ग्लोरियस फाउंडेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में
लखनऊ। ग्लोरियस फाउंडेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में तथा उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के सहयोग से रविवार, 21 दिसंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। यह संगोष्ठी “जंगे आज़ादी में उर्दू ज़ुबान” विषय पर केंद्रित होगी, जिसमें भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उर्दू भाषा और प्रमुख साहित्यकारों की भूमिका पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।
ग्लोरियस फाउंडेशन ट्रस्ट की संयोजक नुजहत शहाब चिश्ती ने बताया कि यह सेमिनार प्रातः 11 बजे, नेहरू युवा केंद्र, घंटाघर चौराहे के निकट, लखनऊ में आयोजित होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार इब्राहीम अलवी करेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध शायर एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री हसन काज़मी उपस्थित रहेंगे। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. अब्बास रज़ा नय्यर, अध्यक्ष, उर्दू विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में श्री वी.डी. चौधरी (सहायक आयुक्त, जिला उद्योग, लखनऊ), डॉ. अनीस अंसारी, प्रो. रेशमा परवीन, डॉ. एहतिशाम अहमद खान, श्री वहीदुल्ला अंसारी चतुर्वेदी, श्री परवेज मलिक ज़ादा, डॉ. नजहत फातिमा एवं श्री हारुन नोमानी शामिल होंगे। सभी वक्ता उर्दू भाषा के ऐतिहासिक योगदान और स्वतंत्रता आंदोलन में साहित्यिक संघर्ष की भूमिका पर प्रकाश डालेंगे।
सेमिनार का संचालन डॉ. मसीह उद्दीन खान (मौलाना आज़ाद उर्दू विश्वविद्यालय, लखनऊ) द्वारा किया जाएगा। “जंगे आज़ादी का किरदार” विषय के अंतर्गत प्रस्तुत किए जाने वाले शोधपत्र कार्यक्रम को बौद्धिक रूप से समृद्ध बनाएंगे। इस अवसर पर डॉ. परवीन शुजात, डॉ. सीमा सिद्दीकी, डॉ. बुशरा खातून, श्री मुमताज़ अहमद, श्री राशिद खान, श्री गफरान नसीम, श्री जियाउल्लाह सिद्दीकी, श्री रिज़वान अहमद एवं श्री सईद अख्तर सहित कई विद्वान अपने शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे।
वक्ताओं द्वारा इस बात पर विशेष बल दिया जाएगा कि उर्दू भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं रही, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जनचेतना जागृत करने का एक सशक्त हथियार भी बनी। कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ने भविष्य में भी ऐसे शैक्षणिक एवं साहित्यिक आयोजनों को निरंतर आयोजित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
