भारत में भव्य शादी की वापसी के बाद गोवा और उदयपुर जैसे विश्व प्रसिद्ध और उभरते हुए डेस्टिनेशंस आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।भारत में शादी करने के तौर-तरीकों में बदलाव देखा जा रहा है। विंधम होटल्स एंड रिसॉर्ट्सद्वारा जारी एक नई रिपोर्ट में भारतीय शादी की योजनाओं में हो रहे दिलचस्प बदलावों का खुलासा किया गया है। बदलावसंबंधी यह रिपोर्ट हाल ही में सगाई या शादी कर चुके 1,000 लोगों के सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें बताया गया है किगोवा, उदयपुर और जयपुर जैसी जगहें अब भी शादी के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य स्थान बनी हुई हैं। दूसरी तरफ,दार्जिलिंग, अमृतसर, मसूरी और देहरादून जैसे सुंदर और शांत स्थान भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। ये जगहें अपनीप्राकृतिक खूबसूरती और अनोखेपन के कारण कपल्स (युगलों) को आकर्षित कर रही हैं। यह बदलाव इस बात को दर्शाता है
कि आज के युगल अपने खास दिन को पारंपरिक तरीकों से अलग हटकर और भी ज्यादा निजी, यादगार और खास बनानाचाहते हैं।इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि आज की शादियों में परिवार और दोस्तों के साथ स्थायी यादें बनाने पर खासध्यान दिया जा रहा है। बड़ी और कई दिनों तक चलने वाली शादियों का चलन फिर से लौटता हुआ दिख रहा है। युवापीढ़ी, खासकर नई पीढ़ी (ज़ेन ज़ी), अपनी शादी में बजट का ध्यान रखते हुए भी भव्यता का एक अच्छा संतुलन बनाने कीकोशिश कर रही है। वे शादी की योजना बनाते समय व्यावहारिक दृष्टिकोण अपना रहे हैं।
यह बदलाव दिखाता है कि लोगअब प्रामाणिक और अपनी जरूरतों के अनुसार अनोखे समारोहों को प्राथमिकता दे रहे हैं। ये समारोह न केवल परंपराओंका सम्मान करते हैं, बल्कि स्थिरता और नई तकनीकों जैसे आधुनिक पहलुओं को भी अपना रहे हैं।देश भर में लगभग 60 होटलों और कई खूबसूरत जगहों पर मौजूदगी के साथ, विंधम होटल्स एंड रिसॉर्ट्स हर शादी केलिए उपयुक्त स्थान, उसकी भव्यता (व्यापकता) और बजट के अनुसार शानदार व्यवस्था प्रदान करता है। पर्यावरणसंरक्षण और तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए, विंधम शादी के बदलते रुझानों को समझने और उन्हें बेहतर बनाने केलिए तत्पर है। यह जोड़ों को उनके खास दिन को यादगार बनाने के लिए हर संभव सुविधा और सेवा प्रदान करता है।विंधम होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के अध्यक्ष, दिमित्रिस मानिकिस ने कहा, "हमारी रिपोर्ट से पता चलता है कि जोड़े अब गोवाऔर उदयपुर जैसे विशेष और वैयक्तिक (पर्सनलाइज्ड) शादी के गंतव्यों की ओर रुख कर रहे हैं। यह उनके द्वारा किये जारहे अधिक अनोखे अनुभवों की तलाश को दर्शाता है। बड़ी और लंबे समय तक चलने वाली शादी समारोहों की परंपरावापस आ रही है।
खासकर युवा पीढ़ी (ज़ेन ज़ी), जो पर्यावरण और बजट के प्रति जागरूक है, लग्जरी और तकनीक काशानदार तालमेल बना रही है। विंधम में, हम जोड़ों को उनकी जरूरतों के अनुसार अविस्मरणीय शादी समारोह कीयोजना बनाने और इसे यादगार बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं।"भारतीय शादियों की भव्यता की वापसी: जोड़े अपने खास दिन को अविस्मरणीय बनाने की तैयारी में जुटेभारतीय शादियां अपनी पुरानी भव्यता और पारंपरिक अंदाज के साथ लौट आई हैं, जिनमें औसतन 350-400 मेहमानशामिल होते हैं। मध्यम और बड़े पैमाने के इन समारोहों ने कोविड-19 के बाद बड़े आयोजनों की चाहत को फिर से उजागर
