कवाई थर्मल पावर प्लांट विस्तार पर सफल जनसुनवाई: ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी के साथ पर्यावरण व विकास पर सार्थक संवाद
मुख्य बिंदु
प्रस्तावित 3200 मेगावाट अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट पर ग्रामीणों ने दिखाई रुचि
अटरू तहसील के कवाई गांव में हुआ व्यापक जनसंवाद
पर्यावरणीय प्रभावों, रोजगार व सामाजिक विकास पर ग्रामीणों ने रखे सुझाव
अदाणी पॉवर लिमिटेड की पहलों को ग्रामीणों ने सराहा
Mon, 7 Jul 2025
कवाई (अटरू), 7 जुलाई 2025: बारां जिले की अटरू तहसील स्थित ग्राम कवाई में सोमवार को प्रस्तावित 3200 मेगावाट (4x800) अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट के विस्तार को लेकर जनसुनवाई का आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। यह सुनवाई पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार की 14 सितंबर 2006 की अधिसूचना व उसके संशोधनों के अंतर्गत पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु आयोजित की गई थी। इस प्रस्ताव के तहत अदाणी पॉवर लिमिटेड द्वारा पहले से संचालित 1320 मेगावाट (2x660) संयंत्र की क्षमता में वृद्धि की जाएगी।
जनसुनवाई का आयोजन राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल, झालावाड़ के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा किया गया। इसकी अध्यक्षता उपखंड मजिस्ट्रेट, अटरू श्री ओमप्रकाश चंदेलिया ने की, जिन्हें जिला कलेक्टर श्री रोहिताश्व सिंह तोमर द्वारा अधिकृत किया गया था। कार्यक्रम में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी श्री अनुराग यादव समेत परियोजना से जुड़े अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण, जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।

जनसुनवाई के दौरान पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन रिपोर्ट के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। ग्रामीणों ने संयंत्र से उत्पन्न होने वाले संभावित प्रभावों जैसे जलवायु, वायु गुणवत्ता, जल स्रोत, हरित क्षेत्र, व रोजगार के अवसरों पर अपनी राय और सुझाव साझा किए। ग्रामीणों ने यह भी अनुरोध किया कि परियोजना के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और स्थानीय आजीविका से संबंधित विकास योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए।
ग्रामीणों की सराहना: अदाणी पॉवर की विकास पहलें
जनसुनवाई में ग्रामीणों ने अदाणी पॉवर लिमिटेड द्वारा जिले में की गई विभिन्न सामाजिक और पर्यावरणीय पहलों की खुले दिल से सराहना की। 'हरित पर्यावरण कार्यक्रम' के तहत 15 सरकारी व आवासीय विद्यालयों में सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिससे 4500 से अधिक विद्यार्थियों को निरंतर विद्युत और बेहतर शैक्षिक वातावरण मिला है।
शैक्षिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नवोदय कोचिंग क्लासेस की शुरुआत की गई है, जबकि स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत 12 जिला अस्पतालों में सेवाएं और 24x7 एम्बुलेंस सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
ग्रामीण आजीविका को प्रोत्साहित करने के लिए डेयरी परियोजनाएं शुरू की गईं हैं। अमापुर गांव में महिला-संचालित डेयरी व्यवसाय में 500 से अधिक महिलाएं सक्रिय रूप से जुड़ी हैं। दूध संग्रह केंद्रों की स्थापना से ग्रामीण परिवारों को स्थायी आय के अवसर प्राप्त हुए हैं।
इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान भी चलाया गया है।
