हिमाचल अपडेट: मंडी आपदा पर कंगना रनौत के बयान ने मचाया बवाल, मंत्री ने दी इस्तीफा देने की सलाह

 
Why Did Himachal Minister Demand Kangana Ranaut's Resignation?

आज हम बात करेंगे हिमाचल प्रदेश के एक update पर, जो इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है। हिमाचल प्रदेश के Revenue Minister जगत सिंह नेगी ने हाल ही में बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कंगना को अपनी सांसदी से इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक मंत्री को इतना गुस्सा आ गया?

इस वीडियो में हम इस पूरे मामले डिटेल में समझेंगे कि कंगना ने ऐसा क्या कहा या किया, और क्यों हिमाचल के मंत्री इतने नाराज हैं। तो चलिए, शुरू करते हैं! 

कंगना रनौत, जिन्हें हम सभी एक famous  बॉलीवुड एक्ट्रेस के तौर पर जानते हैं, उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी। उन्होंने former chief minister वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को बड़े अंतर से हराया था, और मंडी की जनता ने उन पर भरोसा जताया। लेकिन एक साल बाद, कंगना की सांसदी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। खासकर हाल ही में हिमाचल में आई natural disaster के बाद, उनकी absence और बयानों ने विवाद खड़ा कर दिया।

मंडी जिले में भारी बारिश, बादल फटने, और landslide की वजह से भारी तबाही मची। 14 लोगों की मौत हो गई, 31 लोग लापता हैं, और सैकड़ों सड़कें और घर damaged हो गए। इस आपदा के दौरान कंगना की अनुपस्थिति और उनके बयानों ने हिमाचल की सियासत में आग लगा दी।

आपदा के 6 दिन बाद कंगना मंडी पहुंचीं, और वहां उन्होंने कहा कि उनके पास न तो कोई कैबिनेट है, न ही फंड, और न ही राहत कार्य करने की जिम्मेदारी।कंगना ने कहा, “एक सांसद के तौर पर मैं केवल प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को स्थिति से अवगत करा सकती हूं और केंद्रीय सहायता का अनुरोध कर सकती हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि राहत और पुनर्वास का काम राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, और कांग्रेस सरकार इस काम में नाकाम रही है। कंगना ने state government पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि अगर राहत कार्य इसी तरह चलते रहे, तो कांग्रेस अगले 20 साल तक सत्ता में नहीं आएगी। इन बयानों ने हिमाचल की सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को भड़का दिया। कांग्रेस नेताओं ने इसे असंवेदनशील और जनता का मजाक उड़ाने वाला बताया।

हिमाचल के Revenue Minister जगत सिंह नेगी ने कंगना पर तंज कसते हुए कहा कि अगर कंगना को राजनीति में मजा नहीं आ रहा, तो उन्हें अपनी सांसदी से इस्तीफा दे देना चाहिए। नेगी ने कहा, “कंगना को बॉलीवुड में ही मजा आता है, जहां सब कुछ आसान है। लेकिन राजनीति में काम करना पड़ता है। अगर वो  काम नहीं कर सकतीं, तो किसी और को मौका देना चाहिए।” नेगी का ये बयान कंगना के एक इंटरव्यू के जवाब में आया, जिसमें कंगना ने कहा था कि राजनीति एक “महंगा शौक” है, और सांसद की सैलरी से उनके खर्चे नहीं चलते। 

कंगना ने कहा था कि एक सांसद की सैलरी 1.24 लाख रुपये है, लेकिन उनके ड्राइवर और कुक का खर्च निकालने के बाद सिर्फ 50-60 हजार रुपये बचते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मंडी में हर जगह 300-400 किलोमीटर की दूरी है, जिसके लिए लाखों रुपये का खर्च आता है। इस बयान को सुनकर नेगी भड़क गए और उन्होंने कंगना पर जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।

कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि कंगना मंडी की सांसद के तौर पर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के समय कंगना को तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में जाना चाहिए था, लोगों की शिकायतें सुननी चाहिए थीं, और केंद्र से राहत की मांग करनी चाहिए थी। लेकिन उनके बयान लोगों को आहत करने वाले हैं। Public Works Minister विक्रमादित्य सिंह ने भी कंगना पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “किसी की मदद करने के लिए कुर्सी की जरूरत नहीं होती, इच्छाशक्ति चाहिए।” विक्रमादित्य ने यह भी कहा कि कंगना के बयानों से आपदा जैसे गंभीर मुद्दे का मजाक बन रहा है।


पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता पुनीत मल्ली ने कहा कि कंगना को संसद में आपदा का मुद्दा उठाना चाहिए था और केंद्र से राहत की मांग करनी चाहिए थी, लेकिन वह राजनीति करने में व्यस्त हैं। कंगना ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वह केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग कर रही हैं। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने की बात कही। कंगना ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने सेना, कंबल, और राशन भेजकर मदद की है, लेकिन राज्य सरकार इस मदद को लोगों तक नहीं पहुंचा रही।

उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि जनता उनकी असलियत देख चुकी है, और लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस अगले 20 साल तक सत्ता में नहीं आएगी। कंगना ने यह भी कहा कि वह एक सांसद के तौर पर अपनी सीमाओं में काम कर रही हैं, और राहत कार्यों की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।

मंडी की जनता में कंगना की absence को लेकर गुस्सा है। लोग कह रहे हैं कि आपदा के समय उनकी सांसद को तुरंत उनके बीच होना चाहिए था। कुछ लोगों का कहना है कि कंगना को जनसेवा में मजा नहीं आ रहा, तो उन्होंने सांसद का चुनाव क्यों लड़ा? सोशल मीडिया पर भी कंगना की आलोचना हो रही है। एक X पोस्ट में दावा किया गया कि कंगना बिजली बिल समय पर नहीं भरतीं और सब्सिडी लेती हैं, जिससे उनकी छवि को और नुकसान पहुंचा।

हालांकि, कंगना के समर्थकों का कहना है कि वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही हैं, और केंद्र सरकार की मदद मंडी तक पहुंच रही है। इस पूरे विवाद का असली मुद्दा यह है कि क्या एक सांसद की जिम्मेदारी सिर्फ केंद्र से फंड लाने तक सीमित है, या उन्हें आपदा जैसे समय में जनता के बीच रहकर उनकी मदद करनी चाहिए? कंगना का कहना है कि वह अपनी सीमाओं में काम कर रही हैं, लेकिन जनता और विपक्ष का मानना है कि एक सांसद को और active  होना चाहिए।

तो ये था कंगना रनौत और हिमाचल के मंत्री जगत सिंह नेगी के बीच का विवाद। कंगना की अनुपस्थिति, उनके बयान, और कांग्रेस की प्रतिक्रिया ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। अब सवाल यह है कि क्या कंगना को सचमुच इस्तीफा दे देना चाहिए, या उन्हें समय देना चाहिए ताकि वह अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर समझ सकें? आप इस बारे में क्या सोचते हैं? क्या कंगना को सांसदी छोड़ देनी चाहिए, या वह सही कर रही हैं? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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