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पर्यावरण संरक्षक बन बहुआयामी दृष्टिकोण के साथ कार्य करें विद्यार्थी - प्रो. राजकुमार मित्तल

Students should become environmental protectors and work with a multi-faceted approach - Prof. Rajkumar Mittal
 
Students should become environmental protectors and work with a multi-faceted approach - Prof. Rajkumar Mittal
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में दिनांक 26 मार्च को राष्ट्रीय सेवा योजना महिला इकाई की ओर से आयोजित विशेष शिविर के अंतर्गत छठवें दिन वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। इसके अतिरिक्त मुख्य तौर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ. तरूणा मौजूद रहीं। कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने डॉ. तरूणा एवं अन्य स्वयं सेविकाओं के साथ मिलकर अंबेडकर भवन परिसर में पौधे लगाये।


कुलपति प्रो. मित्तल ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण वैश्विक स्तर पर एक अहम मुद्दा है। इसीलिए हम सभी को पर्यावरण संरक्षक बन बहुआयामी दृष्टिकोण के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से एकजुट होकर समाज कल्याण के कार्य करने से न केवल समाज का विकास होता है, बल्कि विद्यार्थियों में प्रारंभिक स्तर पर अनुशासन, धैर्यशीलता, समूह की भावना, नेतृत्व क्षमता, पारस्परिक संतुलन, अनुकूलन क्षमता आदि का गुणों का विकास होता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी विद्यार्थियों के इस प्रकार के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता देती है। इसके अतिरिक्त प्रो. मित्तल ने एनएसएस स्वयंसेविकाओं से विशेष शिविर के दौरान किये गये समाज कल्याण के कार्यों की जानकारी ली और सभी को एक अच्छा नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया।


इस विशेष शिविर के पहले तीन दिन स्वयं सेविकाओं द्वारा औरंगाबाद जांगीर गांव में लोगों को साइबर अपराध एवं सुरक्षा और मतदान के प्रति नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूक किया गया। शिविर के चौथे दिन विश्वविद्यालय परिसर में सफाई अभियान का आयोजन किया गया। साथ ही पांचवें दिन राजकीय तकमील उत्तिब विद्यालय में स्वयं सेविकाओं द्वारा मरीजों की सहायता की गयी। इस सात दिवसीय शिविर का मुख्य उद्देश्य स्वयं सेविकाओं में समाज कल्याण एवं सहायता की भावना को विकसित करना है, जिससे वे एक अच्छा नागरिक बन राष्ट्र की प्रगति में अपना अहम योगदान दे सकें।  समस्त कार्यक्रम के दौरान हार्टिकल्चर इंस्पेक्टर डॉ. समीर दीक्षित, अन्य शिक्षक, गैर शिक्षण कर्मचारी, शोधार्थी, स्वयं सेविकाएं एवं अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।

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