेश भाई, सफाई आयोग भारत सरकार की सदस्य रहीं श्रीमती कमला बेन गुर्जर हरिजन सेवक संघ के।सचिव अजीत भाई, सफाई विद्यालय के अनीस भाई, संदीप भाई, विनय मंदिर की प्रिया मौर्या , किशन भाई, सुघड़ के देवेंद्र भाई, मणि भाई, धीरू मामा, जयदेव भाई, विनय भाई एवं सभी विद्यालयों की प्राचार्या, शिक्षिकाएं और विशेष रूप से सभी ग्रहमाता एवं सैकड़ों छात्र छात्राएं , मौजूद रहकर खुश हो रही थीं क्योंकि यह सुंदर परिसर उनके लिए निर्मित होने जा रहा था।यह अहसास उनके चेहरे पर स्पष्ट झलक रहा था। इस पुनीत कार्य में शुभकामनाएं देने वाले सेवाधाम उज्जैन के सुधीर भाई गोयल , हरिजन सेवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा शंकर कुमार सान्याल , विसर्जन आश्रम जीवनशाला की स्वेता।गुप्ता, बांदा के।शिवविजय जी, लखनऊ के डा रूपेश चंद्रा, परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश की डा प्रिया परमार, राजस्थान सिरोही सुब्बाराव विद्यालय के राजेंद्र यादव, उन्नाव के डा अभिषेक गौड़, आदि हैं।

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