लखनऊ में उत्तर प्रदेश- जर्मनी एग्री बिजनेस कॉन्क्लेव का हुआ आयोजन
सूर्य प्रताप शाही, कैबिनेट मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान, उत्तर प्रदेश सरकार, अनिल राजभर कैबिनेट मंत्री, समन्वय, श्रम एवं रोजगार, उत्तर प्रदेश सरकार, कृषि राज्यमंत्री, बलदेव सिंह औलख, श्री दिनेश प्रताप सिंह, मा. राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात, उत्तर प्रदेश, मनोज कुमार सिंह, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, श्री देवेश चतुर्वेदी, कृषि उत्पादन आयुक्त, उत्तर प्रदेश, . फैज़ अहमद किदवई, अतिरिक्त सचिव, कृषि एवं कृषि विभाग किसान कल्याण, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, सरकार भारत एवं डॉ. फिलिप एकर्मन भारत में जर्मनी संघीय गणराज्य के राजदूत भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर कृषि एवं उद्यान क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जर्मन एग्रीबिजनेस एलायंस (GAA) और उत्तर प्रदेश कृषि विविधीकरण योजना (यूपी डास्प) मध्य एक समझौता ज्ञापन MOU भी हस्ताक्षरित किया गया।
कॉन्क्लेव में कृषि क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों द्वारा स्मार्ट कृषि और डिजिटल खेती, खेती में मशीनों के उपयोग की महत्वपूर्णता, खेती में कीटों और रोगों के प्रबंधन के लिए उपाय तथा कुशल पोषक तत्व प्रबंधन सम्बंधित विषयों पर प्रस्तुतिकरण किया गया। कॉन्क्लेव में वर्ल्ड बैंक, WRG 2030, प्रॉम्प्ट इक्विपमेंट्स तथा कृषि क्षेत्र की अन्य महत्वपूर्ण कंपनियों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।
सूर्य प्रताप शाही, कैबिनेट मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा, "
कॉन्क्लेव में कृषि क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों द्वारा स्मार्ट कृषि और डिजिटल खेती, खेती में मशीनों के उपयोग की महत्वपूर्णता, खेती में कीटों और रोगों के प्रबंधन के लिए उपाय तथा कुशल पोषक तत्व प्रबंधन सम्बंधित पर र प्रस्तुतिकरण किया गया। कॉन्क्लेव में वर्ल्ड बैंक, WRG 2030, प्रॉम्प्ट इक्विपमेंट्स तथा कृषि की अन्य महत्व पूर्ण कंपनियों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। सूर्य प्रताप शाही, . कैबिनेट मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि" हमारे प्रदेश की कृषि में नई तकनीकों के समावेश से हम न केवल उत्पादन बढ़ा सकते हैं, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र
में संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। हमें सिर्फ उन्हें पहचानने और सही दिशा में काम करने की आवश्यकता है। जर्मनी के साथ सहयोग इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर एक आम प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था जिसमें 150 से अधिक आम की किस्में प्रदर्शित की गई, इसमें प्रदेश के प्रसिद्ध दशहरी के साथ-साथ लंगड़ा, चौंसा, सफेदा, और अन्य कई किस्मों के आम शामिल थे। जर्मनी के प्रतिनिधियों ने भी इस प्रदर्शनी में गहरी रुचि दिखाई और संभावित व्यापारिक अवसरों पर विचार-विमर्श किया।
अनिल राजभर, मा. कैबिनेट मंत्री, समन्वय, श्रम एवं रोजगार, उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने बयान में कहा, "कृषि और रोजगार का गहरा संबंध है। जब हम कृषि क्षेत्र को मजबूत करते हैं, तो रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। जर्मनी के साथ यह सहयोग हमारे किसानों और श्रमिकों के लिए एक नया आयाम खोलेगा।"
कृषि राज्यमंत्री, बलदेव सिंह औलख ने कहा, "उत्तर प्रदेश की कृषि को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए हमें आधुनिक तकनीकों और ज्ञान की आवश्यकता है। इस कॉन्क्लेव से हमें वो जरूरी जानकारियां मिलेंगी जो हमें आगे बढ़ने में मदद करेंगी।"
दिनेश प्रताप सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात, उत्तर प्रदेश, ने कहा, "उत्तर प्रदेश के बागवानी और कृषि विपणन में सुधार के लिए जर्मनी के साथ मिलकर काम करना हमारी प्राथमिकता है। इससे हम अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना सकेंगे।"
इस अवसर पर भारत में जर्मनी संघीय गणराज्य के राजदूत डॉ. फिलिप एकर्मन ने कहा कि, "उत्तर प्रदेश और जर्मनी के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। हम उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ मिलकर नई तकनीकों और प्रौद्योगिकी को साझा करने के लिए तत्पर हैं।" उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश के आम खाद और गुणवत्ता में अद्वितीय हैं। उत्तर प्रदेश के आम न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी अपनी विशिष्टता और स्वाद के लिए प्रसिद्ध हैं। मैंने विश्व के कई हिस्सों में आम खाए हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के आमों का मुकाबला कोई नहीं कर सकता।