भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर बड़ा मोड़: ट्रंप बोले – “मैं भारत से डील करने जा रहा हूं!

 
Why Did Trump Slash Tariffs on India from 50% to 15%? Russian Oil, Trade Deals & Modi's Masterstroke Exposed!

आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसी ब्रेकिंग न्यूज की जो भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है। कल्पना कीजिए – अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो कुछ महीने पहले ही भारत पर 50% टैरिफ ठोक चुके थे, अब कह रहे हैं – 'मैं भारत के साथ ट्रेड डील करने जा रहा हूं!' और वो भी सिर्फ 15% टैरिफ पर! हां, आपने सही सुना। ट्रंप ने PM मोदी की तारीफों के पुल बांधे हैं, उन्हें 'सबसे अच्छे दिखने वाले और कठोर व्यक्ति' कहा है। ये डील क्यों हो रही है? रूसी तेल का क्या रोल है? और भारत को इससे क्या फायदा? 

सबसे पहले समझते हैं ये सब कैसे शुरू हुआ। 2025 की शुरुआत में सब कुछ ठीक चल रहा था। फरवरी में PM मोदी व्हाइट हाउस गए, ट्रंप के साथ 'मिशन 500' लॉन्च किया – यानी 2030 तक भारत-US ट्रेड को 500 बिलियन डॉलर तक ले जाना। डिफेंस, एनर्जी, ग्रीन टेक – सब पर सहमति बनी। लेकिन जुलाई आया, और ट्रंप का मूड बदल गया। क्यों? रूस-यूक्रेन वॉर। ट्रंप ने भारत को रूसी तेल खरीदने पर दबाव डाला। जब मोदी ने साफ कहा – 'हमारी स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी है, सस्ता तेल जहां मिले, खरीदेंगे' – तो ट्रंप भड़क गए। 25% टैरिफ लगाया, फिर 25% और – कुल 50% भारतीय एक्सपोर्ट्स पर। स्टील, एल्युमिनियम, फार्मा, IT सर्विसेज – सब प्रभावित। भारत के एक्सपोर्टर्स को 3.8 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। विपक्ष ने मोदी पर हमला बोला – 'ट्रंप के आगे सरेंडर!'  रूसी तेल की खरीद जारी रखी, BRICS देशों से सपोर्ट लिया, और बैकचैनल टॉक्स शुरू कीं। ASEAN समिट में मीटिंग प्लान हुई। और अब, अक्टूबर 2025 में, वुहान! ट्रंप ने टोन चेंज कर लिया। अब आते हैं लेटेस्ट पर। 22 अक्टूबर को मिंट ने ब्रेकिंग रिपोर्ट दी – भारत-US नजदीक हैं एक बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) के। US टैरिफ 50% से घटाकर 15-16% कर सकता है। बदले में, भारत रूसी तेल की खरीद धीरे-धीरे कम करेगा, और US से नॉन-GMO कॉर्न व सॉयमील की इंपोर्ट बढ़ाएगा। वर्तमान में कॉर्न की कोटा 0.5 मिलियन टन है, वो बढ़ सकती है।

 ट्रंप ने 21 अक्टूबर को कहा – 'मोदी ने आश्वासन दिया कि रूसी तेल लिमिट होगा।'फिर 29 अक्टूबर को सियोल में प्रेस कॉन्फ्रेंस – ट्रंप ने कहा, 'मैं भारत के साथ ट्रेड डील करने जा रहा हूं। PM मोदी के प्रति मेरा बहुत सम्मान है। वो सबसे अच्छे दिखने वाले व्यक्ति हैं  लेकिन कठोर भी ट्रंप ने पुरानी बातें दोहराईं – इंडो-पाक टेंशन में 250% टैरिफ की धमकी देकर शांति कराई। लेकिन अब फोकस डील पर। ASEAN समिट में साइनिंग हो सकती है। ये डील सिर्फ टैरिफ नहीं – एनर्जी कोऑपरेशन, डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी शामिल। भारत के MSMEs को बूस्ट मिलेगा, GDP में 0.4% ग्रोथ का अनुमान। लेकिन सवाल – क्या रूसी तेल पर दबाव कामयाब? 

 ट्रंप ने कहा, 'मोदी और मैं बहुत करीब काम कर रहे हैं। भारत-अमेरिका रिलेशंस मजबूत होंगे।' ये बदलाव क्यों? ट्रंप को चीन, रूस, ब्राजील से टेंशन हो रही हैं। भारत जैसे स्ट्रॉन्ग पार्टनर की जरूरत। लेकिन ट्रंप की स्टाइल वही – डील के साथ पुरानी क्रेडिट लेना। इंडो-पाक पर 250% टैरिफ की बात दोहराई। लेकिन रियलिटी? मोदी ने कभी कन्फर्म नहीं किया। ये ट्रंप का 'आर्ट ऑफ द डील' है।

: मोदी ने ट्रंप की बात डिनाई क्यों नहीं की?' नवंबर तक साइनिंग, थैंक्सगिविंग पर इंप्लीमेंटेशन। लेकिन भारत को सतर्क रहना – BRICS, रूस, चीन से बैलेंस। तो ये थी भारत-US ट्रेड डील की पूरी स्टोरी। 15% टैरिफ से भारत मजबूत बनेगा, लेकिन स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी न छोड़ें। कमेंट्स में बताओ – ट्रंप का बयान सच्चा है या डील का हिस्सा? 

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