व्हाइट हाउस में हुआ बड़ा ड्रामा: भारत को ट्रंप की सख़्त चेतावनी, क्या नया ट्रेड वॉर शुरू होने वाला है?
8 दिसंबर 2025 की शाम, व्हाइट हाउस में कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे भारत को चौंका दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुलेआम भारत को चेतावनी दे दी कि अगर भारत ने अमेरिकी बाजार में सस्ता चावल “डंप” करना बंद नहीं किया, तो वो भारी-भरकम टैरिफ लगा देंगे। और तो और, ट्रंप ने अपने वित्त मंत्री से सवाल किया – “भारत को ऐसा करने की इजाजत क्यों है?”
क्या वाकई भारत-अमेरिका के बीच नया व्यापार युद्ध शुरू होने वाला है? आज की इस वीडियो में हम आपको बताएँगे व्हाइट हाउस की उस मीटिंग का पूरा ड्रामा, ट्रंप के एक-एक शब्द, और इसके पीछे की असली वजह बताने वाले हैं। तो वीडियो को लास्ट तक जरूर देखिएगा
8 दिसंबर 2025 को व्हाइट हाउस में एक हाई-लेवल गोलमेज बैठक हुई। इसमें अमेरिकी चावल किसान, ट्रंप के कैबिनेट के बड़े-बड़े मंत्री – वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और कृषि मंत्री ब्रूक रोलिन्स भी मौजूद थे। ट्रंप ने सबसे पहले अमेरिकी चावल किसानों के लिए 12 बिलियन डॉलर (लगभग 1 लाख करोड़ रुपए) की मदद का ऐलान किया। तभी लुइसियाना की मशहूर चावल मिल मालकिन मेरिल केनेडी ने ट्रंप से शिकायत की – “हमारे दक्षिणी अमेरिकी चावल किसान सचमुच मुश्किल में हैं। दूसरे देश हमारे बाजार में चावल डंप कर रहे हैं, यानी बहुत सस्ते दामों पर बेच रहे हैं।” ट्रंप ने तुरंत पूछा – “कौन-कौन से देश?”
मेरिल केनेडी ने बिना हिचके नाम लिया – “भारत और थाईलैंड… और चीन तो प्यूर्टो रिको में भी सस्ता चावल डाल रहा है। कभी प्यूर्टो रिको हमारा सबसे बड़ा बाजार था, अब सालों से हम वहाँ चावल नहीं भेज पा रहे।” ट्रंप चौंके और अपने वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट की तरफ मुड़े। बोले –
“भारत… मुझे भारत के बारे में बताओ। भारत को ऐसा करने की इजाजत क्यों है? उन्हें टैरिफ देना पड़ेगा ना? क्या चावल पर कोई छूट मिली हुई है?” बेसेंट ने जवाब दिया – “नहीं सर, अभी हम भारत के साथ व्यापार समझौते पर बात कर रहे हैं।” केनेडी ने आगे बताया कि भारत के खिलाफ WTO में भी केस चल रहा है। ट्रंप ने मुस्कुराते हुए कहा –
“ये बहुत आसानी से सुलझ जाएगा। बस उन देशों पर भारी टैरिफ लगा दो जो गलत तरीके से सामान भेज रहे हैं। आपकी समस्या एक दिन में हल हो जाएगी!”
दोस्तों, बात यहीं खत्म नहीं हुई। ट्रंप पहले से ही भारत पर 50% तक का टैरिफ लगा चुके हैं – जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसमें रूस से तेल खरीदने पर 25% टैरिफ भी शामिल है। अब चावल का मुद्दा उठने के बाद अमेरिकी चावल लॉबी दबाव बना रही है कि भारत से आने वाले बासमती और नॉन-बासमती चावल पर कम से कम 80-100% टैरिफ लगे। अगर ऐसा हुआ तो भारत का चावल निर्यात अमेरिका में लगभग बंद हो जाएगा।
और सच बताएं तो भारत के पास जवाब देने की ताकत भी है। भारत दुनिया का नंबर-1 चावल उत्पादक और निर्यातक देश है। 2024-25 में हमारा ग्लोबल एक्सपोर्ट शेयर 30.3% था। अमेरिका हमसे हर साल लाखों टन सोना मसूरी, 1121 बासमती और दूसरी प्रीमियम वैरायटी खरीदता है। अगर भारत जवाबी टैरिफ लगाता है – जैसे हार्ले डेविडसन बाइक्स, बादाम, सेब, अखरोट पर पहले से ही लगा रखे हैं – तो अमेरिकी किसानों और कंपनों को भी भारी नुकसान होगा। मतलब साफ है – ये दोतरफा तलवार है।
तो दोस्तों, ये था व्हाइट हाउस का पूरा ड्रामा। अब सवाल ये है – क्या भारत अमेरिका के इस दबाव में झुकेगा या ट्रंप को मुंहतोड़ जवाब देगा?
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