टीम में खेलते समय, छात्र सहयोग के महत्व को सीखते हैं:मेजर जनरल ए.के. चतुर्वेदी
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और राष्ट्रीय गीत के साथ हुई। उसके बाद हमारे विद्यार्थियों द्वारा गाए गए स्कूल गान ने कार्यक्रम को और भी शानदार बना दिया। वातावरण को और समृद्ध बनाने के लिए भरतनाट्यम के विद्यार्थियों द्वारा एक भावपूर्ण गणेश वंदना की प्रस्तुति दी गई ।
इस वर्ष 10वीं कक्षा में 265 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी और शत प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए ।143 छात्र 90% से अधिक प्राप्त करने में सफल रहे, जिनमें से 67 ने उल्लेखनीय 95% और उससे अधिक अंक प्राप्त किए। स्कूल का औसत प्रभावशाली 88.73% रहा। सभी विषयों में स्कूल का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से ऊपर है।
उपाध्यक्षा श्रीमती अंजलि जयपुरिया ने विद्यार्थिंयों, अभिभावकों और शिक्षकों को संबोधित किया और उन्हें बधाई दी। अपने भाषण में उन्होंने धर्म के वास्तविक अर्थ को समझने हेतु अपनी बात रखते हुए कहा कि, "धर्म को खोजना जीवन में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। चेतना को ऊर्ध्वगामी बनाने हेतु शिक्षा आवश्यक है। धर्म हमारी आत्मा की आवाज है। इसे पढ़ाया नहीं जा सकता बल्कि अनुभव किया जाना चाहिए। एक व्यक्ति जो सर्फिंग कर रहा है और लहरों की लय को जानता है, वही केवल उन्हें आसानी से पार कर पाएगा। उसी तरह, जीवन में लय धर्म है और जब आप धर्म का अनुभव करते हैं तो आप ही सही तरीके से जीवन जी पाएंगे।"
मुख्य अतिथि, मेजर जनरल ए.के. चतुर्वेदी ने एक प्रेरक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने छात्रों को अपनी शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि खेलों के जरिए हम अधिक अनुशासित होते हैं और इससे व्यापक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायता मिलती है। टीम में खेलते समय, छात्र सहयोग के महत्व को सीखते हैं, और खेल के माध्यम से प्राप्त ये कौशल उनके अकादमिक ज्ञान को बढ़ा सकते हैं और उनके समग्र विकास में योगदान कर सकते हैं।
इसके बाद समारोह में छात्रों की शैक्षणिक उत्कृष्टता को विशेष पुरस्कारों से सम्मानित किया गया: अक्षत गोयल को भूगोल में उत्कृष्टता के लिए अल्पना गोयल पुरस्कार और अक्षिता अग्रवाल को जीव विज्ञान में उत्कृष्टता के लिए पारुल मिश्रा पुरस्कार दिया गया।
प्रधानाचार्या के संबोधन में विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई दी गई। अपने भाषण में, उन्होंने अपने जीवन में विद्यालय के मूल्यों और प्रथाओं को बनाए रखने के बारे में बात की। उन्होंने विनम्र रहने, कृतज्ञता व्यक्त करने और हमेशा सब कुछ ईश्वर को अर्पित करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने आगे एक लक्ष्य रखने और अहंकार को दूर रखते हुए उसे प्राप्त करने के लिए समर्पित होने के महत्व पर चर्चा की।
इसके बाद 89% से 99.25% के बीच परीक्षा में स्कोर करने वाले विद्यार्थियों के लिए सम्मान समारोहों की एक श्रृंखला चली, जिसमें मेजर जनरल ए.के. चतुर्वेदी, उपाप्राचार्य, डॉ अनुपम विद्यार्थी, डॉ रश्मि सिंह और श्री विनय पाण्डेय ने योग्य विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
स्कूल की टापर अक्षिता अग्रवाल रहीं, जिन्होंने बैच में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए। कार्यक्रम में विद्यार्थियों के साथ एक बातचीत भी शामिल थी, जिससे उन्हें अपने विचार और अनुभव व्यक्त करने का अवसर मिला।
अंग्रेजी शिक्षिका श्रीमती जया जोशी के नेतृत्व में माता-पिता के साथ चर्चा ने माता-पिता को अपने बच्चों को प्रदान की गई समृद्ध शैक्षणिक यात्रा के लिए स्कूल और उसके शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का मौका दिया। उन्होंने बोर्ड परीक्षाओं के दौरान अपने बच्चों का मार्गदर्शन करने की कहानियां साझा कीं और स्कूल और उसके शिक्षकों के प्रयास की प्रशंसा की। अभिभावकों ने कहा कि शिक्षक हमारे बच्चों के लिए हमेशा उपलब्ध रहते थे, बच्चों को प्रेरित करते थे और किसी भी प्रकार के संदेह को दूर करने में मदद के लिए तैयार रहते थे।
विषय में उच्चछम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उनके संबंधित शिक्षकों द्वारा पदक प्रदान कर उनके व्यक्तिगत विषयों में असाधारण प्रदर्शन का जश्न मनाया गया।
समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ जिसने दर्शकों को गर्व और प्रेरणा से भर दिया। यह सेठ एम.आर. जयपुरिया स्कूल के विद्यार्थियों की उल्लेखनीय उपलब्धियों को दर्शाता है।