चेतावनी: दर्द निवारक दवाओं का अत्यधिक सेवन बन सकता है 'धीमा ज़हर'

Warning: Excessive consumption of painkillers can become 'slow poison'
 
चेतावनी: दर्द निवारक दवाओं का अत्यधिक सेवन बन सकता है 'धीमा ज़हर'

(सुभाष आनंद - विनायक फीचर्स)  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में पीठ दर्द, सिर दर्द और अन्य शारीरिक पीड़ाओं के लिए लोग बिना डॉक्टरी सलाह के धड़ल्ले से पेनकिलर दवाओं का उपयोग कर रहे हैं। चिंताजनक बात यह है कि भारत में कई लोग डॉक्टर द्वारा सुझाई गई खुराक से तीन गुना अधिक मात्रा में इन दवाओं का सेवन कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का स्पष्ट मत है कि दर्द से तुरंत राहत देने वाली ये दवाएँ, लंबे समय में मानव शरीर पर गंभीर दुष्प्रभाव डाल सकती हैं।

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डॉक्टरों की राय: दर्द निवारक दवाओं का बढ़ता खतरा

आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. निखिल गुप्ता बताते हैं कि दर्द निवारक दवाएँ तीन मुख्य प्रकार की होती हैं: स्टेरॉयड से बनी, स्टेरॉयड रहित (NSAIDs), और नशीले पदार्थों से बनी। शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले कई आरएमपी डॉक्टर अक्सर नशीली दवाओं का अधिक उपयोग करते हैं।

  • स्टेरॉयड रहित दवाएँ: डॉ. गुप्ता के अनुसार, अधिकतर लोग स्टेरॉयड रहित दर्द निवारक (जो अधिक प्रभावशाली होती हैं) का प्रयोग करते हैं।

  • नशीली दवाओं का खतरा: नशीली दवाओं का अत्यधिक प्रयोग करने से शरीर में 'जहर' पनपने लगता है।

जेनेसिस सुपर स्पेशलिटी की डॉ. कनिष्क किनरा बताती हैं कि डॉक्टर इन दवाओं को केवल निर्धारित समय और निर्धारित परिस्थितियों में ही लेने की सलाह देते हैं। उन्होंने विशेष रूप से पंजाब के आरएमपी डॉक्टरों का उल्लेख किया, जो स्टेरॉयड युक्त दर्द निवारक दवाओं का प्रयोग करते हैं, जो रोगी को त्वरित राहत तो देती हैं, पर ये दवाएँ मानव जीवन के लिए एक हल्का सा जहर बनकर उभरती हैं।

सेवन की सीमा और गंभीर दुष्परिणाम

डॉक्टरों के अनुसार, इन दवाओं का सेवन कम से कम तीन दिन और अधिक से अधिक सात दिन तक ही करना चाहिए।

सेवानिवृत्त सिविल सर्जन डॉ. रोशन लाल तनेजा ने इसके सबसे गंभीर दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला, जिनमें रक्तस्राव, उल्टी के साथ खून आना, और पेट में अल्सर का बनना प्रमुख है।

अन्य स्वास्थ्य जोखिम:

  • लीवर फेलियर: एनीमिया से पीड़ित कुछ रोगियों में इन दवाओं के अधिक सेवन से लीवर फेल होने की संभावना बढ़ जाती है।

  • पाचन समस्या: बदहजमी अथवा लीवर की समस्याओं में, दर्द निवारक दवाएँ रोगी की वर्तमान स्थिति को और खराब कर सकती हैं।

  • उच्च रक्तचाप: डॉ. रॉबिन गुप्ता के अनुसार, स्टेरॉयड रहित और नशीले पदार्थों से बनी दवाएँ रक्तचाप को बढ़ाकर हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) का कारण बन सकती हैं।

  • हार्ट अटैक: अनिल बागी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. कमल बागी का कहना है कि जिन्होंने अधिक मात्रा में दर्द निवारक दवाएँ ली हैं, उनमें हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है।

  • लत: डॉ. कनिष्क किनरा ने चेतावनी दी कि कुछ दवाएँ, जैसे ट्रामाडोल, लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर उसकी लत लग सकती है।

शराब के साथ जानलेवा कॉकटेल

डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि शराब के साथ दर्द निवारक दवाई का प्रयोग अत्यंत हानिकारक हो सकता है, क्योंकि यह एक 'कॉकटेल' बनाता है, जिससे कभी-कभी जान का खतरा भी बन सकता है।

सेवन से पहले, मरीजों को डॉक्टर को अपनी शराब पीने की आदत के बारे में सच-सच बताना चाहिए, ताकि डॉक्टर ऐसी दवाएँ निर्धारित करें जो हानिकारक सिद्ध न हों।

सभी विशेषज्ञ डॉक्टरों का यही मत है कि दर्द निवारक दवाएँ आपके शरीर के लिए जहर साबित हो सकती हैं। इसलिए, डॉक्टर की सलाह के बिना ऐसी कोई भी दवाई नहीं लेनी चाहिए।

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