अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर सुएज़ इंडिया ने आयोजित किया जनजागरूकता कार्यक्रम

Suez India organised public awareness programme on International Biodiversity Day
 
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर सुएज़ इंडिया ने आयोजित किया जनजागरूकता कार्यक्रम

स्थान: ताऊ देवी लाल बायोडायवर्सिटी पार्क, लखनऊ


सहयोग में: नोबल सिटिजन फाउंडेशन


थीम: “प्रकृति और सतत विकास के साथ सामंजस्य”

लखनऊ, मई 2025
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर सुएज़ इंडिया ने नोबल सिटिजन फाउंडेशन के साथ मिलकर एक जन-जागरूकता अभियान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था लोगों को जैव विविधता के महत्व और सतत विकास में उसकी भूमिका के प्रति जागरूक करना।

नुक्कड़ नाटक से जागरूकता की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत एक प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक से हुई, जिसमें वॉलंटियर्स ने जैव विविधता की पारिस्थितिक प्रणाली में भूमिका को दर्शाया। नाटक के माध्यम से यह बताया गया कि पर्यावरण का हर घटक—चाहे वह पेड़ हो, पक्षी हो या कीट—हमारे जीवन और पारिस्थितिक संतुलन के लिए आवश्यक है। कलाकारों ने दर्शकों से पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार व्यवहार अपनाने की अपील की।

बच्चों के लिए विशेष ‘बायोडायवर्सिटी वॉक’

इस कार्यक्रम में स्थानीय सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों के लिए एक शैक्षिक ‘बायोडायवर्सिटी वॉक’ भी आयोजित की गई। बच्चों ने प्राकृतिक प्रजातियों, स्थानीय पेड़-पौधों और उनके पारिस्थितिक महत्व के बारे में जाना। यह सैर न सिर्फ शैक्षिक थी, बल्कि बच्चों में प्रकृति के प्रति जुड़ाव भी गहराया।

सीईओ का संदेश: प्रकृति से जुड़ाव ही टिकाऊ भविष्य की नींव

सुएज़ इंडिया के सीईओ, श्री रश्मि रंजन रे ने इस मौके पर कहा:“यह पहल सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समुदाय को प्रकृति से जोड़ने की दिशा में एक सार्थक कदम है। जैव विविधता को समझना और संरक्षित करना सुएज़ के स्थायी विकास के मूलभूत सिद्धांतों में से एक है।”

सुएज़ इंडिया की भूमिका और प्रतिबद्धता

  • स्थापना: 1978 से भारत में जल और अपशिष्ट जल प्रबंधन में अग्रणी

  • दैनिक उपचार: लगभग 100 करोड़ लीटर अपशिष्ट जल

  • वैश्विक प्रदर्शन (2024):

    • 3 अरब क्यूबिक मीटर वेस्टवॉटर का ट्रीटमेंट

    • 25 लाख टन सेकंडरी कच्चे माल की पुनर्प्राप्ति

स्थिरता की दिशा में भविष्य की पहलें (2023–2027 रोडमैप)

सुएज़ इंडिया अपने सस्टेनेबल डेवलपमेंट रोडमैप के तहत जैव विविधता संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए निम्नलिखित पहलें कर रही है:

  • प्राकृतिक आवासों का विकास

  • स्थानीय प्रजातियों का वृक्षारोपण

  • जैव विविधता ऑडिट

  • जन-जागरूकता अभियान

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