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पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के तीन वर्षों का सफर

Three years of Aam Aadmi Party government in Punjab
 
Three years of Aam Aadmi Party government in Punjab
(सुभाष आनंद-विनायक फीचर्स)
 पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर उसके द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियां के जो दावे किए हैं उसके बारे में पूरी गंभीरता से विश्लेषण किए जाने की जरूरत है।
आम आदमी पार्टी ने सरकार में आने से पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में जो वादे किए थे ,उसमें कितने पूरे हुए और कितने अधूरे बचे हैं इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानने की भी जरूरत है। पंजाब सरकार द्वारा बताई गई उपलब्धियों के संबंध में विरोधी पक्ष अकाली दल और कांग्रेस ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार ने कोई वादा पूरा नहीं किया, यह सरकार नादानों की सरकार है, जिसे सरकार चलाने का कोई ढंग नहीं और सरकारी तंत्र के सुस्त होने की बात कही। ये बात आप को याद होगी कि अकाली भाजपा के 10 वर्ष के शासन काल और बाद में कांग्रेस के 5 वर्ष के शासन काल से तंग आकर लोगों ने बदलाव लाने की ठानी, लोगों को आम आदमी पार्टी से बहुत आशाएं थीं ,लोगों ने आम आदमी पार्टी को इसलिए ही चुना था कि न्याय का राज्य होगा, लोगों की आर्थिक मुश्किल कम होगी

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भ्रष्टाचार मुक्त राज्य मिलेगा, परंतु तीन वर्ष बीत जाने के पश्चात लोगों को घोर निराशा ही देखने को मिल रही है। पंजाब के विधायक निरंकुश हो चुके हैं, कुछ किसानों की ट्रालियां चोरी कर रहे हैं, कुछ ट्रक यूनियन के प्रधानों के पद बेचते रहे, कुछ लोगों की प्रॉपर्टी पर कब्जा कर रहे हैं, कुछ गुंडागर्दी में लगे हुए हैं ,आज पंजाब में आम आदमी का अस्तित्व खोता जा रहा है । सरकार की आर्थिक स्थिति तो पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है, कर्ज लेकर कार्य चलाने पड़ रहे हैं, 3 करोड़ 15 लाख का कर्ज इस सूबे के सिर पर चढ़ गया है, जिसका बोझ सहन करना इसके लिए अति मुश्किल होता जा रहा है। क्योंकि सरकार की बड़ी आमदनी इस कर्ज का ब्याज अदा करने में जा रही है। सरकार कर्ज लेकर चल रहीं हैं, कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। पंजाब में बढ़ते नशे को रोकने के लिए पूर्व सरकारों की भांति यह सरकार भी बुरी तरह असफल रही है, 3 वर्ष पूरे होने के पश्चात नशा विरोधी युद्ध में केवल छोटे-मोटे नशा तस्करों पर शिकंजा कसा जा रहा है जबकि बड़े-बड़े मगरमच्छ सरकार की पहुंच से बाहर है। विपक्षी दल कह रहे हैं कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर एक और दो मंजिला मकानों पर पीला पंजा चलाया जा रहा है। जबकि बड़े-बड़े बंगलों और बड़ी कोठियों वालों को राजनीतिक और पुलिस का संरक्षण मिल रहा है। यहां आज भी युवा लोग नशे से ग्रस्त है, पिछले सप्ताह मात्र 5 दिनों में पंजाब में 15 से ज्यादा मौतें नशे का ओवरडोज लेने से हो गई है, सरकार बड़े-बड़े नशा तस्करों को समाप्त करने में सफल नहीं हो रही। आम आदमी पार्टी के नेता कहा करते थे कि पंजाब में किसी भी माफिया को पनपने नहीं दिया जाएगा, आज परिवहन के मामले में मु_ी भर लोगों का हाथ ,माइनिंग के क्षेत्र में रेत बजरी का काला धंधा पहले की तरह चलते रहने और शराब माफिया को और मजबूत होने पर आम आदमी नेताओं की पोल खुल गई है। भगवत सिंह मान ने आने वाले वर्षों में एक लाख सरकारी नौकरियां और निजी क्षेत्र में 20 लाख नौकरियां देने की घोषणा की थी,लेकिन 3 वर्षों के शासनकाल में इस क्षेत्र में दर्शाए या निर्धारित लक्ष्य का कहीं अता पता नहीं है। लाखों की बजाय कुछ हजार नौकरियां देकर जनता में वाहवाह प्राप्त करने की कोशिश की गई है। बेरोजगारी भत्ता और लैपटॉप देना आज बहुत दूर की बात रह गई है। महिलाओं को प्रति माह हजार रुपए देने की बात हवा हवाई हो चुकी है। 3 वर्ष बीत जाने के पश्चात चौथे वर्ष के बजट में भी महिलाओं को 1000 रुपए देने का कोई प्रावधान नहीं किया गया।  

कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में जोर-जोर से प्रचार किया था, पंजाब के मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को पक्का करने और किसानों का पूरा कर्ज माफ करने की बात की थी,इन सब मामलों में आज वोटर अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है।
 होटलों में देह व्यापार, जुए के अड्डे ,गैर कानूनी कामों के ठेके बढ़ रहे हैं। मान सरकार जिसका नारा है भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, इसी राज्य में भ्रष्टाचार के रेट बढ़ गए हैं ,नशा बेचने वाले कैमिस्टों से मोटी रकमें वसूली जा रही हैं। (विनायक फीचर्स)

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