उत्तर प्रदेश पुलिस को डिजिटल क्षेत्र में दो प्रतिष्ठित पुरस्कार, डीजीपी प्रशांत कुमार को “डिजिटल विजनरी अवॉर्ड” से नवाजा गया

Uttar Pradesh Police gets two prestigious awards in the digital sector, DGP Prashant Kumar awarded with “Digital Visionary Award”
 
Uttar Pradesh Police gets two prestigious awards in the digital sector, DGP Prashant Kumar awarded with “Digital Visionary Award”
लखनऊ डेस्क (आर. एल. पांडेय)। डिजिटल नवाचारों के प्रभावी क्रियान्वयन और आम जनता से मजबूत संवाद स्थापित करने के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश पुलिस को एक बड़ी उपलब्धि मिली है। पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार को उनके दूरदर्शी नेतृत्व और डिजिटल तकनीक के सफल प्रयोग के लिए "Digital Visionary Award" से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें जन शिकायतों के त्वरित समाधान, कानून व्यवस्था की मजबूती और आधुनिक तकनीकों के समावेश के लिए प्रदान किया गया।

डिजिटल मीडिया पुलिसिंग में भी उत्तर प्रदेश अव्वल

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस को "Excellence in Digital Media Policing Award" भी मिला है। यह सम्मान DGP के जनसंपर्क अधिकारी एवं सोशल मीडिया प्रभारी राहुल श्रीवास्तव को उनकी भूमिका और प्रभावशाली डिजिटल रणनीति के लिए दिया गया। ये दोनों पुरस्कार प्रसिद्ध संस्थानों MAAC और NOMES द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किए गए।

डिजिटल बदलाव की दिशा में अहम कदम

पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया, त्वरित संवाद प्रणाली, डिजिटल शिकायत निवारण, साइबर सुरक्षा और जनजागरूकता अभियानों में नए मानक स्थापित किए हैं।
DGP प्रशांत कुमार ने इस अवसर पर कहा: “हम MAAC के आभार व्यक्त करते हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस आने वाले समय में भी डिजिटल तकनीकों को अपनी कार्यप्रणाली का अभिन्न हिस्सा बनाए रखेगी, ताकि हम आधुनिक चुनौतियों का प्रभावी तरीके से सामना कर सकें।”

प्रेरणा बनी यूपी पुलिस की पहल

MAAC के निदेशक रमन शर्मा ने अपने संदेश में कहा: “उत्तर प्रदेश पुलिस और DGP प्रशांत कुमार द्वारा किया गया डिजिटल सशक्तिकरण अन्य राज्यों की पुलिस के लिए प्रेरणादायक है। हमें विश्वास है कि यह पहल राष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक बदलाव की दिशा तय करेगी।”

गौरव की बात पूरे प्रदेश के लिए

यह सम्मान न केवल उत्तर प्रदेश पुलिस की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन यात्रा की सराहना करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि तकनीक के माध्यम से पुलिसिंग कैसे अधिक पारदर्शी, तेज़ और भरोसेमंद बन सकती है। यह उपलब्धि सिर्फ उत्तर प्रदेश पुलिस ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है।

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