वैभव सूर्यवंशी: भारतीय क्रिकेट का उभरता सितारा, जिसने रच दिए कम उम्र में बड़े रिकॉर्ड
Vaibhav Suryavanshi: The rising star of Indian cricket, who created big records at a young age
Sat, 12 Jul 2025
भारतीय क्रिकेट को एक नई ऊर्जा और आक्रामकता देने वाले बल्लेबाज़ वैभव सूर्यवंशी ने बेहद कम उम्र में ऐसे कारनामे किए हैं, जो बड़े-बड़े दिग्गजों के लिए भी सपना होते हैं। बिहार के समस्तीपुर ज़िले के ताजपुर गांव में जन्मे वैभव ने मात्र 4 वर्ष की आयु में क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा और तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा।
शुरुआत से ही असाधारण प्रदर्शन
9 साल की उम्र में उन्होंने समस्तीपुर क्रिकेट अकादमी में दाखिला लिया, जहां से उनकी प्रतिभा को सही दिशा और गति मिली। सिर्फ 12 साल की उम्र में वैभव ने विनू मांकड़ ट्रॉफी में बिहार की ओर से खेलते हुए 5 मैचों में 400 रन ठोक दिए और अपनी प्रतिभा से सभी को चौंका दिया।
इस शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें बिहार की रणजी टीम में शामिल किया गया और जनवरी 2024 में मुंबई के खिलाफ उन्होंने महज 12 साल 284 दिन की उम्र में फर्स्ट क्लास डेब्यू किया। इससे वे भारत के सबसे युवा प्रथम श्रेणी खिलाड़ियों में शामिल हो गए।
आईपीएल में धमाकेदार एंट्री
आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को ट्रायल के बाद अपनी टीम में चुना। उन्होंने केवल 14 साल 23 दिन की उम्र में आईपीएल डेब्यू किया और पहले ही मैच में 20 गेंदों में 34 रन बनाए, जिसकी शुरुआत पहली ही गेंद पर छक्का जड़ते हुए की।
लेकिन असली सनसनी उन्होंने 28 अप्रैल 2025 को गुजरात टाइटंस के खिलाफ मचाई, जब उन्होंने सिर्फ 35 गेंदों में शतक ठोकते हुए 38 गेंदों में 101 रन बनाए। यह आईपीएल इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक और किसी भी भारतीय खिलाड़ी द्वारा सबसे तेज शतक है। इस धमाकेदार पारी में उन्होंने 7 चौके और 11 छक्के लगाए, और 93% रन बाउंड्री से बनाए।
अंडर-19 क्रिकेट में भी रहा दबदबा
वैभव का करिश्मा सिर्फ आईपीएल तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने जुलाई 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ अंडर-19 वनडे सीरीज के चौथे मैच में 52 गेंदों में शतक जड़ा, जिसमें 13 चौके और 10 छक्के शामिल थे। पूरी सीरीज में उन्होंने 5 मैचों में 355 रन बनाए, जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल था। उनका स्ट्राइक रेट 174.01 रहा, जो उनकी विस्फोटक बल्लेबाज़ी का स्पष्ट प्रमाण है।
इसके अलावा, अंडर-19 टेस्ट में भी उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिर्फ 58 गेंदों में शतक जड़कर नया रिकॉर्ड बनाया। यह किसी भी भारतीय खिलाड़ी द्वारा सबसे तेज अंडर-19 टेस्ट शतक है।
सफलता के पीछे परिवार और कोच की मेहनत
वैभव की सफलता में उनके पिता और कोच मनीष ओझा की अहम भूमिका रही है। उनके पिता ने बचपन से ही उन्हें प्रेरित किया, जबकि कोच ने न केवल तकनीकी कौशल पर ध्यान दिया बल्कि मानसिक दृढ़ता को भी मजबूत किया। यही कारण है कि वैभव बड़े मुकाबलों में भी आत्मविश्वास के साथ खेलते हैं और दबाव में भी अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं।
जुनून की मिसाल
कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना हर किसी के बस की बात नहीं, लेकिन वैभव सूर्यवंशी ने यह कर दिखाया है। आईपीएल, अंडर-19 वनडे और टेस्ट — हर फॉर्मेट में उन्होंने शतक जड़कर साबित कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है।
