डायबिटीज को मैनेज करने के साथ ही दिल की सेहत का ख्याल रखें

एक रिसर्च के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों को सामान्य लोगों के मुकाबले अपने जीवन में कभी न कभी दिल की बीमारी होने का खतरा दोगुना होता है। जब खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, तो यह रक्त वाहिकाओं और उन नसों को नुकसान पहुंचा सकती है जो दिल के कामकाज को नियंत्रित करती हैं। अच्छी बात यह है कि डायबिटीज को मैनेज करने के लिए आप जो कदम उठाते हैं
वे कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के खतरे को कम करने में भी मददगार हो सकते हैं। एबॅट के डायबिटीज डिविजन में मेडिकल अफेयर्स के डायरेक्टर ड. केनेथ ली ने कहा डायबिटीज को अच्छे से कंट्रोल करने के लिए अपने ग्लूकोज लेवल पर लगातार नजर रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप कंटीन्यूअस ग्लूकोज मनिटरिंग जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इन उपकरणों से ग्लूकोज लेवल जानने के लिए आपको उंगली में सुई चुभाने की जरूरत नहीं होती है। सीजीएम उपकरण आपको कई उपयोगी जानकारी देते हैं, जैसे कि टाइम इन रेंज। टीआईआर से पता चलता है कि दिन के किस समय आपके ग्लूकोज लेवल एक निश्चित सीमा में रहते हैं। जब आप इस सीमा में ज्यादा समय बिताते हैं, तो आपको कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा कम होता है। टीआईआर में 10प्रतिशत की बढ़ोतरी से आपकी कैरोटिड आर्टरीज़ के असामान्य रूप से मोटे होने का खतरा 6.4प्रतिशत तक कम हो सकता है। इसलिए, कार्डियोवैस्कुलर बीमारी से बचने के लिए ज्यादा टीआईआर हासिल करना बहुत जरूरी है।
एकैडिस हस्पिटल लखनऊ में सीनियर कंसल्टेन्ट ड.ज्योति साह ने कहा भारत में डायबिटीज से पीड़ित कई लोग दिल से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। चिंता की बात यह है कि ये समस्याएं युवाओं में भी देखने को मिल रही हैं। अगर डायबिटीज को सही से मैनेज न किया जाए, तो हाई ब्लड प्रेशर, बैड कोलेस्ट्रल और हाई ट्राइग्लिसराइड्स जैसे कारक कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं। यह जरूरी है कि लोग सावधानी बरतें और ग्लूकोज के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए रोकथाम के उपाय करें। दिल को स्वस्थ रखने के लिए अच्छा डाइट, नियमित व्यायाम और सीजीएम जैसे उपकरणों से ग्लूकोज की निगरानी जैसे उपाय किए जा सकते हैं।’