USDT Crypto Fraud: लखनऊ में करोड़ों की क्रिप्टो ठगी करने वाला अंतरराज्यीय गिरोह गिरफ्तार

अवैध 'क्रिप्टो ट्रेडिंग' के बहाने म्यूल खातों से करोड़ों रुपये का लेन-देन, 8 आरोपी गिरफ्तार
 
ठगी का तरीका – क्रिप्टो ट्रेडिंग का मुखौटा इस जटिल ठगी में कई चरण शामिल थे:  1️⃣ विदेशी नेटवर्क का संचालन गिरोह का नियंत्रण विदेशी (मुख्यतः चीनी नागरिकों) टेलीग्राम हैंडलरों के पास था, जो TRC-20 नेटवर्क पर USDT ट्रेडिंग को समन्वित करते थे। संचार एन्क्रिप्टेड और बार-बार बदलते यूजरनेम्स के ज़रिए होता था।  2️⃣ म्यूल अकाउंट्स की नियुक्ति भारतीय नागरिकों को कमीशन के बदले उनके बैंक खातों को लेनदेन के लिए इस्तेमाल करने के लिए नियुक्त किया गया। कई मामलों में फर्जी केवाईसी दस्तावेजों का प्रयोग भी सामने आया।  3️⃣ एक ही दिन में नकद निकासी NEFT, RTGS और IMPS के जरिए लाखों की रकम खातों में डालकर तुरंत नकद निकासी करवाई जाती थी। एजेंट स्वयं खाता धारकों को बैंक ले जाकर यह प्रक्रिया पूरी करवाते थे।  4️⃣ नकदी का क्रिप्टो में कन्वर्ज़न निकाली गई नकद राशि क्रिप्टो डीलरों को सौंपी जाती थी, जो इसे P2P प्लेटफॉर्म्स पर कई डीसेंट्रलाइज्ड वॉलेट्स के माध्यम से USDT में बदल देते थे। इन सभी लेनदेन का कोई वैध रिकॉर्ड नहीं होता।  5️⃣ वैध दस्तावेजों का अभाव पूछताछ में आरोपी खुद को क्रिप्टो ट्रेडर बताते हैं, लेकिन ये कोई वैध KYC, GST चालान, टैक्स दस्तावेज या एक्सचेंज लेज़र पेश नहीं कर पाए। यह पूरी गतिविधि धन शोधन (Money Laundering) और अंतरराष्ट्रीय फंड ट्रांसफर के संदेह को और गहरा करता है।  👤 गिरफ्तार आरोपी सत्यम तिवारी, 21 वर्ष, मोहनलालगंज, लखनऊ  दिवाकर विक्रम सिंह, 21 वर्ष, बस्ती  सक्षम तिवारी, 21 वर्ष, रायबरेली  विनोद कुमार, 24 वर्ष, गोंडा  क्रिश शुक्ला, 25 वर्ष, जानकीपुरम, लखनऊ  मो. शाद, 31 वर्ष, बाराबंकी  लईक अहमद, 32 वर्ष, गोण्डा (वर्तमान निवास: लखनऊ)  मनीष जायसवाल, 40 वर्ष, नीलमथा बाजार, लखनऊ

लखनऊ। साइबर अपराध शाखा लखनऊ और थाना गोसाईगंज की संयुक्त टीम ने USDT (Tether) आधारित फर्जी क्रिप्टो ट्रेडिंग रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए एक बड़े ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह अवैध तरीके से म्यूल खातों का उपयोग कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी कर रहा था।

इस ऑपरेशन को संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) के निर्देशन और पुलिस उपायुक्त, अपर पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त (गोसाईगंज व अपराध) के पर्यवेक्षण में अंजाम दिया गया। 21 जून 2025 को आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इनके खिलाफ थाना साइबर क्राइम लखनऊ में मु.अ.सं. 98/2025 के अंतर्गत BNS की विभिन्न धाराओं और IT एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

ठगी का तरीका – क्रिप्टो ट्रेडिंग का मुखौटा

 विदेशी नेटवर्क का संचालन

गिरोह का नियंत्रण विदेशी (मुख्यतः चीनी नागरिकों) टेलीग्राम हैंडलरों के पास था, जो TRC-20 नेटवर्क पर USDT ट्रेडिंग को समन्वित करते थे। संचार एन्क्रिप्टेड और बार-बार बदलते यूजरनेम्स के ज़रिए होता था।

 म्यूल अकाउंट्स की नियुक्ति

भारतीय नागरिकों को कमीशन के बदले उनके बैंक खातों को लेनदेन के लिए इस्तेमाल करने के लिए नियुक्त किया गया। कई मामलों में फर्जी केवाईसी दस्तावेजों का प्रयोग भी सामने आया।

 एक ही दिन में नकद निकासी

NEFT, RTGS और IMPS के जरिए लाखों की रकम खातों में डालकर तुरंत नकद निकासी करवाई जाती थी। एजेंट स्वयं खाता धारकों को बैंक ले जाकर यह प्रक्रिया पूरी करवाते थे।

 नकदी का क्रिप्टो में कन्वर्ज़न

निकाली गई नकद राशि क्रिप्टो डीलरों को सौंपी जाती थी, जो इसे P2P प्लेटफॉर्म्स पर कई डीसेंट्रलाइज्ड वॉलेट्स के माध्यम से USDT में बदल देते थे। इन सभी लेनदेन का कोई वैध रिकॉर्ड नहीं होता।

 वैध दस्तावेजों का अभाव

पूछताछ में आरोपी खुद को क्रिप्टो ट्रेडर बताते हैं, लेकिन ये कोई वैध KYC, GST चालान, टैक्स दस्तावेज या एक्सचेंज लेज़र पेश नहीं कर पाए। यह पूरी गतिविधि धन शोधन (Money Laundering) और अंतरराष्ट्रीय फंड ट्रांसफर के संदेह को और गहरा करता है।

 गिरफ्तार आरोपी

  1. सत्यम तिवारी, 21 वर्ष, मोहनलालगंज, लखनऊ

  2. दिवाकर विक्रम सिंह, 21 वर्ष, बस्ती

  3. सक्षम तिवारी, 21 वर्ष, रायबरेली

  4. विनोद कुमार, 24 वर्ष, गोंडा

  5. क्रिश शुक्ला, 25 वर्ष, जानकीपुरम, लखनऊ

  6. मो. शाद, 31 वर्ष, बाराबंकी

  7. लईक अहमद, 32 वर्ष, गोण्डा (वर्तमान निवास: लखनऊ)

  8. मनीष जायसवाल, 40 वर्ष, नीलमथा बाजार, लखनऊ

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