अदिति की कड़ी मेहनत को विनोबा सेवा आश्रम का सलाम, आश्रम में हुआ भव्य स्वागत
उसने अपने पिता की अंतिम सांस लेने से पहले वायदा किया था कि आपका सपना पूरा करेंगें। क्योंकि महेंद्र रायजादा जीवन बीमा निगम के क्षेत्र में एक बड़ा नाम बन चेयरमैन क्लब सदस्य के पायदान पर पहुंचने से बन चुका था अनेक वर्षों में महेंद्र अपने क्षेत्र में प्रथम आते रहे। कोरोना के संघर्ष से वे भी हार गए थे।अदिति के पिता जी महेंद्र रायजादा अपनी बेटी को बी टेक की पढ़ाई करने हेतु वनस्थली विद्यापीठ राजस्थान में भी भेजते समय खूब भावुक होकर विदा किए थे।हालांकि वह स्वयं और अल्पना दोनों जाकर वनस्थली का रहन सहन और सुंदर संस्कारयुक्त सुंदर जीवन शैली देख आए थे जिससे खूब संतुष्ट थे।
विनोबा विचार प्रवाह के सूत्रधार रमेश भइया ने कहा कि अल्पना (मां) और आकाश ( बड़े भाई) जो मर्चेंट नेवी(जल जहाज) में सेवारत होने के कारण छः छः माह के लिए घर पर आना जाना ही हो पाता है। वनस्थली विद्यापीठ में हुए कैम्पस सिलेक्शन में अदिति बैंक ऑफ अमेरिका अहमदाबाद के लिए चयन हुई। बैंक में सुंदर काम करते हुए अपनी प्रगति के लिए निरंतर प्रयास करती रही। अक्टूबर माह में जब देश गांधी और शास्त्री जी की जयंती मना रहा था तब ही अदिति का चयन गोल्ड बैंक में हो गया और उन्हें हैदराबाद योगदान के लिए अपनी मां अल्पना बहन के साथ जाना पड़ा। प्रथम बार गृह जनपद पहुंचने पर अदिति आकाश दोनों का स्वागत होना अच्छा लगा।
खूब प्रगति करें यही आशीर्वाद रहेगा। अदिति रायजादा ने कहा कि हैदराबाद से दीपावली पर्व को मनाने हेतु लखनऊ एयरपोर्ट जैसे ही पहुंचे , भैया आकाश हमें रिसीव करने पहुंच चुके थे। घर आने का एक अलग ही उत्साह होता है। मेरे जीवन में विनोबा सेवा आश्रम बरतारा का एक अहम महत्व है इसलिए गांधी विनोबा को प्रणाम करने हम दोनों पहुंचे है। जहां अदिति_आकाश का स्वागत दिव्या बहन और सीना शर्मा एवं माधुरी,शशि एवं मुदित भाई , हार्दिक ,सार्थक और ओमप्रकाश द्वारा किया गया। अदिति ने गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया । आश्रम की ओर से सचिव मोहित कुमार ने दोनों को आशीर्वाद दिया। दिव्या _ सीना ने दोनों को सूत की माला, अंगवस्त्र,तथा खादी वस्त्र प्रदान किए । सबसे छोटी अदिति बिटिया बहुत बड़े बैंक की अधिकारी बनकर आज आई। जिसे देखकर आश्रम परिवार को प्रसन्नता हुई।