भविष्य की आधारशिला रखते समय पर्यावरण संतुलन और प्राकृतिक संपदा का विशेष ध्यान रखें

महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद केंद्र की स्थापना युवाओं को भारत एवं विश्व के सतत भविष्य की अवधारणा वं नव चेतना से परिपूर्ण करने के उद्देश्य से किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि, श्री विनायक शर्मा ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि, आज समूचा विश्व विज्ञान, विकास और प्राकृतिक संसाधनों की सीमित मात्रा के बीच में संतुलन बना रहा है। अब समय आ गया है कि हम विकास को सतत भविष्य की कल्पनाओं के अंतर्गत रेखांकित करें। विकास हमें विनाश की ओर न ले जाए हमें ऐसे सतत विकास और सतत भविष्य के लिए कार्य करना है। आज के युवा कल के विश्व के ध्वजवाहक हैं। सबसे ज्यादा जिम्मेदारी आज युवाओं की है कि, भविष्य की आधारशिला रखते समय पर्यावरण संतुलन और प्राकृतिक संपदा का विशेष ध्यान रखें।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता, पूर्व स्टेट लाइजनिंग ऑफिसर, डॉ अंशु माली शर्मा ने की।उन्होंने युवाओं से धैर्यवान और जिम्मेदार बनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य सिर्फ और सिर्फ धैर्यवान और जिम्मेदार युवाओं के हाथ में है। आज का युवा बहुत ही सजग, प्रबुद्ध और गंभीर व्यक्तित्व से परिपूर्ण है। आवश्यकता है उन्हें और धैर्यवान और जिम्मेदार बनने की। यह जिम्मेदारी उनकी अपने प्रति अपने समाज के प्रति, अपने राष्ट्र और विश्व के भविष्य के प्रति निभानी होगी। इसके लिए उन्होंने युवाओं को व्यक्तित्व से संबंधित सेवेन सीज 7Cs का चारित्रिक मॉडल अपनाने की अपील की।
उन्होंने इसे विस्तार से बताते हुए कहा कि युवाओं में क्षमता, कॉन्फिडेंस, कंट्रोल, केयरफुलनेस, कनेक्टिविटी, कम्युनिकेशन और कैरैक्टर जैसे गुणो का समागम होना चाहिए। उन्होंने युवा छात्र-छात्राओं से कहा कि, नैतिकता ही व्यक्तित्व का सबसे बड़ा बल है। नैतिक बल के आगे बड़ी से बड़ी समस्याएं समर्पण कर देती हैं। उन्होंने कहां कि युवाओं को दिशात्मक प्रयास करने के लिए मोरल इंटीग्रिटी की बहुत आवश्यकता है। महाविद्यालय में आज स्थापित हुए विवेकानंद केंद्र के बारे में बताते हुए डॉ अंशुमाली शर्मा ने कहा कि आने वाले समय में महाविद्यालय के अधिक से अधिक युवा छात्र-छात्राओं को इसकी सदस्यता दी जाएगी तथा व्यक्तित्व विकास से संबंधित पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का संयोजन भी इस मंच के तले पूरे वर्ष किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रो रश्मि सोनी, डॉ सुनीता राठौर, डॉ मनीष मिश्रा डॉ विजय राज श्रीवास्तव एवं डॉ बलवंत कुमार बारी ने स्वामी विवेकानंद जी की जीवन की प्रेरक कथाओं और संस्मरणों को छात्र-छात्राओं के मध्य साझा किया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों ने स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना और रोवर्स रेंजर्स इकाई के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्राओं के अनेक प्रश्नों के उत्तर भी अतिथियों द्वारा दिए गए।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में राष्ट्रीय सेवा योजना एवम रोवर्स रेंजर्स के स्वयंसेवक तथा अन्य छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।