यूपी फायर सर्विस का होगा पुनर्गठन: मुख्यमंत्री ने 98 राजपत्रित और 922 अराजपत्रित पदों के सृजन को दी हरी झंडी

Uttar Pradesh Fire Service to be restructured: Chief Minister gives green light to the creation of 98 gazetted and 922 non-gazetted posts.
 
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लखनऊ,  अक्टूबर 2025 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य अग्निशमन विभाग (Fire Service) को केवल 'आग बुझाने' तक सीमित न रखकर, इसे आपदा प्रबंधन, रेस्क्यू ऑपरेशन और आपात सेवाओं के समेकित स्वरूप में विकसित करने का बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुए विभाग की संरचना को अधिक सशक्त, आधुनिक और जनसुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाने के निर्देश दिए। जनसंख्या वृद्धि, औद्योगिक विस्तार और शहरीकरण की तीव्र गति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अग्निशमन विभाग के विभागीय कैडर रिव्यू की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

नए पद सृजित और प्रशासनिक दक्षता में सुधार

मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद फायर सर्विस विभाग में बड़े बदलाव का रास्ता साफ हो गया है:

  • नए पद: विभाग में राजपत्रित संवर्ग के 98 और अराजपत्रित संवर्ग के लगभग 922 नए पद सृजित होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इन नए पदों से जनपद, क्षेत्रीय और मुख्यालय स्तर पर फायर सर्विस की कार्यक्षमता और जनसेवा क्षमता को नई मजबूती मिलेगी।

  • अकाउंट कैडर: प्रशासनिक क्षमता और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रत्येक जनपद में अकाउंट कैडर स्थापित किया जाएगा।

  • प्रशिक्षण में सुधार: राज्य अग्निशमन प्रशिक्षण महाविद्यालय में अतिरिक्त पद सृजित किए जाएंगे, जिससे प्रशिक्षण और अनुसंधान की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकेगा।

आधुनिकीकरण और त्वरित प्रतिक्रिया पर ज़ोर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फायर सर्विस को अत्याधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित जनशक्ति से सुसज्जित करने के निर्देश दिए। साथ ही, हर परिस्थिति में त्वरित और कुशल प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित निर्देश दिए गए:

  • स्पेशलाइज्ड यूनिट: प्रत्येक रीजन (क्षेत्र) में विशेषीकृत इकाइयाँ गठित की जाएँगी, जो केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल दुर्घटनाओं और सुपर हाईराइज बिल्डिंग जैसी विशिष्ट परिस्थितियों से निपटने में सक्षम होंगी।

  • एक्सप्रेस-वे पर चौकी: एक्सप्रेस-वे पर बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए, प्रत्येक 100 किलोमीटर की दूरी पर फायर टेंडर सहित एक छोटी फायर चौकी स्थापित की जाएगी, ताकि 'गोल्डन ऑवर' के भीतर राहत व बचाव कार्य प्रारंभ किया जा सके।

  • त्वरित उपलब्धता: प्रत्येक जिले में फायर एवं आपात सेवाओं की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चूंकि फायर सर्विस जनता के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से सीधे जुड़ी है, इसलिए विभाग के पुनर्गठन की प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए, ताकि इसका लाभ शीघ्र जनता तक पहुँच सके। उल्लेखनीय है कि कुशीनगर, आजमगढ़, श्रावस्ती, कानपुर नगर, अयोध्या, अलीगढ़, मुरादाबाद, चित्रकूट और सोनभद्र एयरपोर्ट पर अग्निशमन सेवाओं की समुचित जनशक्ति पहले ही तैनात की जा चुकी है।

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