मानवाधिकार जनसेवा परिषद द्वारा पूजित मूर्तियों का सम्मानजनक विसर्जन किया जाएगा
The idols worshipped by the Human Rights Public Service Council will be immersed with respect.
Fri, 24 Oct 2025

लखनऊ, 2025:
मानवाधिकार जनसेवा परिषद इस वर्ष भी अपने सामाजिक और धार्मिक दायित्व के तहत पूजित मूर्तियों का सम्मानजनक विसर्जन आयोजित करने जा रही है। परिषद के अध्यक्ष श्री रूप कुमार शर्मा ने बताया कि दीपावली के अवसर पर प्रत्येक घर में भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजा उपरांत अधिकांश लोग पूजित या खंडित मूर्तियों को पेड़ों के नीचे, सार्वजनिक स्थलों पर या नदियों में प्रवाहित कर देते हैं, जिससे न केवल धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, बल्कि पर्यावरण और जल स्रोत भी प्रदूषित होते हैं।
इसी समस्या के समाधान हेतु मानवाधिकार जनसेवा परिषद ने वर्षों पूर्व यह पहल शुरू की थी कि भगवान की मूर्तियों को अपमानजनक स्थिति में फेंकने के बजाय उनका सम्मानजनक विसर्जन किया जाए। परिषद द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में संग्रह स्थल (Collection Points) बनाए गए हैं, जहां नागरिक अपनी पूजित मूर्तियां जमा कर सकते हैं। बाद में इन मूर्तियों को एकत्र कर धार्मिक विधि-विधान के अनुसार उनका सम्मानजनक विसर्जन किया जाएगा।
श्री शर्मा ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने घरों या आसपास पड़ी पूजित मूर्तियों को सार्वजनिक स्थलों पर न रखें, बल्कि परिषद द्वारा निर्धारित किसी नजदीकी संग्रह स्थल पर पहुंचाएं या परिषद को सूचित करें। परिषद के सदस्य स्वयं वहां पहुंचकर मूर्तियां एकत्र करेंगे।
संग्रह स्थल के पते:
1. श्री रूप कुमार शर्मा, 3/44, विवेक खंड, गोमतीनगर, लखनऊ
2. श्री प्रदीप कुमार शर्मा, 4/93, विनय खंड, गोमतीनगर, लखनऊ
3. सुश्री आशा, 6/452, विनीत खंड, गोमतीनगर, लखनऊ
4. श्रीमती सविता शुक्ला, 14/89, रानी लक्ष्मीबाई स्कूल के निकट, इंदिरा नगर, लखनऊ
5. श्रीमती रेनू तिवारी, सी-2250, दाना-पानी के पास, इंदिरा नगर, लखनऊ
6. श्रीमती कुसुम वर्मा, संकटमोचन मंदिर के पास, कौशलपुरी, गोमतीनगर विस्तार, लखनऊ
नागरिक मूर्तियों के संग्रह एवं जानकारी के लिए परिषद अध्यक्ष श्री रूप कुमार शर्मा से संपर्क कर सकते हैं —
📞 9415001064, 8299605742
मानवाधिकार जनसेवा परिषद सभी नागरिकों से अपील करती है कि वे इस सामाजिक अभियान में भाग लेकर धार्मिक आस्था के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दें।
