उत्तर प्रदेश बन रहा ग्लोबल इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन, योगी सरकार का फोकस अब विदेशी निवेश पर

इन्वेस्ट यूपी (Invest UP) द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई एक रिपोर्ट के अनुसार, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, फ्रांस, रूस, ताइवान, सिंगापुर और खाड़ी देशों की 150 से अधिक कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में बड़े निवेश की इच्छा जताई है। इन संभावित निवेशकों के साथ 'वन-टू-वन' बैठकें जारी हैं और कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर की तैयारी चल रही है।
अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी: फोकस कंट्री डेस्क की प्रगति
विदेशी निवेश को धरातल पर उतारने के लिए इन्वेस्ट यूपी विभिन्न देशों के साथ सक्रिय रूप से संवाद कर रहा है:
एशियाई दिग्गज
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जापान: विश्व एक्सपो, ओसाका के दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकें हुईं। JETRO और भारतीय मिशनों के साथ नियमित वार्ताएं जारी हैं। अब तक 30 से अधिक जापानी कंपनियों के साथ बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें से कुछ परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग चरण में हैं।
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दक्षिण कोरिया: इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स को साझीदार बनाया गया है। कोरिया की शीर्ष 25 कंपनियों से संपर्क स्थापित किया गया है, और जल्द ही महत्त्वपूर्ण MoU पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
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ताइवान (इलेक्ट्रॉनिक्स): सितंबर 2025 में बेंगलुरु में आयोजित इलेक्ट्रोनिका इंडिया एक्सपो के दौरान 40 से अधिक ताइवानी कंपनियों के साथ बैठकें की गईं, जिससे राज्य में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में निवेश की बड़ी संभावनाएं खुली हैं।
यूरोप और मध्य पूर्व
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जर्मनी, फ्रांस और रूस: इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स से संपर्क स्थापित किया गया है। भारत और रूस में बीटूजी (बिजनेस टू गवर्नमेंट) बैठकों और गोलमेज वार्ताओं के माध्यम से निवेश पर चर्चा हुई है। 13 से अधिक यूरोपीय कंपनियों ने यूपी में निवेश में गहरी रुचि दिखाई है।
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सिंगापुर और खाड़ी देश (गल्फ): गल्फ की 20 से अधिक और सिंगापुर की 25 से अधिक कंपनियों ने वर्चुअल सम्मेलनों में भाग लिया। ये कंपनियाँ मुख्य रूप से आईटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निवेश की इच्छा जता रही हैं।
निवेश का प्रभाव
योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वैश्विक रफ्तार प्रदान करेगी। विदेशी निवेश से न केवल बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे, बल्कि प्रदेश को राष्ट्रीय औद्योगिक हब बनाने की दिशा में भी निर्णायक प्रगति होगी। इस निवेश से तकनीकी सहयोग और राज्य की समग्र उत्पादन क्षमता में भी भारी इज़ाफा होगा।
