प्रधानमंत्री मोदी के विजन को गति दे रहे केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव: जमालपुर रेल कारखाने को मिली नई ऊर्जा

Union Minister Ashwini Vaishnav is giving impetus to Prime Minister Modi's vision: Jamalpur Rail Factory gets new energy
 
Union Minister Ashwini Vaishnav is giving impetus to Prime Minister Modi's vision: Jamalpur Rail Factory gets new energy

मुंगेर, बिहार | मई 2025:
बिहार का जमालपुर, जो कभी औद्योगिक क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका के लिए "बंगाल का बर्मिंघम" कहा जाता था, अब एक बार फिर विकास की नई कहानी लिखने को तैयार है। भारत के केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां ₹78.96 करोड़ की लागत से वैगन पीओएच (Periodical Overhauling) क्षमता वृद्धि परियोजना की आधारशिला रखी।

जमालपुर रेल कारखाना, जो एशिया का सबसे बड़ा रेलवे वर्कशॉप है, देश के औद्योगिक इतिहास का अहम हिस्सा रहा है। इस कारखाने ने न केवल कारीगरों को रोजगार दिया, बल्कि मिश्रित सांस्कृतिक वातावरण का भी निर्माण किया।

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 कारखाने में नया विकास: तकनीक और उत्पादन में विस्तार

रेल मंत्री ने वैगन निर्माण शॉप, क्रेन शॉप, और जमालपुर में निर्मित विभिन्न रेलवे उपकरणों—जैसे बॉक्सन वैगन, बीएलसीएस वैगन और शौचालय युक्त ब्रेक वैन—का निरीक्षण किया। उन्होंने नव-निर्मित 140 टन क्रेन, 8-व्हीलर टावर कार और जमालपुर जैक को भी देखा, जो इस कारखाने की इंजीनियरिंग क्षमताओं का प्रतीक हैं।

इस अवसर पर उन्होंने ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ नामक विकास पुस्तिका का विमोचन भी किया, जिसमें वेल्डिंग, न्यूमेटिक्स, हाइड्रोलिक्स और मेक्ट्रोनिक्स जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण के लिए विस्तृत योजनाएँ शामिल हैं। इस पहल में ₹350 करोड़ के निवेश की योजना है, जिससे इरिमी जमालपुर को तकनीकी शिक्षा का हब बनाया जाएगा।

उत्पादन क्षमता में बड़ा इज़ाफा

नई परियोजना के तहत वैगन ओवरहालिंग क्षमता को 545 से बढ़ाकर 800 यूनिट प्रति माह किया जाएगा। इससे न सिर्फ टर्नअराउंड टाइम में सुधार होगा, बल्कि रेलवे के संचालन में भी बड़ी दक्षता आएगी। इस क्षमता वृद्धि से भारतीय रेलवे की लॉजिस्टिक्स क्षमता को उल्लेखनीय लाभ मिलेगा।

 बिहार में रेलवे निवेश में ऐतिहासिक वृद्धि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए रेलवे बजट आवंटन को ₹1000 करोड़ से बढ़ाकर ₹10,000 करोड़ कर दिया गया है।
इसके साथ ही ₹1 लाख करोड़ की रेलवे परियोजनाओं में 98 स्टेशनों के पुनर्विकास को भी शामिल किया गया है।

पिछले 10 वर्षों में बिहार में 1832 किमी नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं, जबकि देश भर में 50,000 किमी मार्गों का विद्युतीकरण किया गया है। यह ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण के लिहाज से एक बड़ा कदम है।

 बिहार को मिले हैं हाई-प्रोफाइल ट्रेन प्रोजेक्ट्स

रेल मंत्री ने बताया कि पहली वंदे भारत ट्रेन अब भागलपुर से और पहली नमो भारत ट्रेन जयनगर से शुरू की गई है, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक उत्थान में मील का पत्थर साबित होगी।

 मंत्रियों और स्थानीय प्रतिनिधियों की मौजूदगी

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, और वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित रहे।
ललन सिंह ने श्री वैष्णव के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि “उनकी दूरदृष्टि और कार्यशैली बिहार के समग्र विकास के लिए एक नई उम्मीद है।”

कर्मचारियों से संवाद और भरोसा

निरीक्षण के दौरान रेल मंत्री ने कारखाने के कर्मचारियों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने आश्वासन दिया कि कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी और हर समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।

 भविष्य की दिशा: अत्याधुनिक जमालपुर कारखाना

रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि आने वाले वर्षों में जमालपुर रेल कारखाना न केवल अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगा, बल्कि यह पूरे बिहार के लिए रोजगार, तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रगति का केंद्र बनेगा।

इस दौरे को बिहार में आगामी चुनावों के संदर्भ में एक अहम कदम माना जा रहा है, जो राज्य में केंद्र सरकार की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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