वनतारा की गुहार – रोका जाए नमीबिया में जानवरों का वध
हाथियों और दरियाई घोड़ों समेत 700 जानवरों को मारा जाना है
भारत स्थित नमीबिया के दूतावास को लिखे पत्र में वनतारा ने जानवरों को संरक्षण देने का इरादा जताया है। वनतारा ने लिखा है कि वे नमीबिया सरकार द्वारा मारे जाने के लिए चिन्हित जानवरों को उम्र भर या अस्थाई तौर पर घर देने को उत्सुक है। ताकी जानवरों की कीमती जानें बचाई जा सकें।
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि सूखे के कारण नमीबिया की लगभग 84% खाद्य आपूर्ति समाप्त हो गई है। देश में उपजे खाद्य संकट से निपटने के लिए 700 से अधिक जंगली जानवरों को मारने की तैयारी है। नमीबिया के पर्यावरण, वानिकी और पर्यटन मंत्रालय द्वारा घोषित लिस्ट के अनुसार, 83 हाथियों, 60 भैंसों, 30 दरियाई घोड़ों, 100 ब्लू वाइल्डबीस्ट, 50 इम्पाला और 300 ज़ेबरा को मारा जाना है।
नमीबिया सरकार और वहां के अन्य संगठनों के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर की
वनतारा ने जानवरों का वध रोकने के लिए नमीबिया सरकार और वहां के अन्य संगठनों के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर की है। वनतारा संस्थान को भरोसा है कि सब मिलकर इन जानवरों को एक नई जिंदगी दे पाएंगे। नमीबिया दूतावास की ओर से अभी कोई उत्तर नहीं मिला है, पर वनतारा को उम्मीद है कि वे जानवरों को बचा पाएंगे।
वनतारा के कर्ता धर्ता अनंत अंबानी को वन्यजीवों से अगाध प्रेम है। अनंत ने ही वनतारा की कल्पना की थी। आज वनतारा में 200 से अधिक हाथी और 300 से अधिक बाघ, शेर, जगुआर और तेंदुए जैसे जंगली जानवर हैं। 3500 एकड़ में फैले वनतारा में जानवरों की देखभाल के लिए 2 हजार से अधिक कर्मचारीहैं। इसके अलावा वर्ल्ड क्लास अस्पताल और रिसर्च सेंटर भी वनतारा का हिस्सा हैं।