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ईंट भट्ठे की दीवार गिरने से घायल महिला मजदूरों की उपचार के दौरान मृत्यु

जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जनपद के थाना पचपेड़ी के ओखर गांव निवासी हरीश्चंद्र साहू और अयोध्या पटेल परिवार समेत पांच माह पहले अतरौली के गांव घेरवा में ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करने आए थे। बुधवार देर शाम हरीश्चंद्र की पत्नी हेमलता (20) और अयोध्या की पत्नी पुष्पा (35) भट्ठे पर ईंट निकालने का काम कर रहे थे। इसी दौरान लगभग 24 इंच चौड़ी दीवार भर भराकर इन दोनों पर ढह गई। मलबे में दोनों महिला मजदूर दब गईं। आसपास काम कर रहे मजदूरों ने शोर मचाया तो मौके पर बड़ी संख्या में मजदूर एकत्र हो गए।
धीरे-धीरे हाथों से मलबा हटाकर लगभग डेढ़ घंटे बाद हेमलता और पुष्पा को निकाला जा सका। दोनों को रात में ही गंभीर हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भरावन लाया गया। यहां से चिकित्सक ने हालत गंभीर बताकर दोनों को ट्रॉमा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया। ट्रॉमा सेंटर में दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। लखनऊ में ही दोनों महिलाओं के शवों का पोस्टमार्टम बृहस्पतिवार को हुआ।
ज्ञातव्य हो कि ईंट-भट्ठे पर 40 इंंच मोटी दीवार पर कोयला तोड़ने की मशीन रखी थी। इस मशीन चलाने के लिए एक इंजन भी रखा था। यूं तो 40 इंच की मोटी दीवार इतनी आसानी से नहीं ढह सकती, लेकिन प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि लंबे समय से मशीन चलने के कारण दीवार में दरार आ गई थी और बुधवार शाम जैसे ही मशीन चलाई गई वैसे ही दीवार दरक गई और मलबे में दबकर दो महिलाओं की मौत हो गई।
अतरौली थाना क्षेत्र में बड़ी संख्या में ईंट भट्ठे हैं। इन ईंट भट़्ठों पर बिहार और छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में मजदूर ठेेके पर काम करने आते हैं। ऐसे ही मजदूरों में हरीशचंद्र और अयोध्या शामिल हैं। पत्नी भी मजदूरी करती थी तो रकम थोड़ी ज्यादा मिल जाती थी। कौन जानता था कि पत्नी को मजदूरी के लिए ले जा रहे युवाओं का सामना पत्नी की मौत से हो जाएगा। हेमलता के परिवार में पति हरिश्चंद्र और दो बेटियां हैं। पुष्पा के
परिवार में पति अयोध्या और दो पुत्र एक पुत्री है।इस मामले में अतरौली के प्रभारी निरीक्षक दिलेश कुमार सिंह ने घटना की जानकारी होने से इन्कार किया है।