सुशील कुमार ने फिर संभाली रेलवे की ड्यूटी, हत्या मामले में जमानत के बाद सेवा में वापसी

Sushil Kumar resumes railway duty, returns to service after getting bail in murder case
 
सुशील कुमार वर्ष 2021 से अपने साथी पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में न्यायिक हिरासत में थे। हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने मुकदमे की कार्यवाही में देरी को देखते हुए उन्हें सशर्त जमानत दी है। हालांकि, जांच अब भी जारी है और मामला अदालत में विचाराधीन है।  उत्तर रेलवे के सूत्रों के अनुसार, सुशील कुमार वर्तमान में सीनियर कमर्शियल मैनेजर के पद पर तैनात हैं और उन्होंने औपचारिक पोशाक में ऑफिस जॉइन किया। अधिकारियों ने बताया कि उनकी बहाली सेवा नियमों के अंतर्गत की गई है।  उनकी वापसी को लेकर जनता की राय बंटी हुई है। कुछ लोगों ने हत्या जैसे गंभीर मामले में आरोपी की सरकारी सेवा में बहाली पर सवाल उठाए हैं, जबकि कुछ का मानना है कि जब तक अदालत दोषी करार नहीं देती, तब तक उन्हें पेशेवर जिम्मेदारियों को निभाने का अधिकार है।  बीजिंग 2008 ओलंपिक में कांस्य और लंदन 2012 में रजत पदक जीतने वाले सुशील कुमार का सफर – एक राष्ट्रीय हीरो से अदालतों के चक्कर काटते व्यक्ति तक – न केवल खेल जगत बल्कि पूरे देश को चौंका गया। फिलहाल, वह अपनी सामान्य दिनचर्या में लौटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अदालत में लंबित केस की परछाई उनके इस प्रयास पर अब भी मंडरा रही है।

 Sunil Kumar : ओलंपिक में दो बार भारत को पदक दिलाने वाले दिग्गज पहलवान सुशील कुमार ने एक हाई-प्रोफाइल हत्या मामले में जमानत मिलने के बाद उत्तर रेलवे में अपनी ड्यूटी फिर से शुरू कर दी है। कभी भारतीय कुश्ती के पोस्टर बॉय माने जाने वाले सुशील कुमार ने इस सप्ताह की शुरुआत में रेलवे कार्यालय में रिपोर्ट किया। यह घटनाक्रम अदालत से प्रशासनिक सेवा की ओर उनके जीवन में एक बड़ा मोड़ दर्शाता है।

सुशील कुमार वर्ष 2021 से अपने साथी पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में न्यायिक हिरासत में थे। हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने मुकदमे की कार्यवाही में देरी को देखते हुए उन्हें सशर्त जमानत दी है। हालांकि, जांच अब भी जारी है और मामला अदालत में विचाराधीन है।

उत्तर रेलवे के सूत्रों के अनुसार, सुशील कुमार वर्तमान में सीनियर कमर्शियल मैनेजर के पद पर तैनात हैं और उन्होंने औपचारिक पोशाक में ऑफिस जॉइन किया। अधिकारियों ने बताया कि उनकी बहाली सेवा नियमों के अंतर्गत की गई है।
उनकी वापसी को लेकर जनता की राय बंटी हुई है। कुछ लोगों ने हत्या जैसे गंभीर मामले में आरोपी की सरकारी सेवा में बहाली पर सवाल उठाए हैं, जबकि कुछ का मानना है कि जब तक अदालत दोषी करार नहीं देती, तब तक उन्हें पेशेवर जिम्मेदारियों को निभाने का अधिकार है।
बीजिंग 2008 ओलंपिक में कांस्य और लंदन 2012 में रजत पदक जीतने वाले सुशील कुमार का सफर – एक राष्ट्रीय हीरो से अदालतों के चक्कर काटते व्यक्ति तक – न केवल खेल जगत बल्कि पूरे देश को चौंका गया। फिलहाल, वह अपनी सामान्य दिनचर्या में लौटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अदालत में लंबित केस की परछाई उनके इस प्रयास पर अब भी मंडरा रही है।

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