रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग सामाजिक सरोकार के क्षेत्र में कर रहा है उल्लेखनीय कार्यः डा0 सोनिया नित्यानन्द कुलपति केजीएमयू

Department of Respiratory Medicine is doing remarkable work in the field of social concern: Dr. Sonia Nityanand, Vice Chancellor, KGMU
Department of Respiratory Medicine is doing remarkable work in the field of social concern: Dr. Sonia Nityanand, Vice Chancellor, KGMU
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय).के.जी.एम.यू. के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में आज सांस के गरीब रोगियों के लिए ग्लेनमार्क फाउंडेशन मुंबई द्वारा 100 नेबुलाइजर का दान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। ज्ञात रहे कि भारत के प्रधानमंत्री ने एक योजना शुरू की है जिसका नाम कॉर्पोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी है। इस योजना के अंतर्गत बड़े कॉर्पोरेट घरानों को सामाजिक सरोकार के लिए अपने लाभ से दो प्रतिशत का दान दिया जाता है। इसी योजना के तहत ग्लेनमार्क फाउंडेशन ने आज किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग को 100 नेबुलाइजर सांस के गरीब रोगियों के लिए दान में दिये। नेबुलाइजर एक छोटी एवं उपयोगी मशीन होती है जो सांस के रोगियों के लिए इमरजेंसी के दौरान और सांस की समस्या में लंबे समय के लिए उनके उपचार में काम आती है। गरीब रोगियों के लिए इसे खरीदना थोड़ा महंगा होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त द्वारा पहल की गयी और ग्लेनमार्क फाउंडेशन से संपर्क किया तथा उनको प्रेरित किया कि केजीएमयू में आने वाले गरीब रोगियों के लिए कुछ नेबुलाइजर दान में दें। 


कार्यक्रम के संयोजक विभागाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त ने बताया कि नेबुलाइजर सांस के रोगियों के लिए एक बहुत ही प्रमुख हिस्सा है। यह इमरजेंसी और आईसीयू में और कई बार घर पर मरीजों के लिए भी सांस की दवाई जिन्हें हम रेस्पयूल्स कहते हैं उसके इस्तेमाल के लिए नेबुलाइजर का उपयोग किया जाता है। यह सांस की दवाई इस मशीन से एक मास्क द्वारा सांस की नली के अंदर प्रवाहित होती है और सांस की नलियों को खोलने का काम करती है, उसके अंदर जो बलगम भर जाता है उसको पतला करने का काम करती है और सांस की नलियों की सूजन को भी कम करती है। इस तरह नेबुलाइजर वास्तव में सांस के रोगियों के लिए एक बहुत बड़ा वरदान है।

डा0 सूर्यकान्त ने इस अवसर पर कहा कि हमारे विभाग में ज्यादातर रोगी सांस की ही समस्या को लेकर आते हैं और उनमें से अधिकतर गरीब होते हैं और कई बार उनको छुट्टी के समय जब उनसे कहा जाता है कि नेबुलाइजर आप खरीद लीजिए, आपके रोगी को सांस की ज्यादा समस्या होगी तो इसकी जरूरत पडे़गी, तो रोगी अपनी असमर्थता व्यक्त करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए एक पहल की गयी कि प्रधानमंत्री के कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी के तहत यह पता लगाया गया कि कौन सी संस्था इसमें सहयोग कर सकती है। मुंबई की ग्लेनमार्क फाउंडेशन संस्था ने सहयोग किया और रेस्पिटरी मेडिसिन विभाग में सांस्था के प्रतिनिधि श्री हरिशंकर यादव एवं अन्य प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। फाउंडेशन के श्री हरिशंकर यादव ने बताया कि ग्लेनमार्क फाउंडेशन द्वारा केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में 100 नेबुलाइजर का दान भारत का पहला सामाजिक सरोकार कार्यक्रम है। केजीएमयू की कुलपति डा0 सोनिया नित्यानन्द ने रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग को इस कार्यक्रम के लिए बधाई दी और कहा कि रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग समाजिक सरोकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। कार्यक्रम में विभाग के अन्य चिकित्सक डा0 आर ए एस कुशवाहा, डा0 दर्शन कुमार बजाज, डा0 ज्योति बाजपेई व जूनियर रेजिडेन्ट भी उपस्थित रहें और कार्यक्रम के अन्त में डा0 अंकित कुमार ने ग्लेनमार्क फाउंडेशन के श्री रोहित कुमार जैन को विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया। 


ज्ञात रहे कि केजीएमयू का रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग पहले भी कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी स्कीम के तहत विभिन्न संस्थाओं से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ उठाता रहा है। डॉ0 सूर्यकान्त ने बताया कि वर्ष 2022 में सिप्ला फाउन्डेशन के द्वारा उत्तर प्रदेश का पहला पल्मोनरी रेहैबिलिटेशन सेन्टर रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में स्थापित हुआ और इस केंद्र के संचालन में चार लोग भी कार्य करते हैं तथा इस सुविधा का लाभ पूरी तरह से निःशुल्क दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत ही विभाग में हर्बल पार्क स्थापित किया गया, जिसकी स्थापना रोट्ररी क्लब ऑफ लखनऊ के सौजन्य से की गयी और इसका नाम रोट्ररी रेस्पिरेटरी हर्बल पार्क रखा गया है। इस पार्क में बहुत से हर्बल/औषधीयें पौधों एवं अन्य खूबसूरत पेड़-पौधे भी लगाए गए हैं। डा0 सूर्यकान्त ने बताया कि विभाग और रोगियो के हित के लिए भविष्य में भी कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी योजना के अंतर्गत विभाग को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाया जा सके इसका प्रयास करते रहेगें।


लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय).के.जी.एम.यू. के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में आज सांस के गरीब रोगियों के लिए ग्लेनमार्क फाउंडेशन मुंबई द्वारा 100 नेबुलाइजर का दान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। ज्ञात रहे कि भारत के प्रधानमंत्री ने एक योजना शुरू की है जिसका नाम कॉर्पोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी है। इस योजना के अंतर्गत बड़े कॉर्पोरेट घरानों को सामाजिक सरोकार के लिए अपने लाभ से दो प्रतिशत का दान दिया जाता है। इसी योजना के तहत ग्लेनमार्क फाउंडेशन ने आज किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग को 100 नेबुलाइजर सांस के गरीब रोगियों के लिए दान में दिये। नेबुलाइजर एक छोटी एवं उपयोगी मशीन होती है जो सांस के रोगियों के लिए इमरजेंसी के दौरान और सांस की समस्या में लंबे समय के लिए उनके उपचार में काम आती है। गरीब रोगियों के लिए इसे खरीदना थोड़ा महंगा होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त द्वारा पहल की गयी और ग्लेनमार्क फाउंडेशन से संपर्क किया तथा उनको प्रेरित किया कि केजीएमयू में आने वाले गरीब रोगियों के लिए कुछ नेबुलाइजर दान में दें। 


कार्यक्रम के संयोजक विभागाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त ने बताया कि नेबुलाइजर सांस के रोगियों के लिए एक बहुत ही प्रमुख हिस्सा है। यह इमरजेंसी और आईसीयू में और कई बार घर पर मरीजों के लिए भी सांस की दवाई जिन्हें हम रेस्पयूल्स कहते हैं उसके इस्तेमाल के लिए नेबुलाइजर का उपयोग किया जाता है। यह सांस की दवाई इस मशीन से एक मास्क द्वारा सांस की नली के अंदर प्रवाहित होती है और सांस की नलियों को खोलने का काम करती है, उसके अंदर जो बलगम भर जाता है उसको पतला करने का काम करती है और सांस की नलियों की सूजन को भी कम करती है। इस तरह नेबुलाइजर वास्तव में सांस के रोगियों के लिए एक बहुत बड़ा वरदान है। डा0 सूर्यकान्त ने इस अवसर पर कहा कि हमारे विभाग में ज्यादातर रोगी सांस की ही समस्या को लेकर आते हैं और उनमें से अधिकतर गरीब होते हैं और कई बार उनको छुट्टी के समय जब उनसे कहा जाता है कि नेबुलाइजर आप खरीद लीजिए, आपके रोगी को सांस की ज्यादा समस्या होगी तो इसकी जरूरत पडे़गी, तो रोगी अपनी असमर्थता व्यक्त करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए एक पहल की गयी कि प्रधानमंत्री के कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी के तहत यह पता लगाया गया कि कौन सी संस्था इसमें सहयोग कर सकती है। मुंबई की ग्लेनमार्क फाउंडेशन संस्था ने सहयोग किया और रेस्पिटरी मेडिसिन विभाग में सांस्था के प्रतिनिधि श्री हरिशंकर यादव एवं अन्य प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। फाउंडेशन के श्री हरिशंकर यादव ने बताया कि ग्लेनमार्क फाउंडेशन द्वारा केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में 100 नेबुलाइजर का दान भारत का पहला सामाजिक सरोकार कार्यक्रम है। केजीएमयू की कुलपति डा0 सोनिया नित्यानन्द ने रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग को इस कार्यक्रम के लिए बधाई दी और कहा कि रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग समाजिक सरोकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। कार्यक्रम में विभाग के अन्य चिकित्सक डा0 आर ए एस कुशवाहा, डा0 दर्शन कुमार बजाज, डा0 ज्योति बाजपेई व जूनियर रेजिडेन्ट भी उपस्थित रहें और कार्यक्रम के अन्त में डा0 अंकित कुमार ने ग्लेनमार्क फाउंडेशन के श्री रोहित कुमार जैन को विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया। 


ज्ञात रहे कि केजीएमयू का रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग पहले भी कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी स्कीम के तहत विभिन्न संस्थाओं से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ उठाता रहा है। डॉ0 सूर्यकान्त ने बताया कि वर्ष 2022 में सिप्ला फाउन्डेशन के द्वारा उत्तर प्रदेश का पहला पल्मोनरी रेहैबिलिटेशन सेन्टर रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में स्थापित हुआ और इस केंद्र के संचालन में चार लोग भी कार्य करते हैं तथा इस सुविधा का लाभ पूरी तरह से निःशुल्क दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत ही विभाग में हर्बल पार्क स्थापित किया गया, जिसकी स्थापना रोट्ररी क्लब ऑफ लखनऊ के सौजन्य से की गयी और इसका नाम रोट्ररी रेस्पिरेटरी हर्बल पार्क रखा गया है। इस पार्क में बहुत से हर्बल/औषधीयें पौधों एवं अन्य खूबसूरत पेड़-पौधे भी लगाए गए हैं। डा0 सूर्यकान्त ने बताया कि विभाग और रोगियो के हित के लिए भविष्य में भी कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी योजना के अंतर्गत विभाग को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाया जा सके इसका प्रयास करते रहेगें।

Share this story