मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना को मिली नई गति
डिजिटल सत्यापन से व्यवस्था हुई अधिक पारदर्शी
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप वृद्धजनों को सम्मानजनक, सुरक्षित और आत्मनिर्भर जीवन देने के उद्देश्य से योजना को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर योजना में आधार आधारित सत्यापन, डिजिटल मॉनिटरिंग और सतत समीक्षा व्यवस्था लागू की गई है, जिससे पेंशन वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनी है।
लाभार्थियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि
वर्ष 2024 में जहां इस योजना से 61.00 लाख वृद्धजन लाभान्वित हो रहे थे, वहीं वर्ष 2025 में यह संख्या बढ़कर 67.50 लाख हो गई है। यह वृद्धि योगी सरकार की सामाजिक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसके माध्यम से प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को नियमित आर्थिक संबल प्रदान किया जा रहा है।
अपात्र नामों पर सख्त कार्रवाई
योजना की शुचिता बनाए रखने के लिए विभाग द्वारा नियमित सत्यापन अभियान चलाया गया। इसके तहत
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वर्ष 2024 में 1.77 लाख,
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वर्ष 2025 में 3.32 लाख मृतक एवं अपात्र लाभार्थियों के नाम पेंशन सूची से हटाए गए।
इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया गया कि पेंशन राशि केवल वास्तविक और पात्र वृद्धजनों को ही प्राप्त हो।
पात्र वृद्धजनों को प्राथमिकता
समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक अमरजीत सिंह ने बताया कि विभाग की प्राथमिकता है कि कोई भी पात्र वृद्धजन पेंशन योजना से वंचित न रहे। इसी उद्देश्य से वर्ष 2025 में 9.83 लाख नए पात्र वृद्धजनों को योजना से जोड़ा गया, जबकि वर्ष 2024 में यह संख्या 7.08 लाख रही थी।
60 वर्ष होते ही स्वतः मिलेगी पेंशन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में वृद्धावस्था पेंशन योजना को और अधिक सरल एवं स्वचालित बनाया गया है। नई व्यवस्था के अंतर्गत फैमिली आईडी (एक परिवार–एक पहचान) प्रणाली के माध्यम से पात्र वृद्धजनों की पहचान और सत्यापन स्वतः होगा। इसके तहत कोई भी व्यक्ति 60 वर्ष की आयु पूर्ण करते ही पेंशन राशि सीधे उसके बैंक खाते में प्राप्त कर सकेगा।
