भारत सरकार से सभी हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए तुरंत ध्यान देने का आग्रह किया

Urged the Government of India to immediately pay attention to the safety of all Hindus
Urged the Government of India to immediately pay attention to the safety of all Hindus

लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।बंगलादेश में हिंदू और अल्पसंख्यकों के घर भयंकर अत्याचार हो रहा है। इससे हम सब सर्वविदित है और आहत भी। इसी क्रम में बांग्लादेश में हिंदू नरसंहार एवं भारत की सुरक्षा रणनीति विषय पर व्याख्यान एवं संवाद का आयोजन किया गया

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सुशील पंडित ने हिंदू आबादी के साथ हो रहे जघन्य अपराध और मानसिक वेदना के बारे में बताया। साथ ही साथ भारत सरकार से सभी हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए तुरंत ध्यान देने का आग्रह किया। नहीं तो वो दिन दूर नहीं होगा, बाकी देशों की तरह बांग्लादेश भी हिन्दू विहीन हो जाएगा।

बांग्लादेश की हालिया घटना पर जहाँ एक व्यापक नरसंहार अपनी चरम अवस्था में है. जहां अल्पसंख्यक हिन्दू होना एक अभिशाप भर है ...जहां बच्चे से लेकर बूढ़े तक एक कतार में हैं कत्ल होने के ... वहीं दूसरी तरफ एक फेहरिस्त है ऐसे लोगों की जो अनभिज्ञ हैं वस्तुस्थिति से... जो नही जानते वर्तमान और न भविष्य की आशंकाओं को...बस उन्हीं के लिए जो भारत वर्ष में एक दूसरा कश्मीर नहीं होना देखना चाहते और जो जानना चाहते है कि बांग्लादेश में आज क्या कुछ घट रहा.....

इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य चिन्मय मिशन लखनऊ ने बताया कि हिन्दुओं को महाभारत से सीखने की जरूरत है, जब अधर्म को उखाड़ फेंकने के लिए युद्ध की जरूरत पड़ती है तो । धर्म स्थापना के लिए शस्त्र भी उठाना पड़े तो उठाना चाहिए। बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार आरम्भ से होता आया है। इस समय स्थिति और भयावह हो चली है। 1947 ईस्वी में जब देश का विभाजन हुआ और पूर्वी पाकिस्तान (पूर्वी बगाल जो 1971 ईस्वी से बांग्लादेश कहलाया) बना, उस समय यानी 14 अगस्त 1947 ईस्वी को पूर्वी बंगाल में हिंदुओं की आबादी कुल जनसंख्या का 33 प्रतिशत थी। 1971 ईस्वी तक यह 20% रह गयी।
उसके तील दशक बाद, 2001 में यह मात्र 10% रह गयी। 2020 ईस्वी में यह 8% रह गयी। अभी यह 7.53% है। इस लुप्त आबादी का एक से दो प्रतिशत भाग पलायित होकर भारत आया है। शेष या तो मारे गये या धर्मान्तरित करा लिए गए।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मेजर जनरल एके चतुर्वेदी जी ने बंगलादेश के बनने की परिस्थितियों और उसके बाद हुए सत्ता परिवर्तन के कारण और उससे फैले धार्मिक उन्माद के बारे में विस्तार से बताया। उक्त व्याख्यान और संवाद का आयोजन सावरकर विचार मंच, चिन्मय मिशन लखनऊ, कपिलेश्वर वैदिक गुरुकुलम लखनऊ, STRIV, आदि ज्योति IAS एवं नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन आदि संगठन सामूहिक प्रयास से किया गया।

Share this story