लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राणिविज्ञान और जैव रसायन विभाग में वन महोत्सव के उपलक्ष्य में भारत के स्वदेशी पौधों के साथ वृक्षारोपण अभियान
वृक्षारोपण अभियान में छात्रों, विभागीय सदस्यों और सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। स्थानीय जैव विविधता को पुनर्स्थापित और संरक्षित करने के महत्व को उजागर करते हुए विभिन्न प्रकार के स्वदेशी पेड़ प्रजातियों का रोपण किया गया।
प्राणीशास्त्र विभाग के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद सिराजुद्दीन ने छात्रों और समुदाय के बीच प्रकृति के साथ गहरे संबंध को बढ़ावा देने में इस तरह की पहलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "पेड़ लगाना केवल हमारे आस-पास के सौंदर्यीकरण के बारे में नहीं है; यह एक स्थायी भविष्य बनाने के बारे में है। आज हम जो प्रत्येक पौधा लगाते हैं वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ पर्यावरण में योगदान करेगा।"
जैव रसायन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर सुधीर मेहरोत्रा ने इस विचार का समर्थन करते हुए कहा, "यह सहयोगात्मक प्रयास पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान में अंतःविषयक दृष्टिकोणों के महत्व को रेखांकित करता है। साथ मिलकर काम करके, हम अधिक प्रभाव प्राप्त कर सकते हैं और दूसरों को कार्रवाई करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।"
इस कार्यक्रम में वन्यजीव विज्ञान संस्थान एवं प्राणिविज्ञान विभाग की प्रोफेसर अमिता कनौजिया द्वारा जैव विविधता संरक्षण और स्थायी प्रथाओं पर जागरूकता अभियान भी शामिल था। प्रतिभागियों ने स्वदेशी पौधों के पारिस्थितिक महत्व, आक्रामक प्रजातियों से उत्पन्न खतरों और पर्यावरणीय संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी की भूमिका के बारे में सीखा।
नील जहान फाउंडेशन और एक पहल मुस्कुराहट की वेलफेयर सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने भविष्य में भी इस तरह की पहलों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। प्रतिनिधियों ने कहा, "लखनऊ विश्वविद्यालय और यूपीएसबीबी के साथ हमारा सहयोग एक हरित, स्वस्थ ग्रह की हमारी साझा दृष्टि का प्रमाण है। हमें इस महत्वपूर्ण प्रयास का हिस्सा होने पर गर्व है।" वृक्षारोपण अभियान का समापन सभी प्रतिभागियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण की वकालत करने और स्थिरता और जैव विविधता को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में संलग्न होने की प्रतिज्ञा के साथ हुआ।
नवनियुक्त निदेशक प्रो० (डॉ०) सी० एम० सिंह के प्रति शुभकामनाओं का उमड़ा सैलाब