किया है। अब शादियां सिर्फ शादी के बंधन में बंधने का अवसर नहीं रह गई हैं, बल्कि ऐसी यादें बनाने का अवसर बन गईहैं जिन्हें जीवनभर संजोया जा सके। लगभग 52% जोड़े असाधारण और अनोखे आयोजन कर अपनी शादी को यादगारबनाना चाहते हैं, जबकि 34% लोग इसे सामाजिक और पारिवारिक अपेक्षाओं के दबाव का परिणाम मानते हैं।बड़े समारोहों के इस चलन के बावजूद, बजट का ध्यान रखने वाले समारोहों की बढ़ती लोकप्रियता शादी की विविधता कोभी सामने लाती है। यह स्पष्ट है कि हर जोड़ा अपनी शादी को खास बनाने के लिए अपनी प्राथमिकताओं के अनुसारआयोजन कर रहा है।आधुनिक शादियां: बजट और सपनों के बीच संतुलनआज के जोड़े, खासकर युवा पीढ़ी, अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए बड़े सपने देखते हैं, लेकिन दूसरी तरफ बजट कोलेकर सतर्क भी रहते हैं। सोशल मीडिया के प्रभाव से प्रेरित होकर, करीब 35% जोड़े अपनी शादी को ऑनलाइन शोकेसकरने का सपना देखते हैं। हालांकि, परिवार और दोस्तों के साथ की गई शादियां आज भी एक व्यक्तिगत और प्रामाणिकअनुभव को महत्व देती हैं।
ज्यादातर युगल 25 लाख रुपये तक के बजट में अपनी शादी का आयोजन करना चाहते हैं। वेअपने प्रियजनों की मदद से सजावट और तैयारी में निजी अहसास जोड़ने प्रयास करते हैं। हालांकि, बजट का ध्यान रखने केबावजूद, वे समुद्र तट, रूफटॉप और पहाड़ी स्थानों जैसे खूबसूरत और तस्वीरों के लिए उपयुक्त जगहों को प्राथमिकता देतेहैं। यह नया नजरिया दिखाता है कि कैसे आज के युगल व्यवहारिक सोच और अपनी आकांक्षाओं को मिलाकर ऐसीशादियां कर रहे हैं, जो न केवल खास होती हैं, बल्कि रिश्तों और खूबसूरती को भी महत्व देती हैं।युगलों की पसंद: परिवार की सहूलियत के लिए स्थानीय वेन्यूशादियों में डेस्टिनेशन का आकर्षण अपनी जगह है, लेकिन आज के कपल्स पारिवारिक सुविधा को प्राथमिकता देते हुएस्थानीय स्थानों का चयन कर रहे हैं। अध्ययन से पता चला है कि केवल 11% कपल्स ही दूर-दराज के स्थलों को चुनते हैं,जबकि 40% अपने होमटाउन या आसपास के पारिवारिक स्थलों में शादी करना पसंद करते हैं। स्थानीय वेन्यू न केवलसाजो-सामान की दिक्कतों को कम करते हैं, बल्कि परिवार और दोस्तों को समारोह में शामिल होने का बेहतर मौका भी देतेहैं। इससे शादी का माहौल अधिक अंतरंग और पारिवारिक हो जाता है।गोवा, जयपुर, दार्जिलिंग और उदयपुर जैसे मशहूर स्थलों के साथ, विंधम के पास ऐसी प्रॉपर्टीज का बड़ा नेटवर्क है
जो इस ट्रेंडडिजिटल विवाह का नया दौर: तकनीक से बदल रहे शादी के अनुभवआज की शादियों में तकनीक का बढ़ता उपयोग उन्हें और खास बना रहा है। डिजिटल मेनू, ई-आमंत्रण और ड्रोन फोटोग्राफीजैसी आधुनिक सुविधाएं अब शादी समारोहों का हिस्सा बन चुकी हैं। अध्ययन से पता चलता है कि 36% जोड़ों ने एलईडीस्क्रीन का इस्तेमाल किया, 29% ने डिजिटल निमंत्रण भेजे, और 28% ने ड्रोन से अपने शादी समारोह के खूबसूरत दृश्यकैद किए। ये तकनीकी विकल्पन केवल आधुनिक और व्यक्तिगत हैं, बल्कि समारोहों को और भी खास बनाते हैं। लाइवस्ट्रीमिंग, क्यूआर कोड के जरिए मेहमानों की एंट्री और एआई-निर्मित वचन जैसी सुविधाएं शादियों में परंपरा औरआधुनिकता का अनूठा संगम पेश कर रही हैं।