उत्तर प्रदेश में पारदर्शी भर्ती प्रणाली से युवाओं के सपने हो रहे साकार

प्रस्तुति: अम्बरीष कुमार सक्सेना
उत्तर प्रदेश में पारदर्शी, निष्पक्ष और भ्रष्टाचार-मुक्त सरकारी भर्ती प्रक्रिया ने प्रदेश के लाखों युवाओं के सपनों को साकार करने की दिशा में नया विश्वास जगाया है। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में प्रदेश पुलिस में चयनित 60,244 सिपाहियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए—यह न केवल सरकार के लिए, बल्कि इन युवाओं और उनके परिवारों के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण था।
गृहमंत्री ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि आज उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए रिश्वत, सिफारिश, पर्ची या पहचान की आवश्यकता नहीं है। अब नियुक्तियाँ योग्यता आधारित और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हो रही हैं। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रणाली को जातिवाद, तुष्टिकरण और परिवारवाद से पूरी तरह मुक्त किया गया है—वह भ्रष्ट परंपराएँ जो पूर्ववर्ती सरकारों में प्रचलित थीं।
भर्ती प्रक्रिया का ऐतिहासिक आंकड़ा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जानकारी दी कि प्रदेश में विगत आठ वर्षों में 8.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है, जिसमें भेदभाव के बिना सभी वर्गों को अवसर मिले हैं। यूपी पुलिस में हालिया 60,244 पदों पर सीधी भर्ती सपा सरकार के समय हुई 49,965 पदों की नियुक्ति को पीछे छोड़ चुकी है। भाजपा सरकार के वर्तमान कार्यकाल में कुल भर्ती आंकड़ा 2.18 लाख तक पहुँच चुका है, जिसमें 35,247 महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, खिलाड़ी कोटा के अंतर्गत 491 सिपाहियों की भर्ती की गई है, जिनमें 313 पुरुष और 178 महिलाएं शामिल हैं। साथ ही, वर्षों से लंबित भर्ती प्रक्रियाओं को भी न्यायालयों के आदेशानुसार पूरा किया गया है, जिससे युवाओं का सरकार पर भरोसा और भी मजबूत हुआ है।
पुलिस बल में सशक्तिकरण और आधुनिकरण
प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) को पुनः सक्रिय किया गया है। एटीएस, एसटीएफ, एसडीआरएफ और एसएसएफ जैसी विशेष इकाइयों को अधिक संसाधन और संरचना देकर मज़बूत किया गया है। कोविड-19 काल और प्रयागराज महाकुंभ-2025 जैसे आयोजनों में यूपी पुलिस ने अपनी दक्षता और संवेदनशीलता का प्रमाण दिया है।
महिला सुरक्षा को और मज़बूती देने के लिए प्रदेश में वीरांगना पीएसी बटालियन जैसे विशेष बलों की स्थापना की गई है, जैसे बदायूं में अवंती बाई, गोरखपुर में झलकारी बाई और लखनऊ में ऊदा देवी महिला बटालियन।
रोज़गार के नए आयाम
सरकारी भर्तियों के अतिरिक्त, संविदा के माध्यम से 3.78 लाख युवाओं को रोजगार, और निजी क्षेत्र व एमएसएमई के सहयोग से 2 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। डिफेंस कॉरिडोर और विकासशील पर्यटन परियोजनाएँ भी स्थानीय स्तर पर नौकरियों के नए द्वार खोल रही हैं।
"अग्निपथ योजना" के तहत चयनित अग्निवीरों को भी बड़ी राहत दी गई है—उन्हें यूपी पुलिस समेत अन्य सेवाओं में 20% आरक्षण प्रदान किया गया है। इससे रक्षा सेवा से सेवानिवृत्त युवाओं को राज्य में पुनः सेवा देने का अवसर मिलेगा।
बेरोज़गारी दर में ऐतिहासिक गिरावट
2016 में जहां प्रदेश की बेरोज़गारी दर 16% थी, वहीं वर्तमान में यह घटकर 2.4% रह गई है। पलायन पर भी अंकुश लगा है, और अब प्रदेश का युवा अपने ही राज्य में करियर निर्माण के लिए विकल्प पा रहा है।
चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा
हालाँकि युवाओं के लिए अभी भी कई सुधार और अवसर आवश्यक हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं के लीक मामलों से उपजा असंतोष, विशेषकर लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान, सरकार के लिए चुनौती बना था। परंतु योगी सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए "उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम" लागू किया, जो परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करता है।