विकसित उत्तर प्रदेश की संरचना में व्यापारियों की भूमिका सबसे अहम
यह विचार उन्होंने जिला उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों एवं जनपद के प्रतिष्ठित व्यवसायियों के साथ आयोजित “विकसित भारत एवं विकसित उत्तर प्रदेश” विषयक संगोष्ठी में व्यक्त किए। संगोष्ठी का आयोजन जिला उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष रमेश पहवा के प्रतिष्ठान पर किया गया।
कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे नवाचारपूर्ण मानक तैयार करना चाहता है, जो स्थानीय आवश्यकताओं, रोजगारपरक कौशल और उद्यमिता को बढ़ावा दें। इसके लिए व्यापारियों के अनुभव और सुझाव विश्वविद्यालय के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होंगे।

संगोष्ठी में व्यापारियों ने विश्वविद्यालय में कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रम, रोजगारोन्मुख शिक्षा, शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार और मानव संसाधन के पलायन को रोकने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने सुझाव दिए।जनपद में फूड प्रोसेसिंग, मोटे अनाजों के उत्पादन एवं संरक्षण को बढ़ावा देने पर भी विस्तार से चर्चा हुई। व्यापारियों ने कहा कि इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जनपद को अग्रणी बनाने हेतु कम्युनिटी रेडियो, आर्किटेक्चर, रेडियो जॉकी जैसे विषयों पर आधारित पाठ्यक्रमों को शामिल करने के सुझाव भी दिए गए।इसके अलावा, बलरामपुर को आम उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र बताते हुए व्यापारियों ने आम के प्रोसेसिंग, ब्रांडिंग और निर्यात पर विशेष जोर दिया। संगोष्ठी में व्यापारियों ने रोजगारपरक एवं व्यावसायिक शिक्षा को समय की आवश्यकता बताते हुए विश्वविद्यालय से इस दिशा में ठोस पहल की अपेक्षा जताई।

इस अवसर पर जिला उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष रमेश पहवा, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार परमानंद सिंह, नगर अध्यक्ष संजय शर्मा, भगवतीगंज उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष ताराचंद्र अग्रवाल, विजय अग्रवाल सहित अनेक प्रतिष्ठित व्यवसायी उपस्थित रहे। सभी ने जनपद के समग्र विकास में विश्वविद्यालय की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए अपने बहुमूल्य सुझाव साझा किए।
