Why Isn't India Imposing a Trade Ban on Turkey : India क्यों नहीं कर रहा Turkey के साथ Trade Ban, क्या India को भी होगा इसे नुकसान

आज हम एक ऐसे सवाल का जवाब ढूंढेंगे जो हर indian के मन में है। turkey जो बार-बार पाकिस्तान का साथ देता है, उसने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी india के against स्टैंड लिया। फिर भी, india turkey पर ट्रेड बैन क्यों नहीं लगा रहा? क्या है वो असली वजह, जो शायद turkey के president को भी नहीं पता? तो चलिए जानते है आखिर क्या है पूरी खबर
पहले समझते हैं कि आखिर माजरा क्या है। turkey और पाकिस्तान की दोस्ती कोई नई नहीं है। turkey ने हमेशा पाकिस्तान को सपोर्ट किया है, चाहे वो कश्मीर का मुद्दा हो या फिर डिफेंस डील्स। हाल ही में, अप्रैल-मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, turkey ने न सिर्फ पाकिस्तान को ड्रोन और हथियार दिए, बल्कि डिप्लोमैटिक तौर पर भी उसका साथ दिया।
ऑपरेशन सिंदूर, जैसा कि आप जानते हैं, भारत की तरफ से पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक थी। इस ऑपरेशन में भारत ने 26 पर्यटकों की हत्या का बदला लिया, जो कश्मीर में एक आतंकी हमले में मारे गए थे। लेकिन turkey ने इस दौरान पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया, जिससे भारत में गुस्सा भड़क गया।
सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey ट्रेंड करने लगा। लोग turkey के सेब, मार्बल, और टूरिज्म का boycott करने की मांग करने लगे। तो सवाल ये है कि जब जनता इतनी नाराज है, और turkey की हरकतें इतनी खुली हैं, तो भारत सरकार ट्रेड बैन क्यों नहीं लगा रही ?
इसका जवाब छिपा है india और turkey के ट्रेड रिलेशन में। भारत और turkey के बीच हर साल करीब 2.99 बिलियन डॉलर का business होता है। लेकिन खास बात ये है कि भारत का turkey के साथ ट्रेड सरप्लस है। यानी, भारत turkey को जितना Import करता है, उससे ज्यादा export करता है। FY25 में भारत का turkey के साथ ट्रेड सरप्लस 2.73 बिलियन डॉलर था।
india turkey को इंजीनियरिंग गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल्स, और टेक्सटाइल्स जैसी चीजें एक्सपोर्ट करता है। ये वो सेक्टर हैं, जो भारत की economy के लिए बहुत जरूरी हैं। अगर india turkey पर ट्रेड बैन लगाता है, तो turkey को तो नुकसान होगा ही, लेकिन india के इन एक्सपोर्टर्स को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
example के लिए, अगर turkey से सेब का import बंद होता है, तो हिमाचल के सेब producers को फायदा हो सकता है। लेकिन इसके साथ ही, भारत के इंजीनियरिंग और केमिकल एक्सपोर्ट्स पर भी असर पड़ेगा, जो turkey के लिए बड़े मार्केट हैं। यही वजह है कि सरकार एक बैलेंस्ड अप्रोच अपना रही है।
अब turkey की तरफ देखते हैं। turkey की इकोनॉमी पहले से ही मुश्किल में है। वहां इन्फ्लेशन रेट बहुत ज्यादा है, और उनकी करेंसी का वैल्यू लगातार गिर रहा है। भारत से होने वाला ट्रेड turkey के लिए बहुत जरूरी है। अगर भारत ट्रेड बैन लगाता है, तो turkey को भारी नुकसान होगा।
ये सिर्फ ट्रेड की बात नहीं है, बल्कि जियोपॉलिटिक्स का बड़ा गेम है। turkey , पाकिस्तान, और अजरबैजान एक तरह का ट्रायंगल बना रहे हैं, जो भारत के लिए चिंता का विषय है। लेकिन भारत भी चुप नहीं बैठा। भारत अब आर्मेनिया को हथियार बेच रहा है, जो तुर्की और अजरबैजान का पुराना दुश्मन है।
इसके अलावा, भारत डिप्लोमैटिक तौर पर तुर्की पर दबाव बना रहा है। भारत के Ministry of External Affairs ने साफ कहा कि तुर्की को पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए कहना चाहिए। भारत ने 30 से ज्यादा देशों में डिप्लोमैटिक डेलिगेशन भेजे हैं, ताकि पाकिस्तान को ग्लोबली अलग किया जाए।
india का मकसद है कि तुर्की को बिना ट्रेड बैन के सबक सिखाया जाए। क्योंकि ट्रेड बैन से भारत को भी नुकसान हो सकता है, लेकिन स्मार्ट डिप्लोमेसी और
informal boycott से turkey को ज्यादा नुकसान होगा।
तो अब आप समझ गए होंगे कि भारत तुर्की पर ट्रेड बैन क्यों नहीं लगा रहा। ये सिर्फ Economic फैसला नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है। भारत अपनी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाए बिना तुर्की को सबक सिखा रहा है।
लेकिन इसमें हमारी भी जिम्मेदारी है। अगर हम स्वदेशी प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देंगे, तो तुर्की जैसे देशों पर हमारा दबाव और बढ़ेगा।
कमेंट में बताएं, आपको भारत की ये रणनीति कैसी लगी? क्या आपको लगता है कि भारत को ट्रेड बैन लगाना चाहिए?