सीएम योगी के नेतृत्व में पिछड़ा वर्ग कल्याण योजनाओं ने रची समावेशी विकास की नई कहानी
• छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति से लाखों छात्रों को शिक्षा का मिला मजबूत संबल
• शादी अनुदान योजना से बेटियों की सामाजिक सुरक्षा और सम्मान हुआ सुदृढ़
• कंप्यूटर प्रशिक्षण ने युवाओं को बनाया आत्मनिर्भर और रोजगारोन्मुखी
• डीबीटी व्यवस्था से बढ़ी पारदर्शिता, भ्रष्टाचार पर लगी प्रभावी रोक
लखनऊ, दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025 में पिछड़ा वर्ग कल्याण को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण—तीनों ही क्षेत्रों में सरकार की योजनाएँ न केवल निरंतर संचालित रहीं, बल्कि लाभार्थियों की संख्या और बजट के लिहाज़ से पहले से अधिक प्रभावी सिद्ध हुईं।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के आधिकारिक आँकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियाँ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सीधे पहुँच रही हैं। योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण महज़ योजनाओं तक सीमित न रहकर शिक्षा, सम्मान और कौशल के माध्यम से समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाने का प्रभावी माध्यम बना है। यही नीति-आधारित और परिणाम-केंद्रित कार्यशैली उत्तर प्रदेश को सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में आगे बढ़ा रही है।
शिक्षा को प्राथमिकता, रिकॉर्ड स्तर पर छात्रवृत्ति वितरण
वर्ष 2025-26 में योगी सरकार ने पिछड़ा वर्ग के छात्रों को शिक्षा से जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक सहायता प्रदान की।
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पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत
6,90,349 छात्रों को ₹147.75 करोड़ की सहायता -
दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत
5,85,954 छात्रों को ₹175.54 करोड़ प्रदान किए गए
इस प्रकार केवल वर्ष 2025 में ही कुल 12,76,303 विद्यार्थियों को ₹323.29 करोड़ की सीधी आर्थिक सहायता मिली। कुल मिलाकर योगी सरकार ने बीते नौ वर्षों में2 करोड़ 20 लाख 29 हजार 760 छात्रों को₹13,858.62 करोड़ की सहायता प्रदान कर शिक्षा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
बेटियों के सम्मान और सुरक्षा की मिसाल बनी शादी अनुदान योजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सामाजिक संवेदनशीलता का सशक्त उदाहरण शादी अनुदान योजना है।
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वर्ष 2025-26 (23 दिसंबर तक)
72,296 बेटियों को ₹144.59 करोड़ का अनुदान -
2019-20 और 2024-25 में
प्रत्येक वर्ष 1-1 लाख बेटियों को ₹200-200 करोड़ की सहायता
नौ वर्षों में कुल6,47,863 लाभार्थियों को₹1,295.72 करोड़ की सहायता प्रदान की गई। इस योजना के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य पिछड़ा वर्ग के ऐसे परिवार, जिनकी वार्षिक आय ₹1 लाख तक है, उनकी बेटियों के विवाह हेतु अनुदान का प्राविधान है। योजना में लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं लड़के की 21 वर्ष निर्धारित है।
डिजिटल भविष्य की ओर कदम: कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच युवाओं को आत्मनिर्भर और रोजगारोन्मुखी बनाने की रही है। इसी उद्देश्य से कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना को लगातार विस्तार दिया गया।
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वर्ष 2025-26 (23 दिसंबर तक)
18,159 युवक और 4,233 युवतियाँ, कुल 22,392 युवा प्रशिक्षित
₹19.18 करोड़ व्यय -
2017-18 में 9,431 युवाओं से बढ़कर
2024-25 में यह संख्या 29,769 तक पहुँची
नौ वर्षों में कुल1,62,046 युवाओं को ₹154.56 करोड़ की लागत से डिजिटल प्रशिक्षण दिया गया।
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ओ-लेवल सर्टिफिकेट – 1,01,139 प्रशिक्षणार्थी
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सीसीसी सर्टिफिकेट – 60,907 प्रशिक्षणार्थी
यह प्रशिक्षण भारत सरकार की नीलिट से मान्यता प्राप्त संस्थाओं के माध्यम से प्रदान किया गया। योजना का लाभ इंटरमीडिएट पास, बेरोजगार अन्य पिछड़ा वर्ग के युवक-युवतियों को दिया गया, जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय ₹1 लाख या उससे कम है।
इन सभी योजनाओं का लाभ डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खातों में दिया गया, जिससे पारदर्शिता बढ़ी और भ्रष्टाचार की संभावनाएँ पूरी तरह समाप्त हो गईं।
