अदम्य साहसी और विलक्षण पराक्रमी स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को हमेशा शान से जीने की प्रेरणा दी: स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती पर विचार गोष्ठी

Swami Vivekananda, an indomitable and extraordinary warrior, always inspired the youth to live with pride: Seminar on Swami Vivekananda's birth anniversary
 
Swami Vivekananda, an indomitable and extraordinary warrior, always inspired the youth to live with pride: Seminar on Swami Vivekananda's birth anniversary
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। भारत समृद्धि के तत्वावधान में आज स्वामी विवेकानंद की जयंती पर चांसलर क्लब में  संगोष्ठी आयोजित की गई।   संगोष्ठी का संचालन सर्वजन हिताय संरक्षण समिति की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रीना त्रिपाठी ने किया। भारत समृद्धि के महामंत्री धीरज उपाध्याय ने स्वागत संबोधन किया। 

संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने कहा अदम्य साहसी और विलक्षण पराक्रमी स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को हमेशा शान से जीने की प्रेरणा दी।  इसी कारण उनका जन्मदिन युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है ।उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को हर हाल में शान से जीने की प्रेरणा दी।धर्म के नाम पर छल और आडंबर से मुक्त होकर मानवता के धर्म के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने का भाव उन्होंने जगाया।स्वामी जी कहते थे चरित्रवान युवाओं के उस बड़े संगठन की आवश्यकता है जिस के कंधों पर बैठकर सभी जातियां और धर्म एक साथ ऊपर उठने का साहस बटोर सकें।   

उन्होंने कहा कि हमारा देश यदि सचमुच जगद्गुरु कहलाने के योग्य है तो वह केवल स्वामी विवेकानंद के कारण।यहां से वहां तक प्रसिद्धि हासिल करने के पश्चात अपने ही देश में स्वामी जी को ईर्ष्यालुओं और कूप मंडूकों  की भारी भर्त्सना  झेलनी पड़ी ।यह युद्ध भी उन्होंने उसी तरह लड़ा जिस तरह किसी भी क्षेत्र में अपराजेय योद्धा को लड़ना पड़ता है।

स्वामी जी ने अपनी समरनीति से कभी समझौता नहीं किया। वे आध्यात्मिक जगत के चक्रवर्ती सम्राट थे।  स्वामी विवेकानंद ने जिस नये भारत की  कल्पना की थी उन्हीं के शब्दों में - नया भारत निकल पड़े मोची की दुकान से, भड़भूँजे के भाड़ से ,मजदूर के कारखाने से ,हॉट से बाजार से ,निकल पड़े झाड़ियों, जंगलों, पर्वतों से। स्वामी विवेकानंद का सबसे बड़ा  मंत्र था उठो जागो स्वयं को जगा कर औरों को जगाओ अपने नर जीवन को सफल करो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए।

संगोष्ठी में बोलते हुए  मुख्य अतिथि श्रीमती कुसुम बत्रा ,उप निदेशक एस के डी एकेडमी ने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारत के युवाओं की मेधा और प्रतिभा का उभार दिख रहा है। अमेरिका तक अपने देश के युवाओं से आवाहन कर रहा है कि वह पढ़ने लिखने को ज्यादा तवज्जो दें वरना भारतीय युवा छा जाएंगे ।हमें आभारी होना चाहिए स्वामी विवेकानंद का जिन्होंने अकेले पहल की और दुनिया को भौचक्का कर दिया। भारत को उसका खोया गौरव वापस दिलाया।  स्वामी जी आज होते तो वाकई भारतीय युवाओं की दुनिया में धाक देख अपने सपने को पूरा होते देख कितना खुश होते।


  संगोष्ठी को मुख्य रूप से बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्यामजी त्रिपाठी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह विभाग संचालक ओम प्रकाश, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संतोष श्रीवास्तव और चांसलर क्लब के एम डी जसमिंदर सिंह आनंद ने संबोधित किया ।
   राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश पांडेय, विद्युत अभियंता संघ के महासचिव जितेन्द्र सिंह गुर्जर, बिजली कर्मचारियों के वरिष्ठ नेता महेन्द्र राय, सुहेल आबिद, सरजू त्रिवेदी की उपस्थिति उल्लेखनीय थी आशियाना रेजिडेंट संगठन के महामंत्री अवधेश अग्निहोत्री और प्रचार सचिव अतुल टंडन उपस्थित रहे।

संगोष्ठी में मुख्य रूप से त्रिवेणी मिश्र, रवि राठौर, श्याम जी मिश्र, अर्पित सिंह, सुमन दुबे, निशा सिंह, मीनू उपाध्याय, ऊषा त्रिपाठी, प्रतिमा अवस्थी, रश्मि प्रधान, अमन जी, सुभाष त्रिपाठी,राज मिश्र,प्रथमेश दीक्षित, नीता मल्होत्रा, श्वेता भट्ट, सपना तिवारी,शिव प्रकाश दीक्षित, सम्मिलित हुए और अपने विचार रखें

Tags