कौन याद रखता है
Koun yaad rakhata hai
Wed, 23 Jul 2025
( लेखिका नीतू माथुर)
यहा चर्चा उसी का होता है जो सामने दिखायी देता है
बीते दुखों में कौन दिलासा दे गया
ये भला किसको याद रहता है,
मौसम से ज़्यादा फ़ितरत बदल गई
रेशम के गलीचों पर पैर है उनके
गोद में उठा के उन्हें कांटो से बचाया
नेकी के फ़लसफ़े यहाँ कौन याद रखता है
उनके आंसुओ को अपनी आँखों में ले के
ख़ुशी के मोती से उनका दामन भर दिया
घाव को मरहम तकलीफ़ को तसल्ली दी
हौसले के ये सलीके कौन याद रखता है
चलो माना तुम भूल गए सब हवा ही ऐसी है
प्यार दोस्ती एतबार लफ़्ज़ बन कर रह गए
बस यही एक गुज़ारिश है तुमसे
ऐसा तुम किसी के साथ मत करना
एहसान ना कर सको तो कोई ग़म नहीं
किसी और से वादा ख़िलाफ़ी मत करना
खुदा बस एक बार ही माफ़ करता है
कोई क़हर ना तुम पर आए
मुझसे सौ बार धोखा करो चाहे
मगर तुम्हें खो ना दूं …..
कोई ऐसी ख़ता दोबारा मत करना
