बेंगलुरु में नारी जागरण की अनूठी पहल: गायत्री यज्ञ और संस्कारों के माध्यम से दी चेतना की प्रेरणा

बेंगलुरु/लखनऊ डेस्क (आर. एल. पाण्डेय)। बेंगलुरु स्थित गायत्री चेतना केंद्र में दो वर्षों से निरंतर यज्ञाचार्य की भूमिका निभा रही विदुषी नारियों के योगदान को सम्मानित किया गया। यह अभिनंदन समारोह नारी शक्ति द्वारा चलाए जा रहे नारी जागरण अभियान की उपलब्धियों के प्रतीक स्वरूप आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की प्रेरणा रीता रजक द्वारा 2 वर्ष पूर्व गायत्री तीर्थ शांतिकुंज, हरिद्वार में लिए गए संकल्प से मिली थी। उन्होंने जून 2023 में यह प्रतिज्ञा ली थी कि गायत्री चेतना केंद्र पर प्रत्येक रविवार को आयोजित होने वाला गायत्री यज्ञ और विभिन्न संस्कारों का संचालन नारी शक्ति द्वारा ही किया जाएगा।
‘ज्ञान यज्ञ की लाल मशाल’ के साथ महिलाओं का सशक्तिकरण
इस दो वर्ष की सफल यात्रा पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में ‘ज्ञान यज्ञ की लाल मशाल’ को प्रतीक रूप में प्रयोग कर नारी शक्ति को सम्मानित किया गया। इस पहल को ‘21वीं सदी – नारी सदी’ के यथार्थ रूपांतरण की दिशा में प्रभावशाली कदम के रूप में देखा जा रहा है।
कार्यक्रम में यज्ञाचार्य की भूमिका निभाने वाली महिलाओं को उनके समर्पण, अनुशासन और सामाजिक जागरूकता में योगदान के लिए विशेष रूप से सराहा गया। गायत्री मंत्र, वैदिक विधियों और भारतीय संस्कारों को सामाजिक जीवन से जोड़ते हुए, उन्होंने आध्यात्मिक नेतृत्व का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।
रीता रजक ने किया आभार व्यक्त और नई पहल का आह्वान
रीता रजक ने इस कार्यक्रम के अंत में सभी सहभागी महिलाओं, परिजनों और क्षेत्रीय श्रद्धालुओं के प्रति आभार प्रकट किया। साथ ही उन्होंने अपने क्षेत्र की कॉलोनियों और मंदिरों में 'ज्योति कलश पूजन' की नई श्रृंखला शुरू करने का भी आह्वान किया, जिससे अधिक से अधिक लोग भक्ति और संस्कारों से जुड़ सकें।