फार्मा क्षेत्र को और मजबूत किया जाना चाहिए जो प्रदेश की ट्रिलियन इकॉनामी के उद्देश्य में सहायक होगा: सुनील यादव

Pharma sector should be strengthened further which will help in the state's objective of trillion economy: Sunil Yadav
 
Pharma sector should be strengthened further which will help in the state's objective of trillion economy: Sunil Yadav

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय  लखनऊ। फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज वित्त मंत्री जी ने बजट भाषण में निश्चित ही प्रदेश में जनहित की अनेक योजनाएं वित्तसंत्रिप्त की, परंतु कर्मचारियों का नाम तक नहीं लिया ।  प्रदेश के कर्मचारी जो शासकीय नीतियों का परिपालन सुनिश्चित करते हैं उनके लिए कोई योजना नहीं आई । 


आज प्रदेश में स्थाई कर्मचारियों से अधिक संख्या ठेकेदारी और संविदा कर्मियों की होती जा रही है इसलिए सरकार को इनके कल्याण के लिए समयबद्ध स्थाई करण, स्थाई नौकरियों में वरीयता की घोषणा की जानी चाहिए । 
इस बजट में फार्मा सेक्टर को अतिरिक्त तरजीह नहीं दी गई जो चिंतनीय है । वास्तव में प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं जहां स्थाई रोजगार को बढ़ावा दिया जाना चाहिए । 


  वर्तमान समय में पुरानी पेंशन की बहाली कर्मचारियों की प्रमुख मांग है जिसका जिक्र बजट में नहीं है ।फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने प्रदेश सरकार के बजट में पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा न किए जाने सहित कर्मचारी हितों को नजरंदाज किए जाने का आरोप लगाते हुए बजट को कर्मचारी हितों के प्रतिकूल बताया है ।  

फेडरेशन ने स्थाई रोजगार सृजन की दिशा में कोई योजना ना होने पर भी चिंता व्यक्त की है । संविदा प्रथा और ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने के स्थान पर बढ़ावा दिया जा रहा है, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में सभी पदों पर संविदा पर भर्ती की जाती है, स्थाई रोजगार सृजन ना होने से तकनीकी योग्यता धारक लोगों को या तो बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है या अल्प वेतन और भविष्य की असुरक्षा के बीच कार्य करना पड़ रहा है । 


 पीपीपी मॉडल पर जो मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं उन्हें से वित्त पोषित रखा गया है जिससे स्थाई पदों का सृजन नहीं होगा , अतः यह बजट कर्मचारी हितों के प्रतिकूल है । सरकार ने 92000 नौकरियों की बात कही है लेकिन इसे वर्गीकृत कर नहीं बताया । आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सिटी बनाया जाना निश्चित ही समय के साथ चलने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है ।  स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 6%  रखा गया है जो अभी भी कम है, चिकित्सालयों के साथ साथ मेडिकल कॉलेजों को भी आर्थिक मजबूती के साथ  जनसंसाधनों की आवश्यकता है ।

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