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आधी आबादी की गरिमा के प्रश्न पर चर्चा हुई

The question of dignity of half the population was discussed
 
The question of dignity of half the population was discussed

लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।जागते रहो भारत यात्रा अब गांधी विनोबा के सघन कर्मक्षेत्र की ओर बढ़ रही थी। 29 मार्च की सुबह साढ़े नौ बजे हमारी गाड़ी   लोहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के किसान सत्याग्रह की पावन धरा स्वराज आश्रम बारडोली में थी। यहां आश्रम के कार्यकर्ताओं के साथ मैनेजर योगिनी चौहान ने यात्री दल का स्वागत कर अभियान पर चर्चा की।


यात्रा संयोजक राजेंद्र यादव ने बताया कि आश्रम संग्रहालय के भ्रमण के दौरान उस दौर के नामचीन हस्तियों की उपस्थिति सरदार और बापू का शयन कक्ष देख हम 28 वर्ष पुरानी स्मृतियों में लौट गए। स्वंतत्रता की स्वर्ण जयंती पर 1996 में जब पांच युवाओं के साथ साईकिल यात्रा के दौरान एक रात भारतीय एकता और अखंडता के प्रतीक सरदार पटेल के कक्ष में ठहरने का सौभाग्य मिला था।

मेरा ऐसा मानना है कि युवा पीढ़ी को ऐसे पवित्र स्थानों पर अवश्य जाना चाहिए। आश्रम भ्रमण के बाद यात्री दल यहां संचालित कन्या छात्रावास पहुंचा। छात्रावास में सरदार पटेल के निकट सहयोगी स्वतन्त्रता सेनानी उत्तमचंद शाह की बेटी निरंजना बहन के वात्सल्य ने यात्री दल को भावविभोर कर दिया। यात्री दल की सदस्य जम्मूबेन के मानवीय क्रान्ति गीत से कार्यक्रम की शुरुआत कर आधी आबादी की गरिमा के प्रश्न पर चर्चा हुई। यहां छात्रावास की बालिकाओं का मधुर लय ताल में शुभमंगल गान के बाद निरंजना बहन के विशेष आग्रह पर भोजन के बाद यात्रा तापी के आदिवासी गांव कलमकुई पहुंची। कलमकुई जम्मूबेन का घर है।

यहां पर यात्री दल ने ग्राम भारती विद्यालय में छात्रावास के बच्चों के साथ गाना, खेल, यात्रा के उद्देश्य पर बातचीत कर यात्रा आगे बढ़ी। अब जागते रहो भारत यात्रा गांधी जी की प्रेरणा से अपना समस्त जीवन अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को हाथ पकड़कर चलने वाले जुगत राम काका की कर्मभूमि वेदछी में सायं सात बजे पहुंच चुकी थी।

सौराष्ट्र से आकर बीहड़ जंगल में आदिवासियों के लिए शिक्षा, का काम किया। स्थानीय लोगों  का कहना था कि काका यहां आकर इतने रच बस गए कि शादी करना भी भूल गए। यहां संध्याकालीन प्रार्थना में छ: सौ युवाओं के साथ महिलाओं के साथ होने वाले जघन्य अपराध की स्थिति पर प्रश्न उत्तर का लम्बा दौर चला। अपराधियों को तुरन्त सरेआम फांसी की मांग फ़िर से युवाओं के गुस्से की अभिव्यक्ति देख चिन्ता हुई। लेकिन यह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि दक्षिणी गुजरात में महिला दुष्कर्म की घटनाएं नगण्य हैं। उन्होंने बताया कि गांधी विनोबा कार्यकर्ताओं के विचार प्रभाव के चलते युवा पीढ़ी का भटकाव नहीं है

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