कार्य में तेजी और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं : मुख्यमंत्री योगी
रविवार दोपहर बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ताल कंदला स्थित निर्माणाधीन एनसीसी ट्रेनिंग एकेडमी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एकेडमी के मॉडल और ड्राइंग मैप का अवलोकन करते हुए विभिन्न व्यवस्थाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन भवनों का भ्रमण कर अब तक हुई भौतिक प्रगति का जायजा लिया और हॉस्टल, स्टाफ आवास व मेस के निर्माण को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कार्यदायी संस्था को निर्माण कार्य को उच्च गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि वे निर्माण कार्य का नियमित निरीक्षण करते रहें। निरीक्षण के दौरान कार्यदायी संस्था की ओर से बताया गया कि अब तक लगभग 60 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और निर्धारित समय पर एकेडमी को लोकार्पण के लिए तैयार कर लिया जाएगा।
47.88 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा निर्माण
ताल कंदला, गोरखपुर में एनसीसी ट्रेनिंग एकेडमी का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 मार्च 2024 को किया था। जून 2024 से शुरू हुए इस निर्माण कार्य को जून 2026 तक पूरा किया जाना है।करीब 10 एकड़ भूमि पर बन रही इस एकेडमी का निर्माण कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज, जल निगम, यूनिट-42 गोरखपुर द्वारा किया जा रहा है, जिस पर 47.88 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
एकेडमी में प्रशासनिक भवन, 150 कैडेट्स की क्षमता वाला बालक छात्रावास, 100 कैडेट्स की क्षमता वाला बालिका छात्रावास, डायनिंग हॉल, टॉयलेट ब्लॉक, विद्युत स्टेशन, आउटडोर मल्टी-एक्टिविटी एरिया, 50 मीटर की आउटडोर शूटिंग रेंज, ड्रिल प्रैक्टिस पथ, फुटबॉल फील्ड, ऑप्टिकल कोर्स, पुशअप बीम जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।इसके अतिरिक्त 7.17 करोड़ रुपये की लागत से चहारदीवारी, संतरी पोस्ट, गार्ड रूम तथा हाईमास्ट फ्लड लाइट की व्यवस्था भी की जा रही है।
11 जिलों का प्रतिनिधित्व करता है एनसीसी गोरखपुर ग्रुप
‘एकता और अनुशासन’ के आदर्श वाक्य के साथ कार्यरत एनसीसी ग्रुप गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों का प्रतिनिधित्व करता है। इनमें गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच शामिल हैं।
इस ग्रुप के अंतर्गत आने वाले विश्वविद्यालयों, स्कूलों और कॉलेजों के कैडेट्स को प्रशिक्षण देने के लिए हर वर्ष औसतन 25 से 30 संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर, थल सेना शिविर, इंटर-ग्रुप प्रतियोगिताएं, गणतंत्र दिवस परेड की तैयारी और अनेक सामाजिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
