गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि पर नहीं है कोई विवाद: डॉ. स्वामी भगवदाचार्य

There is no dispute on the birthplace of Goswami Tulsidas: Dr. Swami Bhagvadacharya
 
There is no dispute on the birthplace of Goswami Tulsidas: Dr. Swami Bhagvadacharya

लखनऊ डेस्क | संवाददाता: प्रत्युष पाण्डेय

गोस्वामी तुलसीदास जयंती इस वर्ष 31 जुलाई 2025 (गुरुवार, श्रावण शुक्ल सप्तमी) को मनाई जाएगी। इस अवसर को लेकर पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह का वातावरण है। डॉ. स्वामी भगवदाचार्य जी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्मभूमि को लेकर अब कोई विवाद नहीं है।

रामचरितमानस की लोकप्रियता में निरंतर वृद्धि

रामचरितमानस, जो गोस्वामी तुलसीदास जी की कालजयी रचना है, आज भी लोगों के हृदय को छू रही है। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के बाद इस ग्रंथ के पाठकों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफा हुआ है। रामभक्तों की मांग है कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में गोस्वामी तुलसीदास जी की मूर्ति स्थापित की जाए।
इसके लिए तुलसी जन्मभूमि न्यास द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रामजन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा एवं मंत्री चंपत राय को पत्र प्रेषित किया गया है, जिसमें गोस्वामी जी की प्रामाणिक छवियाँ भी संलग्न हैं।

तुलसी जन्मभूमि: राजापुर, गोण्डा को मिली मान्यता

डॉ. भगवदाचार्य ने जानकारी दी कि आज देश-विदेश के शोधकर्ताओं और विद्वानों ने स्वीकार कर लिया है कि गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले के राजापुर (सूकरक्षेत्र) में हुआ था।
प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय विद्वान आचार्य सूर्य प्रसाद दीक्षित सहित अनेक विद्वानों ने भी इस तथ्य की पुष्टि की है। अब यह तथ्य साहित्य, शोध और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में भी मजबूत आधार पर स्थापित हो चुका है।

 तुलसीदास विश्वविद्यालय व "तुलसी की पैड़ी" का प्रस्ताव

तुलसी जन्मभूमि, राजापुर (गोण्डा) में "गोस्वामी तुलसीदास अंतरराष्ट्रीय केंद्रीय विश्वविद्यालय" की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भारत सरकार के शिक्षा मंत्री को प्रस्ताव भेजा गया है।
इसके साथ ही, अयोध्या की राम की पैड़ी और हरिद्वार की हर की पैड़ी की तर्ज़ पर "तुलसी की पैड़ी" का निर्माण कार्य भी प्रस्तावित है, जिसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सक्रिय प्रयास कर रहे हैं।

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