तत्कालीन सरकारें मजबूरी में गठबंधन करती रहीं, विकास के नाम पर अराजकता फैलती रही: मुख्यमंत्री योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश की स्थिति किसी से छिपी नहीं थी। सड़कों पर गड्ढे, मेट्रो के नाम पर मजाक, रेलवे नेटवर्क में केंद्र और राज्य के बीच समन्वय की भारी कमी थी। बुनियादी ढांचा बदहाल था और प्रदेश की पहचान पिछड़े राज्य के रूप में बनती जा रही थी। उस दौर में तत्कालीन सरकारें मजबूरी में गठबंधन करती थीं, लेकिन विकास के नाम पर अराजकता फैलती रही। केंद्र में यूपीए और प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार होने के बावजूद समन्वय का अभाव बना रहा।
डेढ़ एक्सप्रेस-वे से 22 तक पहुंचा यूपी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में महज डेढ़ एक्सप्रेस-वे थे, जबकि आज उत्तर प्रदेश में 22 एक्सप्रेस-वे हैं। इनके पूर्ण संचालन के बाद देश के कुल एक्सप्रेस-वे नेटवर्क का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा अकेले यूपी का होगा। उन्होंने इसे प्रदेश की बदली हुई रफ्तार बताया।
रेलवे नेटवर्क का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 16,000 किलोमीटर के नेटवर्क के साथ यूपी देश का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क वाला राज्य बन चुका है। इंटर-स्टेट कनेक्टिविटी को फोर लेन में बदला गया है और मेट्रो शहरों की संख्या के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी है।
हवाई कनेक्टिविटी में भी ऐतिहासिक सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में गिने-चुने एयरपोर्ट थे, जिनमें से केवल दो पूरी तरह संचालित थे। आज प्रदेश में 16 एयरपोर्ट संचालित हो रहे हैं, जिनमें चार अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट शामिल हैं। इसके साथ ही नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर), जो देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा, अगले महीने से संचालन के लिए तैयार है।
देश की पहली रैपिड रेल और वॉटर-वे भी यूपी में
मुख्यमंत्री ने बताया कि देश की पहली रैपिड रेल उत्तर प्रदेश में चल रही है और देश का पहला वॉटर-वे भी यूपी में ही संचालित हो चुका है। वाराणसी से हल्दिया के बीच जलमार्ग को प्रयागराज, बलिया और अयोध्या तक विस्तार देने की योजना पर कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि यह सभी उपलब्धियां सरकार की स्पष्ट नीति और मजबूत इच्छाशक्ति का परिणाम हैं।
सपा शासन में युवाओं के भविष्य से हुआ खिलवाड़
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़ी-बड़ी बातें करना सपा का अहंकार रहा है। जब कोई दल स्वयं अपने कार्यों का ढोल पीटने लगता है, तभी जनता का सम्मान खो देता है। सम्मान तब मिलता है, जब दुनिया खुद आपकी प्रशंसा करे। आज दुनिया कह रही है कि उत्तर प्रदेश में अच्छा हो रहा है और इसका सम्मान हर प्रदेशवासी को मिल रहा है।
रोजगार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पहले शिक्षा और भर्ती आयोगों में गंभीर गड़बड़ियां थीं। अयोग्य लोगों को अहम पदों पर बैठाया गया। यहां तक कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में थर्ड डिवीजन पाने वालों को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया, जिससे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ। यूपी के नौजवानों के साथ सबसे ज्यादा अन्याय सपा शासनकाल में हुआ।
बिना घूस के 9 लाख सरकारी नौकरियां: रिकॉर्ड
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पौने नौ वर्षों में प्रदेश में लगभग 9 लाख सरकारी नौकरियां बिना किसी घूसखोरी के दी गई हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने हाल ही में 60,244 पुलिसकर्मियों की भर्ती का उदाहरण देते हुए कहा कि इतनी पारदर्शी और बड़े पैमाने की भर्ती पहले कभी नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से पहले पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता मात्र 3,000 थी और प्रशिक्षण अवधि घटाकर गुणवत्ता से समझौता किया गया। सरकार ने प्रशिक्षण इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर पुलिस बल को अधिक सक्षम और पेशेवर बनाया है।
नकल माफिया पर कड़ी कार्रवाई, व्यवस्था सुधार सरकार का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा आयोग में हाल ही में एक रिटायर्ड डीजीपी की नियुक्ति की गई है, जैसे माफियाओं की कमर तोड़ी गई, वैसे ही नकल माफिया की कमर भी तोड़ी जाएगी। नकल माफिया की आदतें पिछली सरकारों में बिगड़ीं, लेकिन उन्हें सुधारना वर्तमान सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि सरकार केवल औपचारिकता निभाने नहीं, बल्कि व्यवस्था सुधारने के लिए काम कर रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकारी नौकरियों के साथ-साथ एम्प्लॉयमेंट के नए रास्ते खोलने पर भी लगातार काम किया जा रहा है।
