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सांस्कृतिक एवं आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है समुद्र पर पंबन रेल ब्रिज

Pamban Rail Bridge on the sea is important from cultural and economic point of view
 
सांस्कृतिक एवं आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है समुद्र पर पंबन रेल ब्रिज
 ( विवेक रंजन श्रीवास्तव-विभूति फीचर्स) देश के मुख्य भू भाग से रामेश्वरम को बढ़ते यातायात की आवश्यकताओं को देखते हुए, भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों से बंद पड़े पुराने पंबन ब्रिज के समानांतर एक नया आधुनिक पुल बनाया है , जिसका उद् घाटन रामनवमी के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।


 नया पंबन ब्रिज 2.1 किलोमीटर लंबा है और इसमें कुल 100 स्पैन हैं, जिनमें से 99 स्पैन 18.3 मीटर लंबे हैं तथा एक मुख्य नेविगेशनल स्पैन 72.5 मीटर लंबा है। इस स्पैन की  विशेष बात इसका वर्टिकल लिफ्ट है, जो भारत में अपनी तरह का पहला है। यह स्पैन 17 मीटर तक ऊंचा उठ सकता है, जिससे बड़े जहाज और नौकाएँ समुद्र में पुल के नीचे से गुजर सकती हैं। यह प्रणाली अत्याधुनिक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल तकनीक पर आधारित है, और रेलवे नियंत्रण प्रणाली के साथ पूरी तरह इंटरलॉक्ड है, जिससे इसकी संचालन प्रक्रिया बेहद सुरक्षित और सटीक होगी ।

सांस्कृतिक एवं आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है समुद्र पर पंबन रेल ब्रिज
नए पुल के निर्माण में लगभग 535 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसमें 3.38 लाख सीमेंट बैग, 4,500 मीट्रिक टन संरचनात्मक स्टील और 5,772 मीट्रिक टन स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया है। पुल के टावरों की ऊंचाई 34 मीटर है और इसका डिज़ाइन भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार तैयार किया गया है कि इसे डबल लाइन व विद्युतीकरण के अनुकूल आसानी से परिवर्तित किया जा सकेगा । यह लोहे का पुल है अतः, समुद्री जल के संक्षारण से बचाव के लिए विशेष पेंटिंग तकनीक अपनाई गई है, जिससे इसकी उम्र और टिकाऊपन में वृद्धि होगी।


इस ब्रिज का महत्व केवल इंजीनियरिंग की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी बहुत अधिक है। यह रामेश्वरम जैसे धार्मिक स्थल को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है और पर्यटन, व्यापार तथा स्थानीय मछुआरों की आजीविका को भी सशक्त करता है।


पुराना यातायात हेतु बंद  पंबन ब्रिज और नया पंबन ब्रिज दोनों ही भारत की इंजीनियरिंग प्रतिभा, संकल्प शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं। जहां पुराना पुल भारतीय रेलवे की शताब्दी पुरानी सेवा का साक्षी है, वहीं नया पुल आधुनिक भारत के आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सक्षम राष्ट्र की छवि को प्रस्तुत करता है।


जब कोई यात्री पंबन ब्रिज से गुजरेगा  तो वह केवल एक यात्रा नहीं , बल्कि इतिहास, संस्कृति और आधुनिकता के मिलन बिंदु से होकर गुजरेगा । तब समुद्र पार करने का उसका अनुभव न केवल भौतिक यात्रा का हिस्सा होता है, बल्कि रामेश्वरम की धार्मिक, अध्यात्मिक और अपने उन्नयन की आत्मिक यात्रा का भी प्रतीक बन जाता है। परोक्ष रूप से यह नया पुल इस क्षेत्र में भारत की सामरिक तथा व्यापारिक क्षमताएं भी बढ़ाने का कार्य करेगा । (विभूति फीचर्स)

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