राधारमण जी का जन्मोत्सव बड़ी धूम धाम से मनाया गया

हरि कथा से बड़ा कोई दूसरा साधन नहीं है कुछ भी नहीं हो जीवन में परंतु हरि कथा सुनाने का अभ्यास बनाना चाहिए और लोगों को भव लोक ठीक करना है तो चार काम करना चाहिए पहला प्रभु का नाम श्री “कृष्ण शरणम मम”
कोई कहे राधेश्यामकोई कहे सीताराम।।
कोई कहे गिरिधर गोपाल कोई कहे राधा रमण।।
कोई हरि तीन बंधु कोई कहे हरि करुणा सिंधू। के भजन पर पूरा पंडाल छूम-छूम के हरि भक्त गाये।
हर मनुष्य जन्म के समय पूर्व जन्म से पुण्य एवं पाप दोनो लाता है और इस जन्म में किये गये कार्य के द्वारा अर्जित पुण्य पाप के हिसाब से भोग करना होता है।
सप्ताह में एक बार गो सेवा, माह में एक बार कथा,वर्ष में एक बार श्री व्रंदावन धाम अवस्य जाना चाहिये।
श्री मद भागवत कथा से हरि चरण की भक्ति स्थापित करना होता है।
ईश्वर के दर्शन प्रतेक जीव जन्तु में देखा जा सकता है परन्तु गाय को प्राथमिकता दी गयी है।
गाय के प्रति यदि सेवा की जाय तो वह कभी भूलती नहीं है और सारे दुःख अपने ऊपर ले लेती है।
चल मन व्रंदावन धाम।
जहाँ विराजत श्यामा श्याम।।
श्री व्रंदावन धामचल मन व्रंदावन धाम।
जहाँ विराजत जमुना रानी और गिरिवर की छाँव
चल मन श्री व्रंदावन धाम व्रजवासी व्रज जनक पुकारे
जय जय राधे श्याम चल श्री व्रंदावन धाम।।
धर्म और कर्म मोक्ष की प्राप्ति करता है आज के दिन अयोध्या मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी आज यहाँ भगवान जन्म हुआ।
राधारमण जी का जन्मोत्सव बड़ी धूम धाम से मनाया गया और मक्खन मिश्री और पंचामृत का भोग लगाया गया।
हज़ारों भक्तों ने राधारमण के जय कारों से पंडाल गूंजता रहा।
आयोजक राजेंद्र अग्रवाल, अमरनाथ मिश्र नवीन गुप्ता समीर मित्तल लोकेश अग्रवाल आनंद रस्तोगी शिवम् बंसल राहुल गुप्ता मनोज राय कुश मिश्रा चारु मिश्रा अरविन्द तिवारी सुनील मिश्रा आदित्य अग्रवाल हनी शुक्ला प्रमोद अवस्थी मनोज गुप्ता सतीश मिश्रा अजय पाण्डेय के सिविल डिफ़ेंस के स्वयं सेवक एवं हज़ारों राधारमण भक्त उपस्थित रहे।
अमरनाथ मिश्र
आयोजक
9415026048
नोट- कल महाराज जी कथा के बाद 20 वर्ष से लेकर 35 वर्ष के युवाओ से मन की बात करेंगे।