जीरो-वेस्ट शादियों का बढ़ता चलन: पर्यावरण का ख्यालपर्यावरण संरक्षण अब शादियों का भी हिस्सा बन गया है। कपल्स अब जीरो-वेस्ट शादियों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जहांपर्यावरण के अनुकूल विकल्प अपनाए जाते हैं। सूखे फूल, सौर लालटेन, रिसाइकिल किए गए कागज के निमंत्रण और इको-फ्रेंडली गिफ्ट्स का चलन बढ़ रहा है। सजावट में बार-बार उपयोग होने वाले सामानों का चयन और सिंगल-यूज़ प्लास्टिकका कम से कम इस्तेमाल कर, कपल्स अपने खास दिन को पर्यावरण के अनुकूल बना रहे हैं।मिलेनियल्स कपल्स अपनी शादी को सिर्फ एक उत्सव तक सीमित नहीं रखते, बल्कि इसे समाज सेवा का माध्यम भी बना रहे हैं। रिपोर्ट बताती है कि हर दस में से एक जोड़ा अपनी शादी की धनराशि का एक हिस्सा दान कर, समाज में
सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है। ये ट्रेंड्स दिखाते हैं कि आज की शादियां केवल पारंपरिक रस्मों तकसीमित नहीं हैं, बल्कि वे व्यक्तिगत, टिकाऊ और सामाजिक रूप से जागरूक भी बन रही हैं।बजट के अनुसार बदलता है शादी समारोह का स्वरूपआजकल शादियों में खर्च की योजना बजट पर आधारित हो रही है, जिसमें हर परिवार अपनी प्राथमिकताओं के अनुसारतैयारी कर रहा है। शोध से पता चला कि 46% लोग 10 लाख रुपये तक के बजट में अपनी शादी करने की योजना बना रहेहैं, जो साधारण लेकिन खास समारोहों को प्राथमिकता देने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। 30% लोग 10 से 25 लाख रुपये केबीच खर्च करके अधिक विस्तृत और भव्य कार्यक्रमों का विकल्प चुन रहे हैं। वहीं, 9% ने 25 से 40 लाख रुपये का बजट तयकिया है, जिसमें प्रीमियम अनुभव और शानदार आयोजन शामिल हैं। इसके अलावा, 9% ने 45 लाख रुपये से अधिक काखर्च करने की योजना बनाई है, जो बड़ी और आलीशान शादियों की ओर बढ़ते रुझान को दिखाता है। शादी समारोहों मेंअब परिवार और दोस्तों की अधिक भागीदारी देखी जा रही है। लोग सजावट, व्यंजनों और अन्य तैयारियों में मिलकर कामकर रहे हैं। यह सहयोगात्मक दृष्टिकोण न केवल खर्च को नियंत्रित करने में मदद करता है, बल्कि उत्सव को और भीव्यक्तिगत और खास बनाता है।
आज की भारतीय शादियां तकनीक और पारंपरिकता का अनूठा संगम बन गई हैं। लोग अपने बजट और जरूरतों केअनुसार आयोजन स्थलों का चयन कर रहे हैं। विंधम होटल्स की व्यापक संपत्तियां युगलों को अपनी पसंद का आयोजनस्थल चुनने में मदद कर रही हैं। चाहे वह उदयपुर जैसा शानदार स्थान हो, दार्जिलिंग जैसी शांत जगह, या फिर अपना घर,हर शादी को खास और यादगार बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
विंधम होटल्स के अध्यक्ष, दिमित्रिस मनिकिस ने कहा "विंधम में हम जोड़ो को उनके खास दिन कोयादगार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे उदयपुर जैसी लोकप्रिय जगह में शादी करना चाहते हों या फिरदार्जिलिंग की खूबसूरत वादियों में या अपने शहर में, हमारा मानना है कि हर शादी अनोखी होती है। औरहमारी यही कोशिश है कि हम हर युगल के सपनों को साकार करने में मदद करें। चाहे वे परंपरागत याआधुनिक जगह का चयन करें, विंधम के पास हर प्रकार के आयोजन के लिए उपयुक्त स्थल हैं, जो हरशादी को यादगार और अर्थपूर्ण बनाते हैं।"विंधम की शादी की पेशकशों के बारे में अधिक जानकारी और अधिक विवरण पढ़ने के लि https://www.wyndhamhotels.com/en-uk/weddings-india पर जाएं।समाप्तYouGov द्वारा अक्टूबर 2024 में 1000 नवविवाहित या हाल ही में विवाहित व्यक्तियों पर क्वांटिटेटिव रिसर्च कियागया।