गर्मी बन चुकी है क्रिकेट की बाउंसर: जलवायु संकट से खेल पर मंडरा रहा खतरा

Heat has become a bouncer for cricket: Climate crisis is threatening the game
 
गर्मी बन चुकी है क्रिकेट की बाउंसर: जलवायु संकट से खेल पर मंडरा रहा खतरा

IPL 2025 ने जहां दर्शकों को भरपूर रोमांच दिया, वहीं अब एक नई रिपोर्ट ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस सीजन के कई मैच ऐसी भीषण गर्मी में खेले गए, जो खिलाड़ियों की सेहत के लिए सीधे तौर पर खतरनाक मानी जा रही है।

हीट इंडेक्स: खेल के लिए खतरे की घंटी

वैज्ञानिकों के अनुसार, तापमान और आद्र्रता को मिलाकर जब गर्मी की तीव्रता को मापा जाता है, तो उसे "हीट इंडेक्स" कहा जाता है। इसी आधार पर यह रिपोर्ट बताती है कि IPL 2025 के 65 मैचों में से 36% मैच ऐसी परिस्थितियों में खेले गए, जहां खिलाड़ियों को थकावट, हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक का बड़ा खतरा था। 12% मैच तो ‘डेंजर ज़ोन’ में दर्ज किए गए। यह रिपोर्ट ‘Hit for Six’ नामक जलवायु खेल संगठन, Climate Central और कई अन्य वैश्विक संस्थाओं द्वारा तैयार की गई है। इसमें खिलाड़ियों, वैज्ञानिकों और पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों की राय शामिल की गई है।

गर्मी से बढ़ते जोखिम: वैज्ञानिकों की चेतावनी

पोर्ट्समाउथ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइक टिपटन कहते हैं, "अब खिलाड़ी सिर्फ प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह स्थिति पहले कभी इतनी गंभीर नहीं रही।" रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि भारत के कई प्रमुख क्रिकेट स्टेडियमों में गर्म और खतरनाक दिनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। उदाहरण के तौर पर

  • मुंबई में ऐसे दिनों की संख्या 125% तक बढ़ी है।

  • तिरुवनंतपुरम (केरल) में 2024 में 100 से अधिक ऐसे दिन दर्ज हुए जब तापमान स्वास्थ्य के लिए गंभीर साबित हो सकता था।

वैश्विक संकट, सिर्फ भारत की बात नहीं

ऐसे हालात ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका जैसे क्रिकेट खेलने वाले अन्य देशों में भी देखे जा रहे हैं। अमेरिका में फुटबॉल और विंबलडन जैसे टूर्नामेंट भी बेहद गर्म मौसम में कराए गए। संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी ने 2025 को अब तक के सबसे गर्म वर्षों में से एक बताया है, और इसके लिए जीवाश्म ईंधनों (कोयला, तेल और गैस) को मुख्य कारण माना है।

खिलाड़ियों की चिंता

  • डैरेन गंगा (पूर्व वेस्टइंडीज कप्तान): "आज के दौर में हीट स्ट्रोक, चक्कर आना और उल्टियां होना आम हो चुका है।"

  • ऐश्टन टर्नर (ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर): "अब पिच और मौसम दोनों की स्थिति तेजी से बदल रही है। क्रिकेट इससे अछूता नहीं।"

  • साइमन कैटिच (पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी): "जलवायु संकट अब बच्चों के खेल पर भी असर डाल रहा है। कई जूनियर क्रिकेट मैच मौसम के कारण रद्द हो चुके हैं।"

स्थानीय स्तर पर भी असर

  • राघव (टॉस क्रिकेट अकादमी, दिल्ली): "गर्मी में पिच जल्दी सूख जाती है, जिससे गेंदबाज़ों और बल्लेबाज़ों दोनों को कठिनाई होती है।"

  • मोहम्मद कैफ (वंडर्स क्लब, नोएडा): "अब गर्मी को लेकर डर बैठ चुका है। और कितना बुरा होगा, ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल है।"

क्या कर सकता है क्रिकेट?

संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सलाहकार सेल्विन हार्ट ने कहा, "जलवायु संकट एक बाउंसर की तरह है – अगर हम सावधान नहीं हुए, तो यह हमें गहरी चोट दे सकता है।" उन्होंने खेल संगठनों से इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने का आह्वान किया।क्लाइमेट सेंट्रल की वैज्ञानिक क्रिस्टीना दहल ने कहा, "अगर जीवाश्म ईंधनों का इस्तेमाल नहीं रोका गया, तो आने वाले सालों में ऐसे खतरनाक दिन और बढ़ेंगे। खेलों के कैलेंडर को फिर से डिजाइन करने की ज़रूरत है।"

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