लखनऊ में तीन दिवसीय बोन्साई कार्यशाला का आयोजन

Three day bonsai workshop organized in Lucknow
Three day bonsai workshop organized in Lucknow
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ (आर एल पाण्डेय)। लखनऊ के होटल गोल्डन एप्पल में आयोजित तीन दिवसीय बोन्साई कार्यशाला ने इस कला को प्रमोट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अवध बोन्साई एसोसिएशन, जिसकी स्थापना 2000 में की गई इसका  मुख्य उद्देश्य बोन्साई की कला को बढ़ावा देना है। बोन्साई जो छोटे आकार में पेड़ों को विकसित करने की कला है, प्रकृति का सूक्ष्म रूप माना जाता है।

आजकल बढ़ती भूमि लागत और आवासीय मांग के कारण बड़े बंगले छोटे फ्लैट्स और ऊंची इमारतों से बदलते जा रहे हैं, जिससे प्राकृतिक परिवेश में कमी आ रही है। ऐसे में, बोन्साई का लघु आकार प्रकृति और निवासियों के बीच संबंध बनाए रखने में सहायक होता है। बोन्साई की उत्पत्ति चीन में हुई थी, लेकिन जापान में इसे आधुनिक रूप मिला। इस कला को संपूर्ण रूप देने के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे रेमिफिकेशन, आकार में गति, और जड़ प्रणाली का विकास, जो बोन्साई पौधों को विशेष डिजाइनर लुक प्रदान करता है।

इस कार्यशाला में प्रशिक्षक  के रूप में रवींद्रन दामोदरन, वीर चौधरी, और सौमिक दास ने भाग लिया। इसके अलावा  जयपुर से आमंत्रित फहद मलिक, जो एक स्व-शिक्षित बोन्साई कलाकार हैं, ने भी कार्यशाला में योगदान दिया। प्रतिभागियों में के के अरोड़ा, रेणु प्रकाश, पद्मा सिंह, बेनु कलसी, सिद्धार्थ सिंह, विधि भार्गव, प्रियांशी, द्रोण सिंह और विधि भार्गव शामिल थे। सभी ने इस कला के प्रति अपने उत्साह और लगन का परिचय दिया, जिससे कार्यशाला सफल रही और बोन्साई की कला को एक नई दिशा मिली।

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