ट्रंप का भारत पर 25% टैरिफ और पाकिस्तान के साथ तेल डील: क्या बदल रहे हैं रिश्तों के समीकरण?

 
Trump 25% Tariff on India, Pakistan Deal Sealed | Farooq Abdullah’s Explosive Reaction.

आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी खबर की, जिसने भारत और अमेरिका के रिश्तों में हलचल मचा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया और साथ ही पाकिस्तान के साथ एक बड़ी तेल डील की घोषणा कर दी। इस खबर ने हर किसी को चौंका दिया है, और अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या ट्रंप अचानक पाकिस्तान के दोस्त बन गए हैं? इस बीच, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इस मुद्दे पर अपना तीखा फीडबैक दिया है। तो आखिर फारूक अब्दुल्ला ने क्या कहा? और इस टैरिफ का भारत पर क्या असर होगा? चलिए, इस वीडियो में हम पूरे मामले को डिटेल में समझते है। 

सबसे पहले बात करते हैं इस पूरे controversy की शुरुआत की। 30 जुलाई 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा, जो 7 अगस्त 2025 से लागू होगा। इसके साथ ही, ट्रंप ने रूस से तेल और हथियार खरीदने की वजह से भारत पर additional penalty लगाने की भी बात कही। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर कहा कि भारत अमेरिकी सामानों पर भारी टैक्स लगाता है, और अब वो रेसिप्रोकल टैरिफ के जरिए व्यापार को संतुलित करेंगे। 

लेकिन असली ट्विस्ट तो तब आया, जब ट्रंप ने उसी दिन पाकिस्तान के साथ एक बड़ी तेल डील की घोषणा की। पहले पाकिस्तान पर 29% टैरिफ लगाने की बात थी, लेकिन अब इसे घटाकर 19% कर दिया गया है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर पाकिस्तान के तेल भंडारों को विकसित करेंगे। इस डील के बाद कई लोग ये कहने लगे कि ट्रंप अचानक पाकिस्तान के दोस्त बन गए हैं, जबकि भारत पर सख्ती बरत रहे हैं। इस खबर ने भारत में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है, और विपक्षी नेता सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। 

इस पूरे मामले पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी। श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, "इस टैरिफ से हर कोई प्रभावित हो रहा है। अचानक ट्रंप पाकिस्तान के दोस्त बन गए हैं। वो चाहते हैं कि हम रूस से तेल न खरीदें, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान से वादा किया है कि वो उन्हें कच्चा तेल भेजेंगे। अब हमारा कोई दोस्त नहीं बचा है, यहां तक कि हमारे पड़ोसी भी हमारे दोस्त नहीं हैं। हमने ये दिखाने की कोशिश की कि हम उनसे ज्यादा ताकतवर हैं, लेकिन हमें ये सोचना चाहिए कि हम सब एक साथ हैं।" फारूक अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि ट्रंप का ये कदम भारत की अर्थव्यवस्था और आम लोगों पर भारी पड़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत को अपनी स्वतंत्रता दिखानी होगी और किसी की दोस्ती के पीछे नहीं भागना चाहिए। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं, और लोग इसे भारत-अमेरिका रिश्तों पर एक बड़ा कमेंट मान रहे हैं।

अब सवाल ये है कि 25% टैरिफ का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा? experts  का कहना है कि ये टैरिफ Indian exporters के लिए बड़ा झटका है, खासकर टेक्सटाइल, फार्मा, जेम्स एंड ज्वैलरी, स्टील, और ऑटो पार्ट्स जैसे सेक्टर्स में। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा export market है, जहां भारत का 18% export जाता है, जो GDP का 2.2% है। इस टैरिफ से इन सेक्टर्स की कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई है, जैसे Welspun Corp, Gokaldas Exports, और Apar Industries। 

ANZ के economists का अनुमान है कि अगर ये टैरिफ पूरे साल लागू रहा, तो भारत की GDP ग्रोथ 20-40 बेसिस पॉइंट्स तक कम हो सकती है। यानी भारत की आर्थिक विकास दर 6% से भी कम हो सकती है। इसके अलावा, भारतीय शेयर बाजार में भी हलचल देखी गई। 7 अप्रैल 2025 को सेंसेक्स में 3,914 अंकों की गिरावट आई, जिसका कारण ट्रंप की टैरिफ नीति को बताया गया। 

पाकिस्तान के साथ तेल डील को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि वो पाकिस्तान के तेल भंडारों को विकसित करने में मदद करेंगे, और इसके लिए एक अमेरिकी कंपनी की तलाश की जा रही है। जानकारों का मानना है कि ये डील ट्रंप की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वो छोटे देशों पर दबाव बनाकर अपने हित साधना चाहते हैं। 

पाकिस्तान को 19% टैरिफ में छूट देने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। पहला, पाकिस्तान ने अमेरिका के कई आदेशों का पालन किया है, खासकर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में। दूसरा, ट्रंप पाकिस्तान के दुर्लभ खनिजों पर नियंत्रण चाहते हैं। लेकिन भारत के लिए ये situation uncomfortable है, क्योंकि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का श्रेय भी खुद लिया है, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया। 

भारत सरकार ने इस टैरिफ के जवाब में सधा हुआ रुख अपनाया है। commerce minister पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है, और देशहित में हर संभव कदम उठाया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर फैल रही फर्जी खबरों को खारिज करते हुए कहा कि भारत जवाबी टैरिफ की योजना नहीं बना रहा, बल्कि बातचीत के जरिए समाधान निकालेगा। 

सोशल मीडिया पर इस खबर ने तहलका मचा दिया है। X पर कई यूजर्स ने ट्रंप के इस कदम की आलोचना की। कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि भारत को अब indigenous products पर फोकस करना चाहिए, जैसा कि पीएम मोदी ने अपनी वाराणसी रैली में कहा। 

तो अब सवाल ये है कि भारत इस टैरिफ संकट से कैसे निपटेगा ? पीएम मोदी ने वाराणसी में कहा कि हमें ‘वोकल फॉर लोकल’ मंत्र को अपनाना होगा और indigenous products को प्राथमिकता देनी होगी। सरकार 24 अगस्त को अमेरिकी व्यापार वार्ता टीम के साथ छठे दौर की बातचीत करने वाली है। अगर दोनों देशों के बीच कोई समझौता हो जाता है, तो टैरिफ का असर कम हो सकता है। 

तो ये थी ट्रंप के 25% टैरिफ और पाकिस्तान डील की पूरी कहानी। फारूक अब्दुल्ला का बयान इस बात का सबूत है कि भारत को अपनी विदेश नीति और आर्थिक हितों को मजबूती से रखना होगा। आप इस बारे में क्या सोचते हैं? क्या भारत को जवाबी टैरिफ लगाना चाहिए, या बातचीत से समाधान निकालना चाहिए? नीचे कमेंट में बताइए।

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