आज बाबा विनोबा की श्रद्धांजलि का दिवस पवनार साढ़े नौ बजे करेगा शंखध्वनि

Today is the day of tribute to Baba Vinoba, Pawanar will blow the conch at 9:30
 
Today is the day of tribute to Baba Vinoba, Pawanar will blow the conch at 9:30
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।विनोबा विचार प्रवाह के सूत्रधार रमेश भइया ने कहा कि   मृत्यु विषाद नहीं उत्सव है l इस विचार मे आस्था रखते हुए अपने अंतिम दिनो मे अन्न,जल का त्याग कर दीपोत्सव दीवाली के  दिन (यद्यपि तिथि 15 नवम्बर 1982 थी। इसीलिए 42 वर्ष से मनाया जा रहा पवनार आश्रम पर मित्र मिलन।

जिसमें दुनिया के अनेक देशों और भारत के सभी प्रदेशों के लोग आते रहे हैं।इस वर्ष हो रहा भव्य आयोजन, सम्पूर्ण विश्व एक तरीके से आमंत्रित रहता है क्योंकि ब्रह्मविद्या मंदिर मित्र मिलन के लिए किसी को आमंत्रण नहीं भेजता है सभी लोग श्रद्धा और विचार की प्राप्ति के लिए लगातार आता है। इस वर्ष भी अनेक पहुंचेंगे और 15 से 17 नवंबर ढाई दिन के मित्र मिलन में सम्मिलित होंगे ) बाबा विनोबा ने मृत्यु का वरण किया था l उन्होने अपने मृत्यु के कुछ वर्ष पहले अपने निकट के एक साथी को लिखा था

तुम्हें मरने का कोई अधिकार नही है, यह शरीर ईश्वर का दिया हुआ एक उपहार है और आत्मज्ञान प्राप्त करने का एक माध्यम है उसे प्राप्त करने के उपरांत तुम कभी भी मृत्यु का वरण कर सकते हो l जीवन का मर्म सत्य की साधना मे है l महात्मा गांधी के सच्चे अनुयायी होने के नाते ईश्वर के साक्षात्कार की लगन के साथ उन्होने आध्यात्मिक प्रेरणा ज्ञानेश्वर महाराज और एकनाथ महाराज से पायी थी वही संसार में रहकर जीवन मे आध्यात्मिक गति महात्मा गांधी से प्राप्त की थी।उदगार डा दिलीप तायडे।

गांधी विनोबा विचारक महाराष्ट्र।

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